World First Aid Day 2023: प्राथमिक चिकित्सा यानी फर्स्ट एड (First Aid) का मतलब है किसी चोट या दुर्घटना के तुरंत बाद दी जाने वाली प्रारंभिक चिकित्सा (Prathmik Chikitsa) देखभाल. बहुत से लोग फर्स्ट एड (Firts Aid) की अहमियत को नहीं समझते, उन्हें लगता है कि यह केवल मेडिकल प्रोशनल का काम है, लेकिन वास्तव में, यह एक स्किल है, जिसे सभी को सीखने की जरूरत है. इसी अहमियत को समझने और जागरूकता के लिए हर साल सितंबर महीने के दूसरे शनिवार वर्ल्ड फर्स्ट एड डे (World First Aid Day 2023) मनाया जाता है. आइए जानते हैं कि फर्स्ट एड क्यों जरूरी है और इसकी क्या अहमियत है.
व्लर्ड फर्स्ट एड डे या विश्व प्राथमिक चिकित्सा दिवस का इतिहास (What Is the History of World First Aid Day)
विश्व प्राथमिक चिकित्सा दिवस (World First Aid Day) की शुरुआत इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रेड क्रॉस एंड रेड क्रिसेंट सोसाइटीज (IFRC) ने 2000 में की थी. इसके बाद से ही सितंबर माह के दूसरे शनिवार को वर्ल्ड फर्स्ट एड डे मनाने की शुरुआत हुई.
फर्स्ट एड का महत्व (Importance of First Aid)
1. फर्स्ट एड से बच सकती है जान
दुर्घटना या किसी चोट की स्थिति में फर्स्ट एड से कई बार मरीज की जान बचाई जा सकता है. इलाज में देर की वजह से और खून अधिक बह जाने के कारण कई बार मरीज की मौत हो जाती है. दिल के दौरे और दम घुटने से हर साल हजारों लोगों की जान खतरे में पड़ती है. ऐसे हालात में फर्स्ट एड से मदद मिल सकती है और मरीज की जान बचाई जा सकती है.
2. रिकवरी टाइम को करे कम
प्राथमिक उपचार से पीड़ित के ठीक होने में लगने वाला समय कम हो जाता है. अगर किसी घायल को ब्लीडिंग हो रही है और पीड़ित को मेडिकल हेल्प मिलने से पहले ब्लड लॉस को रोकने में कोई मदद नहीं मिलती है, तो इससे गंभीर ब्लड लॉस हो सकता है और स्थिति गंभीर हो सकती है. इससे स्थाई समस्या या अंग क्षति हो सकती है और मरीज को ठीक होने में अधिक समय लग सकता है.
3. दर्द से राहत
अधिकांश चोटों और दुर्घटनाओं में बहुत दर्द होता है. इस दर्द और परेशानी को कम करना एक अन्य प्राथमिक कारण है, जिसके लिए फर्स्ट एड जरूरी है. मेडिकली ट्रेंड शख्स तुरंत दर्द का आकलन कर दर्द से राहत देने के लिए फर्स्ट एड कर सकता है.
4. इलाज का खर्च होता है कम
अगर मरीज को तत्काल और उचित फर्स्ट एड केयर नहीं मिलती है, तो उनकी स्थिति बिगड़ सकती है. स्थिति बिगड़ने की वजह से इलाज का खर्च भी अधिक आएगा. दूसरी ओर, अगर आप जानते हैं कि मेडिकल इमरजेंसी सिचुएशन के दौरान क्या करना है, तो आप समस्या बढ़ने का जोखिम कम कर देंगे. ऐसे में आप अपने आप को बहुत सारी परेशानी और खर्चीले इलाज से बचा सकते हैं.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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