विज्ञापन

काम का तनाव बढ़ा रहा खराब हार्ट रिदम का रिस्क, 6,000 कर्मचारियों पर किया गया अध्ययन

जर्नल ऑफ द अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन' में प्रकाशित अध्ययन में कनाडा के लगभग 6,000 व्हाइट-कॉलर कर्मचारी शामिल थे. नौकरी के तनाव को AFib के 83 प्रतिशत ज्यादा जोखिम के साथ जोड़ा गया था.

काम का तनाव बढ़ा रहा खराब हार्ट रिदम का रिस्क, 6,000 कर्मचारियों पर किया गया अध्ययन
अध्ययन ने काम से संबंधित तनाव को कोरोनरी हार्ट डिजीज से जोड़ा है.

बुधवार को एक अध्ययन में दावा किया गया कि काम से संबंधित तनाव खासतौर से नौकरी का तनाव इर्रेगुलर हार्ट रिदम के जोखिम को काफी हद तक बढ़ा सकता है. एएफआईबी, अतालता का सबसे आम रूप है, जो स्ट्रोक और हार्ट फेलियर जैसी गंभीर हार्ट रिलेटेड रिस्क का कारण बन सकता है. 'जर्नल ऑफ द अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन' में प्रकाशित अध्ययन में कनाडा के लगभग 6,000 व्हाइट-कॉलर कर्मचारी शामिल थे, और पाया गया कि जो लोग नौकरी के तनाव का अनुभव करते हैं, उनमें इन तनावों के संपर्क में नहीं आने वालों की तुलना में एएफआईबी का 97 प्रतिशत ज्यादा जोखिम होता है.

यह भी पढ़ें: आग की तरह फैल रहा एमपॉक्स का प्रकोप, अब तक 524 की मौत, WHO ने कहा हेल्थ इमरजेंसी जैसे हालात

एएफआईबी पर इसके प्रभाव को देखने वाला ये पहला अध्ययन 

पिछले अध्ययनों ने काम से संबंधित तनाव को कोरोनरी हार्ट डिजीज से जोड़ा है, लेकिन कनाडा के क्यूबेक में लावल विश्वविद्यालय के वरिष्ठ लेखक जेवियर ट्रुडेल ने कहा कि एएफआईबी पर इसके प्रभाव की जांच करने वाला यह पहला अध्ययन है.

अध्ययन में 18 सालों के डेटा का विश्लेषण किया

नौकरी के तनाव को AFib के 83 प्रतिशत ज्यादा जोखिम के साथ जोड़ा गया था. अध्ययन ने 18 सालों के फॉलो-अप डेटा का विश्लेषण किया, जिसमें प्रतिभागियों के बीच AFib के 186 मामलों की पहचान की गई. प्रभावित लोगों में से 19 प्रतिशत ने नौकरी तनाव की सूचना दी, 25 प्रतिशत ने एफर्ट रिवॉर्ड इंबैलेंस का अनुभव किया और 10 प्रतिशत ने दोनों तनावों की सूचना दी.

यह भी पढ़ें: दूध में केसर मिलाकर पीना इन 5 लोगों के लिए किसी रामबाण औषधी से कम नहीं, जानिए क्या होते हैं फायदे

ट्रुडेल ने ऑफिस में मनोसामाजिक तनावों को पहचानने के महत्व पर जोर दिया ताकि हेल्दी एनवायरमेंट को बढ़ावा दिया जा सके जो AFib को रोकने में मदद कर सकता है. अध्ययन से पता चलता है कि कार्यस्थल हस्तक्षेप, जैसे कार्यभार को कम करना, लचीले कार्य घंटों को लागू करना, और कर्मचारियों और मैनेजमेंट के बीच कम्युनिकेशन को प्रोत्साहित करना, तनाव और संबंधित हेल्थ रिस्क को कम करने के लिए प्रभावी रणनीति हो सकती है.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com