केंद्रीय जांच एजेंसी CBI (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) 10 करोड़ रुपए के बैंक ऋण घोटाला मामले में आरोपी सन्नी कालरा को ओमान के मस्कट से शनिवार को भारत लेकर आई. सीबीआई द्वारा 2016 में किये गये अनुरोध पर इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था जिसके आधार पर उसे प्रत्यर्पित किया गया. आरोप है कि व्हाइट टाइगर स्टील्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक कालरा ने पंजाब नेशनल बैंक (PNB) से 10 करोड़ रुपए का ऋण लिया था लेकिन उसने उसका भुगतान नहीं किया. अधिकारियों ने बताया कि उसने चोरी छिपे गिरवी रखी हुई चीज निकाल ली जिस कारण सरकारी बैंक के लिए इस ऋण की वसूली मुश्किल हो गई. उन्होंने बताया कि कालरा, उसकी पत्नी और अन्य के खिलाफ इस मामले को 16 दिसंबर 2015 को सीबीआई ने अपने हाथ में लिया था.
सीबीआई के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘दोनों (कालरा और उसकी पत्नी) प्राथमिकी दर्ज किए जाने के बाद से फरार थे.'' एजेंसी ने कालरा, उसकी पत्नी और पीएनबी के तीन अधिकारियों के खिलाफ इस मामले को हाथ में लेने के एक साल से अधिक समय बाद 22 दिसंबर, 2016 को आरोपपत्र दायर किया था. अधिकारियों ने बताया कि इंटरपोल ने सीबीआई के अनुरोध पर 31 मार्च 2016 को कालरा के खिलाफ ‘रेड कॉर्नर नोटिस' जारी किया था जिसके बाद उसके मस्कट में होने का पता चला जहां स्थानीय प्रवर्तन एजेंसियों ने उसे पकड़ लिया.
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘इंटरपोल की मदद से सीबीआई कालरा के प्रत्यर्पण के लिए एनसीबी, मस्कट के नियमित संपर्क में थी. उन्होंने बताया कि कालरा को एनसीबी मस्कट, ओमान में भारतीय दूतावास और एनसीबी, भारत (सीबीआई) के प्रभावशाली समन्वय के कारण प्रत्यर्पित किया जा सका है. सीबीआई प्रवक्ता ने कहा, ‘‘आरोपी को नई दिल्ली में अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा.''
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