World Rose Day 2021: रोज डे के नाम से शायद एक ही दिन जेहन में आता है. जब एक दूसरे को फूल देकर मोहब्बत का इजहार किया जाता है. आपको जानकर ताज्जुब होगा कि रोज डे फरवरी में ही नहीं सितंबर में भी आता है. 22 सितंबर को रोज डे के रूप में मनाया जाता है. एक ऐसा दिन जो कैंसर से पीड़ित मरीजों के लिए नई उम्मीद और नई प्रेरणा लेकर आता है. ये दिन कैंसर पीड़ितों से मानवीय व्यवहार करने और उनका दुख बांटने के लिए हर साल 22 सितंबर को वर्ल्ड रोज मनाया जाता है. यह एक ऐसा दिन है जो कैंसर से लड़ने वाले लोगों में आशा और उत्साह फैलाने के लिए समर्पित है.
रोज की याद में रोज डे
कैंसर वेलफेयर पेशेंट्स के लिए मनाया जाने वाला रोज डे के लिए 22 सितंबर का दिन तय किया गया है. ये दिन एक 12 साल की नन्हीं बच्ची मेलिंडा रोज की याद में मनाया जाता है. कनाडा में रहने वाली ये बहादुर बच्ची Askin's Tumor नाम के जानलेवा ब्लड कैंसर की शिकार थी. बीमारी की जानकारी लगने के बाद डॉक्टर्स ने मेलिंडा रोज के सिर्फ दो हफ्ते तक जिंदा रहने का दावा किया था. पर इस घातक मर्ज के साथ मेलिंडा रोज पूरे छह माह जीवित रही. जितने दिन जिंदा रही उतने दिन कैंसर पीड़ितों को खुशियां बांटती रही. उनके लिए इंस्पिरेशनल कोट्स और कविताएं लिखती रहीं.
रोज का संदेश
रोज की बस यही कोशिश रही कि वो कैंसर के मरीजों के लिए उम्मीद की नई किरण बन सके. छोटी सी उम्र में ही रोज कैंसर पीड़ितों को हिम्मत और उम्मीद से जीने का तरीका सिखा गई. उस हिम्मत वाली बच्ची के नाम इस दिन को करने का संदेश कैंसर पीड़ितों के लिए है. वो ये कि वो भी हिम्मत से इस दिन का सामना करें. क्योंकि हिम्मत से ही इस घातक बीमारी से लड़ा और हराया जा सकता है.
डॉक्टरों ने कहा था Count Your Days, अब कैंसर को हरा खुशियां गिन रहा है अमित
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