RTI कानून के 10 साल : सीआईसी के सालाना सम्मेलन में नहीं शामिल होंगे पीएम मोदी

RTI कानून के 10 साल : सीआईसी के सालाना सम्मेलन में नहीं शामिल होंगे पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

सूचना का अधिकार अधिनियम के 10 वर्ष पूरे होने के बीच इस कानून से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के मकसद से आयोजित केंद्रीय सूचना आयोग के वार्षिक सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिस्सा नहीं लेंगे। पारदर्शिता से जुड़े विभिन्न मुद्दे को लेकर आयोजित होने वाले सम्मेलन के उद्घाटन समारोह को साल 2006 से या तो राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री संबोधित करते रहे हैं। केवल 2010 इसका अपवाद रहा है।

पिछले वर्ष कोई सम्मेलन नहीं हुआ, क्योंकि सरकार ने मुख्य चुनाव आयुक्त को नियुक्त नहीं किया था, जो ऐसे सम्मेलन के आयोजन की तैयारियों को देखते रहे हैं। सूत्रों ने कहा कि पीएम मोदी को सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया गया था और तारीखों को 12 अक्टूबर की बजाय 16 अक्टूबर किया गया, जो पीएमओ के कार्यक्रम के अनुरूप हो सके, लेकिन बाद में बताया गया कि वह इसमें हिस्सा नहीं ले पाएंगे। इस सम्मेलन में सेवारत सूचना आयुक्त, कार्यकर्ता, कानूनी विशेषज्ञ, बुद्धिजीवी हिस्सा लेते हैं और इससे जुड़े विभिन्न विषयों पर चर्चा करते हैं।

अब कार्यक्रम को संक्षिप्त कर दिया गया है और इसमें कोई विदाई समारोह नहीं होगा। समारोह में वित्त मंत्री अरुण जेटली उद्घाटन समारोह को संबोधित करेंगे और अगले दिन दोपहर में छोटा सा समापन समारोह होगा। करीब डेढ़ दिनों के कार्यक्रम में 4.5 तकनीकी सत्र होंगे। सत्र का विषय आरटीआई कानून के विभिन्न आयामों को लागू करना और उसे मजबूत बनाने पर होगा। आयोग ने राज्य स्तरीय कार्यशाला आयोजित करने की योजना बनाई है।

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उल्लेखनीय है कि सूचना का अधिकार अधिनियम 12 अक्टूबर, 2005 को अमल में आया, जिसमें 10 रुपये का शुल्क जमा करके नागरिकों को सूचना पाने का अधिकार दिया गया है, हालांकि कुछ सूचनाओं को जारी करने से निषेध किया गया है। सूचना 30 दिनों में देने की बात कही गई है, हालांकि सीआईसी के समक्ष लंबित मामलों की संख्या 35 हजार हो गई है।