कोलकाता:
पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के अनाथाश्रम से सोमवार को कम से कम 11 महिलाएं भाग गईं। इनमें दो बांग्लादेशी महिलाएं भी शामिल हैं। राज्य की एक मंत्री ने कहा कि भागना इन महिलाओं की 'प्रवृत्ति' रहती है।
उत्तरपारा थाने के एक अधिकारी ने कहा, "यहां के एक अनाथाश्रम से 11 महिलाएं सोमवार सुबह खिड़की से कूदकर भाग गईं। इनमें से दो महिलाएं बांग्लादेशी नागरिक हैं।"
पुलिस ने बताया, "भागने वाली अधिकतर महिलाएं उत्तरी 24 परगना से हैं और उन्हें भगाकर कर मुम्बई ले जाया गया था। उन्हें छुड़ाकर 23 नवम्बर को अनाथाश्रम लाया गया था।"
अनाथाश्रम के एक अधिकारी ने कहा कि महिलाओं को जब लाया गया था, तभी से वे भागने की कोशिश कर रही थीं।
अधिकारी ने कहा, "हमने जिला प्रशासन को भागी हुई महिलाओं के बारे में जानकारी दे दी है। पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी गई है, जो मामले की जांच कर रही है। भागने वाली सभी महिलाओं की उम्र 35 से 40 वर्ष के बीच है।"
इस बीच, पश्चिम बंगाल सरकार में महिला एवं बाल विकास तथा सामाजिक कल्याण मंत्री सावित्री मित्रा ने इस बात से इनकार किया कि सुरक्षा में चूक की वजह से महिलाएं अनाथाश्रम से भाग गईं। उन्होंने इसके लिए इन महिलाओं की प्रवृत्ति को जिम्मेदार ठहराया।
सावित्री ने कहा, "अनाथाश्रम की महिलाओं में भागने की प्रवृत्ति रहती है। इस मामले में यह बात सामने आई है कि वे कभी आश्रम में रहना चाहती थीं।"
अनाथाश्रम के एक अधिकारी ने भी कहा कि महिलाओं को जब से लाया गया, तभी से वे भागने के प्रयास में थीं।
उन्होंने कहा, "हमने घटना की जानकारी जिला प्रशासन को दे दी है। पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी गई है, मामले की जांच की जा रही है। भागने वाली सभी महिलाओं की उम्र 30 वर्ष के आसपास है।"
उल्लेखनीय है कि हुगली जिले के अनाथाश्रम पहले भी चर्चा में आ चुके हैं। पिछले दिनों एक अनाथाश्रम के कमरे से मानसिक रूप से बीमार एक महिला का शव बरामद हुआ था। तहकीकात में बात सामने आई थी कि दुष्कर्म के बाद हत्या कर महिला को कमरे में ही दफना दिया गया था।
उत्तरपारा थाने के एक अधिकारी ने कहा, "यहां के एक अनाथाश्रम से 11 महिलाएं सोमवार सुबह खिड़की से कूदकर भाग गईं। इनमें से दो महिलाएं बांग्लादेशी नागरिक हैं।"
पुलिस ने बताया, "भागने वाली अधिकतर महिलाएं उत्तरी 24 परगना से हैं और उन्हें भगाकर कर मुम्बई ले जाया गया था। उन्हें छुड़ाकर 23 नवम्बर को अनाथाश्रम लाया गया था।"
अनाथाश्रम के एक अधिकारी ने कहा कि महिलाओं को जब लाया गया था, तभी से वे भागने की कोशिश कर रही थीं।
अधिकारी ने कहा, "हमने जिला प्रशासन को भागी हुई महिलाओं के बारे में जानकारी दे दी है। पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी गई है, जो मामले की जांच कर रही है। भागने वाली सभी महिलाओं की उम्र 35 से 40 वर्ष के बीच है।"
इस बीच, पश्चिम बंगाल सरकार में महिला एवं बाल विकास तथा सामाजिक कल्याण मंत्री सावित्री मित्रा ने इस बात से इनकार किया कि सुरक्षा में चूक की वजह से महिलाएं अनाथाश्रम से भाग गईं। उन्होंने इसके लिए इन महिलाओं की प्रवृत्ति को जिम्मेदार ठहराया।
सावित्री ने कहा, "अनाथाश्रम की महिलाओं में भागने की प्रवृत्ति रहती है। इस मामले में यह बात सामने आई है कि वे कभी आश्रम में रहना चाहती थीं।"
अनाथाश्रम के एक अधिकारी ने भी कहा कि महिलाओं को जब से लाया गया, तभी से वे भागने के प्रयास में थीं।
उन्होंने कहा, "हमने घटना की जानकारी जिला प्रशासन को दे दी है। पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी गई है, मामले की जांच की जा रही है। भागने वाली सभी महिलाओं की उम्र 30 वर्ष के आसपास है।"
उल्लेखनीय है कि हुगली जिले के अनाथाश्रम पहले भी चर्चा में आ चुके हैं। पिछले दिनों एक अनाथाश्रम के कमरे से मानसिक रूप से बीमार एक महिला का शव बरामद हुआ था। तहकीकात में बात सामने आई थी कि दुष्कर्म के बाद हत्या कर महिला को कमरे में ही दफना दिया गया था।
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