विज्ञापन

World Mitochondrial Disease Week: मांसपेशियों में कमजोरी हो रही है, तो हो सकते हैं माइटोकॉन्ड्रियल, गंभीर है ब

World Mitochondrial Disease Week: हर साल 16 से 22 सितंबर तक वर्ल्ड माइटोकॉन्ड्रियल डिजीज वीक मनाया जाता है. ऐसे में आइए जानते हैं इस बीमारी के बारे में और क्या है इसके लक्षण.

World Mitochondrial Disease Week: मांसपेशियों में कमजोरी हो रही है, तो हो सकते हैं माइटोकॉन्ड्रियल, गंभीर है ब
World Mitochondrial Disease Week के बारे में जानें सबकुछ.

World Mitochondrial Disease Week: "वर्ल्ड माइटोकॉन्ड्रियल डिजीज वीक" सितंबर के तीसरे सप्ताह में आयोजित किया जाता है. साल 2025 में, यह 16 से 22 सितंबर तक मनाया जाएगा. यह सप्ताह माइटोकॉन्ड्रियल रोगों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और उनसे प्रभावित लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए है. आइए जानते हैं माइटोकॉन्ड्रियल रोगों के बारे में और कब से इस दिन को मनाने की शुरुआत की गई थी.

वर्ल्ड माइटोकॉन्ड्रियल डिजीज का इतिहास क्या है | What is the history of World Mitochondrial Disease

माइटोकॉन्ड्रियल रोग कोशिकाओं के भीतर ऊर्जा उत्पादन को बाधित करता है. साल 1960 और 1970 के दशक में ये बीमारी  नजर में आई थी.  बता दें, पहली बार "वर्ल्ड माइटोकॉन्ड्रियल डिजीज वीक" साल 2015 में मनाया जाना शुरू हुआ था. सितंबर के तीसरे सप्ताह में आयोजित होने वाले इस वार्षिक वैश्विक कार्यक्रम का उद्देश्य माइटोकॉन्ड्रियल रोगों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है. 

क्या है माइटोकॉन्ड्रियल डिजीज | What is mitochondrial disease

माइटोकॉन्ड्रियल रोग (Mitochondrial Disease) में शरीर की कोशिकाएं ठीक से ऊर्जा नहीं बना पाती है, उन्हें ऊर्जा बनाने में कठिनाई होती है. आपको बता दें, ये माइटोकॉन्ड्रिया में दोषों के कारण होता है. ये दोष ऊर्जा उत्पादन को बाधित करते हैं, जिससे कई तरह के लक्षण उत्पन्न होते हैं जो कई अंगों और प्रणालियों को प्रभावित कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें- हर रोज सुबह खाली पेट कर लीजिए करी पत्तों का सेवन, उसके बाद जो होगा वो आप सोच भी नहीं सकते

माइटोकॉन्ड्रियल डिजीज के लक्षण | Symptoms of mitochondrial disease

माइटोकॉन्ड्रियल रोग शरीर की कोशिकाओं को पर्याप्त ऊर्जा न मिलने के कारण लक्षण पैदा करते हैं. यह लगभग किसी भी अंग को प्रभावित कर सकता है, लेकिन लक्षण अक्सर मस्तिष्क, मांसपेशियों और नसों में देखे जाते हैं. सामान्य लक्षणों में खराब विकास, मांसपेशियों की कमजोरी, दृष्टि और सुनने की समस्याएं, विकास संबंधी देरी, जठरांत्र संबंधी समस्याएं और दौरे शामिल हैं.

कौन से खाद्य पदार्थ माइटोकॉन्ड्रिया को नुकसान पहुंचाते हैं? | What foods damage mitochondria?

ग्लूटेन युक्त खाद्य  (foods containing gluten) पदार्थों से बचने की सलाह दी जाती है. साथ ही डेयरी उत्पाद, अंडे, नाइट्रेट- रिच - प्रोसेस्ड मीट और चीनी से मीठा कोई भी चीज खाने से भी परहेज करते हैं. जो लोग अपने स्वास्थ्य के बारे में विशेष रूप से चिंतित हैं, उन्हें सभी अनाज, फलियां, मूंगफली और सोया से बचने की भी सलाह दी जाती है.

क्या जेनेटिक होता है माइटोकॉन्ड्रियल डिजीज | Is mitochondrial disease genetic?

हां, माइटोकॉन्ड्रियल रोग जेनेटिक होते हैं, जिसका अर्थ है कि वे माइटोकॉन्ड्रियल फंक्शन को नियंत्रित करने वाले जीन में उत्परिवर्तन के कारण होते हैं. ये उत्परिवर्तन परमाणु  DNA (nDNA) या माइटोकॉन्ड्रियल DNA (mtDNA) से विरासत में मिल सकते हैं.

Watch Video: मोटापा कैसे कम करें? | मोटापा दूर करने के तरीके | How to Lose Weight | Motapa Kaise Kam Kare

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com