Planning For Second Baby? आज की जीवनशैली और शहरी माहौल में ज्यादातर लोग एक ही बच्चा चाहते हैं. हाल ही में आए एक सर्वे के मुताबिक देश में शहरी क्षेत्र की 35 फीसदी कामकाजी माएं दूसरा बच्चा नहीं चाहती हैं. इसकी वजह बच्चों के ज्यादा समय देने की जरूरत और दूसरे खर्चो को माना गया. लेकिन फिर भी करीब दो तिहाई ने यह भी कहा कि वे नहीं चाहतीं कि उनकी औलाद एकाकी जीवन जीए और वह चीजों को दूसरों के साथ बांटने की खुशी, अपने छोटे-भाई बहन से स्नेह की खुशी से दूर रहे. इस सर्वे से यह तो समझ आता है कि आज भी लोग अपने पहले बच्चे के लिए एक साथी और जीवन भर का दोस्त चाहते हैं और इसी या दूसरी किसी इच्छा के चलते वे दूसरा बच्चा करते हैं.
अक्सर दूसरे बच्चे के बाद माता-पिता कुछ ज्यादा ही व्यस्त हो जाते हैं और खुद को दो बच्चों के बीच फंसा हुआ पाते हैं. आज के दौर में जब एक बच्चे को पालना ही मुश्किल माना जाने लगा है, दो बच्चों की जिम्मेदारी संभालना काफी कठिन हो जाता है. अगर आप दोनों ही वर्किंग हैं, तो यह जिम्मेदारी और बड़ी हो जाती है. ऐसे में दूसरा बच्चा प्लान करने से पहले कुछ बातों को ध्यान में रखना जरूरी है. इन बातों को समझ कर आप दोनों बच्चों की जिम्मेदारी और अपने जीवन को अच्छी तरह संतुलित कर सकते हैं.
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रिश्ते पर पड़ेगा असर
यकीनन एक बच्चा आपके वैवाहिक जीवन और आप दोनों के आपसी सामान्जस्य और समझ को बढ़ा देता है. लेकिन कई बार मामला उलट भी हो जाता है. पति-पत्नी एक दूसरे की मदद करने या एक दूसरे को ज्यादा समझने की बजाए झगड़े बढ़ जाते हैं. इसलिए जरूरी है कि दूसरा बच्चा प्लान करते समय एक दूसरे की जिम्मेदारियों को साथ बैठकर डिस्कस कर लें और कोई भी मिसअंडस्टेंडिंग होने पर बैठ कर बात करें.
पहले बच्चे पर देना होगा ज्यादा ध्यान
माना कि आप अपने बच्चे से बहुत प्यार करते हैं. आपका दूसरा बच्चा जब छोटा होगा तो उसे पहले से ज्यादा केयर और समय देने की जरूरत होगी. ऐसे में हो सकता है कि पति-पत्नी दूसरे बच्चे पर सारा ध्यान लगा दें. ऐसा करने से आपके पहले बच्चे को बुरा लग सकता है हो सकता है कि उसे दूसरे बच्चे यानी अपने भाई या बहन से ही चिढ़ हो जाए और वह उसे नुकसान पहुंचा दे. इसलिए यह जरूरी हो जाता है कि खुद दूसरे बच्चे के लिए तैयार हो रहे हों, तो अपने पहले बच्चे को भी उसकी अहमियत समझाएं और दूसरे बच्चे के बाद उसे इग्नोर न करें न ही बात बात पर ड़ांटना शुरू करें.
चाहिए होंगे और पैसे
यह तो साफ बात है कि जब आपका परिवार बड़ा होगा तो आपके खर्च भी बड़े होंगे. इसलिए दूसरा बच्चा प्लान करने से पहले फाइनेंशल प्लानिंग जरूर करें. कुछ फंड बच्चे के नाम पर जमा करें, जो जरूरत पर आप उसके लिए इस्तेमाल कर सकें.
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मदद के लिए और हाथ
दो बच्चों का मतलब है डबल जिम्मेदारी और काम. दो बच्चों के साथ आपको अपनी नींद, खान-पान, शौक, से समझौता कर ज्यादा से ज्यादा काम करना होगा. इसलिए इस बात को तय करें कि आपके पास ज्यादा से ज्यादा हेल्पिंग हेंड हों. जैसे माता-पिता, दादा-दादी, दोस्त, पड़ोसी आदि. घर के काम तो बढ़ेंगे ही साथ ही बच्चों के काम भी डबल होंगे. इसलिए आपके पास जितने हेल्पिंग हेंड होंगे लाइफ उतनी ही आसान होगी.
अनुभव आएगा काम
दूसरे बच्चे के साथ एक अच्छी चीज होगी वह यह कि पहले बच्चे का अनुभव आपको यहां खूब मदद करेगा. आप हर छोटी मोटी बात के लिए किसी का मुंह नहीं देखेंगे और न ही इंटरनेट के चक्कर में पड़ेंगे. आपके अपने अनुभव इस बच्चे के पालन में काम आएंगे.
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