इम्फाल:
मणिपुर में करीब पांच माह से जारी यूनाइटेड नगा काउंसिल (यूएनसी) की आर्थिक नाकेबंदी रविवार मध्यरात्रि के बाद समाप्त हो जाएगी. केंद्र, राज्य सरकार और नगा समूहों की बातचीत के बाद एक आधिकारिक बयान में यह कहा गया है. सेनापति जिला मुख्यालय में आयोजित त्रिपक्षीय वार्ता के बाद जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया है, ‘यूएनसी नेताओं को बिना शर्त रिहा किया जाएगा और आर्थिक नाकेबंदी को लेकर नगा जनजातीय नेताओं और छात्र नेताओं के खिलाफ चल रहे मामलों को खत्म किया जाएगा.’ राज्य में पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार के सात नये जिले बनाये जाने के फैसले के खिलाफ यूएनसी ने एक नवंबर, 2016 को आर्थिक नाकेबंदी शुरू की थी.
बयान पर केंद्रीय गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव सत्येंद्र गर्ग, अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) जे सुरेश बाबू और मणिपुर सरकार के आयुक्त (कार्य) राधाकुमार सिंह एवं यूएनसी महासचिव एस मिलन और ऑल नगा स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सेठ सतसंग के हस्ताक्षर हैं. इम्फाल में सात फरवरी को राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या दो और 37 की नाकेबंदी को खत्म करने के लिए त्रिपक्षीय वार्ता हुई थी लेकिन वह विफल रही थी.
यह बैठक सेनापति जिला मुख्यालय पर हुई, जहां यूएनसी का मुख्य कार्यालय भी स्थित है. नगा नेताओं ने सेनापति में ही बैठक करने की शर्त रखी थी, जिस पर पिछली सरकार ने सहमति नहीं दी थी. नगा संगठन ने सात नए जिले गठित करने की मांग को लेकर बीते वर्ष एक नवंबर को यह आर्थिक नाकेबंदी शुरू की थी. नगा नेताओं का कहना है कि 'नगाओं की भूमि' को इस तरह उनसे नहीं छीना जा सकता. अब चूंकि इस मुद्दे पर समझौता हो चुका है तो न्यायिक हिरासत में चल रहे यूएनसी के अध्यक्ष गाइडॉन कामेई और प्रचार सचिव एस. स्टीफेन के जल्द रिहा होने की उम्मीद है. इसके अलावा समझौते के तहत इस आर्थिक नाकेबंदी को लेकर शुरू किए गए सभी मामले बंद किए जाएंगे.
नाकेबंदी के दौरान कुछ अज्ञात लोगों ने राजमार्ग पर कई ट्रकों को फूंक दिया, वाहन चालकों के साथ मारपीट की और सुरक्षा कर्मियों पर भी हमला किया. मिलन ने सरकार के हवाले से कहा, "राजनीतिक स्तर पर वार्ता जारी रहेगी." इस बैठक में मणिपुर सरकार की ओर से अतिरिक्त मुख्य सचिव सुरेश बाबू और आयुक्त के. राधाकुमार, केंद्र सरकार की ओर से गृह मंत्रालय में पूर्वोत्तर का प्रभार देख रहे सचिव एस. गर्ग और यूएनसी की ओर से पूर्व अध्यक्ष पॉल लीयो और एएनएसएएम तथा एनडब्ल्यूयू के नेता शामिल थे. इस आर्थिक नाकेबंदी के चलते मणिपुर में ईंधन सहित सभी उपयोगी वस्तुओं की भारी किल्लत चल रही है. एक सप्ताह में दो बार अधिक से अधिक 300 ट्रकों और तेल टैंकरों को उपयोगी सामग्री के साथ प्रवेश करने दिया जाता था, जो मांग के अनुपात में नगण्य साबित हो रहा था.
(इनपुट एजेंसी से...)
बयान पर केंद्रीय गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव सत्येंद्र गर्ग, अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) जे सुरेश बाबू और मणिपुर सरकार के आयुक्त (कार्य) राधाकुमार सिंह एवं यूएनसी महासचिव एस मिलन और ऑल नगा स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सेठ सतसंग के हस्ताक्षर हैं. इम्फाल में सात फरवरी को राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या दो और 37 की नाकेबंदी को खत्म करने के लिए त्रिपक्षीय वार्ता हुई थी लेकिन वह विफल रही थी.
यह बैठक सेनापति जिला मुख्यालय पर हुई, जहां यूएनसी का मुख्य कार्यालय भी स्थित है. नगा नेताओं ने सेनापति में ही बैठक करने की शर्त रखी थी, जिस पर पिछली सरकार ने सहमति नहीं दी थी. नगा संगठन ने सात नए जिले गठित करने की मांग को लेकर बीते वर्ष एक नवंबर को यह आर्थिक नाकेबंदी शुरू की थी. नगा नेताओं का कहना है कि 'नगाओं की भूमि' को इस तरह उनसे नहीं छीना जा सकता. अब चूंकि इस मुद्दे पर समझौता हो चुका है तो न्यायिक हिरासत में चल रहे यूएनसी के अध्यक्ष गाइडॉन कामेई और प्रचार सचिव एस. स्टीफेन के जल्द रिहा होने की उम्मीद है. इसके अलावा समझौते के तहत इस आर्थिक नाकेबंदी को लेकर शुरू किए गए सभी मामले बंद किए जाएंगे.
नाकेबंदी के दौरान कुछ अज्ञात लोगों ने राजमार्ग पर कई ट्रकों को फूंक दिया, वाहन चालकों के साथ मारपीट की और सुरक्षा कर्मियों पर भी हमला किया. मिलन ने सरकार के हवाले से कहा, "राजनीतिक स्तर पर वार्ता जारी रहेगी." इस बैठक में मणिपुर सरकार की ओर से अतिरिक्त मुख्य सचिव सुरेश बाबू और आयुक्त के. राधाकुमार, केंद्र सरकार की ओर से गृह मंत्रालय में पूर्वोत्तर का प्रभार देख रहे सचिव एस. गर्ग और यूएनसी की ओर से पूर्व अध्यक्ष पॉल लीयो और एएनएसएएम तथा एनडब्ल्यूयू के नेता शामिल थे. इस आर्थिक नाकेबंदी के चलते मणिपुर में ईंधन सहित सभी उपयोगी वस्तुओं की भारी किल्लत चल रही है. एक सप्ताह में दो बार अधिक से अधिक 300 ट्रकों और तेल टैंकरों को उपयोगी सामग्री के साथ प्रवेश करने दिया जाता था, जो मांग के अनुपात में नगण्य साबित हो रहा था.
(इनपुट एजेंसी से...)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं