World Parkinsons Day 2024: विश्व पार्किंसन दिवस क्यों मनाया जाता है जानें इसका इतिहास और इस साल की थीम

न्यूरोडीजेनेरेटिव विकार के पहले मामले की खोज डॉ. जेम्स पार्किंसन ने की थी. उन्होने साल 1817 में इसके पहले मामले की पुष्टि की. डॉ. जेम्स पार्किंसन का जन्मदिन 11 अप्रैल को आता है. बस स्वास्थ्य के क्षेत्र में उनकी इस बड़ी खोज के लिए उनके 1997 से हर साल 11 अप्रैल को विश्व पार्किंसंस दिवस मनाया जाता है. 

World Parkinsons Day 2024: विश्व पार्किंसन दिवस क्यों मनाया जाता है जानें इसका इतिहास और इस साल की थीम

World Parkinson's Day 2024: हर साल 11 अप्रैल को विश्व पार्किंसंस दिवस मनाया जाता है.

World Parkinson's Day 2024: हर साल दुनियाभर में 11 अप्रैल को वर्ल्ड पार्किंसंस डे (World Parkinson's Day)  मनाया जाता है. हर खास दिवस की तरह ही इस दिन को सेलेब्रेअ करने के पीछे भी एक खास उद्देश्य है. World Parkinson's Day लोगों में पार्किंसंस रोग को लेकर जगरूकता फैलाना है. बड़े पैमाने पर बुजुर्गों को होने वाली इस बीमारी को आज भी लोग बुढ़ापा कह कर छोड़ देते हैं. कई लोगों को पार्किंसंस के बारे में कुछ नहीं पता. लेकिन क्या आप जानते हैं कि बुजुर्गों का रोग कहा जाने वाला पार्किंसंस रोग युवाओं को भी हो सकता है. चलिए आज वर्ल्ड पार्किंसंस डे के मौके पर जानते हैं पार्किंसंस क्या है, इसके लक्षण क्या हैं और यह किसे हो सकता है. साथ ही इस यह भी कि वर्ल्ड पार्किंसंस डे का इतिहासा क्या है. इस दिन को क्यों मनाते है और साल 2024 में वर्ल्ड पार्किंसंस डे की थीम क्या है. 


क्या होता है पार्किंसंस रोग

पार्किंसन रोग या पीडी एक ऐसी बीमारी है जो दिमाग के कुछ हिस्सों को धीमा या खराब कर सकती है. पार्किंसंस एक ब्रेन डिसऑर्डर है, जिसमें लोगों के शरीर में अनचाहे मूवमेंट्स होने लगते हैं. कुल मिलाकर सामान्य शब्दों में यह आपके मूवमेंट से जुड़ा एक डिसऑर्डर है. पार्किंसन रोग या पीडी होने पर हाथ या पैर से दिमाग तक पहुंचने वाली नसें काम करने में असमर्थ हो जाती हैं. इससे व्यक्ति का हाथ पर से नियंत्रण बहुत कम हो जाता है. 

पार्किंसंस रोग होने पर क्या होता है 

पार्किंसंस रोग से पीड़ित लोगों के हाथ, सिर या शरीर के कुछ भाग खुद ही हिलने लगते हैं. ऐसे में चलने फिरने में परेशानी होती है. यह आपके शरीर के संतुलन को प्रभावित करता है. पीड़ित व्यक्ति सही तरह से बोल नहीं पाता, जिससे वह लोगों को अपनी बात समझाने में असमर्थ हो जाता है. मेमोरी लॉस और डिप्रेशन की समस्या इसके रोगियों में आम है. 

विश्व पार्किंसंस दिवस का इतिहास

न्यूरोडीजेनेरेटिव विकार के पहले मामले की खोज डॉ. जेम्स पार्किंसन ने की थी. उन्होने साल 1817 में इसके पहले मामले की पुष्टि की. डॉ. जेम्स पार्किंसन का जन्मदिन 11 अप्रैल को आता है. बस स्वास्थ्य के क्षेत्र में उनकी इस बड़ी खोज के लिए उनके 1997 से हर साल 11 अप्रैल को विश्व पार्किंसंस दिवस मनाया जाता है. 

विश्व पार्किंसंस दिवस का महत्व

जैसा कि हमने पहले कहा विश्व पार्किंसंस दिवस को मनाने के पीछे का उद्धेश्य न्यूरोडीजेनेरेटिव विकार पार्किंसंस के बारे में जागरूकता फैलाना है. लोगों को यह बताना कि अक्सर उम्र के साथ कुछ रोग भी आ सकते हैं और आप सावधानी बरत कर उनकी गंभीरता को कैसे कम कर सकते हैं. 

विश्व पार्किंसंस दिवस की थीम

हर खास दिवस की तरह विश्व पार्किंसंस दिवस के लिए भी हर साल एक खास थीम रखी जाती है. इस साल विश्व पार्किंसंस दिवस की थीम का अभी तक पता नहीं चल पाया है. 



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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)