देश के 10 बड़े श्रमिक संगठनों ने गुरुवार को चार नए लेबर कोर्ट से जुड़े ड्राफ्ट रूल्स पर चर्चा के लिए बुलाई गई श्रम मंत्री संतोष गंगवार की बैठक का बहिष्कार किया.इन सभी केंद्रीय श्रमिक संगठनों ने मांग की है कि श्रम मंत्री 4 अलग-अलग लेबर कोड पर ड्राफ्ट रूल्स पर चर्चा के लिए चार अलग-अलग बैठकें बुलाए.श्रमिक संगठन आमने-सामने बैठकर श्रम मंत्री के साथ ड्राफ्ट रूल्स पर चर्चा करना चाहते हैं.
सभी केंद्रीय श्रमिक संगठनों ने एक साझा बयान जारी कर कहा की गुरुवार को हुई श्रम मंत्री की वर्चुअल मीटिंग मे भाग न लेने की जानकारी श्रम मंत्री को 22 दिसंबर को एक पत्र लिखकर दे दी गई थी.श्रमिक संगठनों का दावा है कि इससे इस संवेदनशील मसले पर सिर्फ एक वर्चुअल मीटिंग के जरिए सभी त्रिपक्षीय स्टेकहोल्डर्स के साथ सही तरीके से चर्चा करना संभव नहीं है.
एनडीटीवी से बातचीत में सीटू के महासचिव तपन सेन ने कहा, "लेबर मिनिस्ट्री चार लेबर कोड... जिसमें हर लेबर कोर्ट से जुड़े ड्राफ्ट रूल 200 पेज के हैं उस पर 1 दिन में कंसल्टेशन खत्म करना चाहते थे... चार अलग-अलग लेबर कोड है यानी 800 से 1000 पेज पर चर्चा होनी है. श्रम मंत्री एक ही दिन में एक वर्चुअल मीटिंग के जरिए एंपलॉयर एसोसिएशन और सभी श्रमिक संगठनों के साथ चर्चा करना चाहते थे. वह इस तरह चर्चा की प्रक्रिया पूरा करना चाहते थे यह सिर्फ सरकार खानापूर्ति कर रही है.इसमें कोई बात नहीं बनेगी, इससे कोई फायदा नहीं होगा ".
अब 10 बड़े श्रमिक संगठनों ने श्रम मंत्री को कहा है कि 1 दिन में एक लेबर कोर्ट से जुड़े ड्राफ्ट टूल्स पर एक वर्चुअल मीटिंग होनी चाहिए. उनका कहना है कि श्रमिक संगठनों के साथ तभी सही तरीके से चर्चा संभव होगी. श्रमिक संगठनों के बहिष्कार के बीच गुरुवार को श्रम मंत्री ने उद्योग संघ सीआईआई, फिक्की और एसोचैम के प्रतिनिधियों के साथ वर्चुअल बैठक में सभी चार लेबर कोर्ट से जुड़े ड्राफ्ट रूल्स पर चर्चा की.
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