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This Article is From Apr 12, 2023

World Hemophilia Day 2023: हीमोफीलिया से पीड़ित व्यक्ति में नहीं बनता खून का थक्का, जानें कारण और बचाव के तरीके

हीमोफीलिया जेनेटिक डिसऑर्डर है, जिसमें पीड़ित व्यक्ति के शरीर में खून का थक्का नहीं बनता या कम बनता है. खून का थक्का नहीं बनने से कई बार स्थिति घातक हो जाती है और एक बार जो ब्लीडिंग शुरू होती है वह बहुत देर से या मुश्किल से रूकती है.

World Hemophilia Day 2023: हीमोफीलिया से पीड़ित व्यक्ति में नहीं बनता खून का थक्का, जानें कारण और बचाव के तरीके
हीमोफीलिया से इस तरह करें बचाव
नई दिल्ली:

World Hemophilia Day 2023: हीमोफीलिया एक प्रकार का ब्‍लीडिंग डिसऑर्डर (bleeding disorder) हैं. यह एक ऐसा रोग है जिसका इलाज अब भी पूरी तरह संभव नहीं है. यह किसी के संपर्क में आने से तो नहीं फैलता लेकिन यह अनुवांशिक होता है. हीमोफीलिया (Hemophilia) ब्लड से संबंधित बीमारी है, जिसमें रोगी के शरीर में खून का थक्का नहीं बनता या कम बनता है. खून का खक्का नहीं बनने से कई बार स्थिति घातक हो जाती है और एक बार जो ब्लीडिंग शुरू होती है वह बहुत देर से या मुश्किल से रूकती है. जरूरी नहीं कि ऐसा सभी हीमोफीलिया पीड़ित व्यक्तियों के साथ हो. लेकिन हीमोफीलिया 'ए' होने की स्थिति ऐसे ब्लीडिंग डिसऑर्डर हो सकते हैं.

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ज्यादा खून बहने का कारण

किसी भी व्यक्ति को चोट लगने या किसी अन्य वजह से खून बहना शुरू होता है तो अलग-अलग फैक्टर्स ब्लड क्लॉट करने के लिए एक्टिव हो जाते हैं. इस प्रोसेस में कुछ खास प्रोटीन भी एक्टिव होते हैं. इनमें से एक भी फैक्टर कम होने पर ब्लीडिंग रूकना मुश्किल होता है. फैक्टर 8, ऐसा ही एक फैक्टर है जो हीमोफीलिया 'ए' की स्थिति में शरीर में नहीं पाया जाता. जिसकी वजह है एक बार खून बहना शुरू होने पर रोकना मुश्किल होता जाता है.

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ये सावधानियां हैं जरूरी (Hemophilia patients should take these precautions)

1.जो भी बच्चा या व्यक्ति इस किस्म के हीमोफीलिया से पीड़ित है उसके लिए खून आने की परिस्थितियों से बचना सबसे ज्यादा जरूरी है. उसके बावजूद किसी स्थिति में खून आने की नौबत आ ही जाए तो डॉक्टर्स फैक्टर 8 और 9 का इंजेक्शन देकर खून रोकने का प्रयास कर सकते हैं.

2.ऐसी स्थिति से बेहतर है कि आप पहले ही कुछ सावधानियां अपने स्तर पर बरतें.

3.इलाज की जरूरत पड़ने पर डॉक्टर, नर्स या डेंटिस्ट को पहले ही हीमोफीलिया के बारे में बता दें.

4.कोई भी ऐसी दवा जो शरीर में मौजूद प्लेटलेट्स पर असर डालती है, उसे लेने से पहले डॉक्टर को ब्लीडिंग डिसऑर्डर की जानकारी जरूर दें.

5.बच्चे अगर साइकिलिंग करते हैं या दूसरी कोई एक्टिविटी तो उन्हें सेफ्टी गियर पहनने की आदत जरूर डालें.

6.अगर बच्चा किसी स्पोर्ट्स में एक्टिव रहना चाहता है तो उसके लिए जरूरी फर्स्ट एड और सलाह को हमेशा रेडी रखें.

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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