Peptic Ulcer Symptoms: आज की भाग-दौड़ भरी जिदगी में लाइफस्टाइल और खान-पान पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता है, लेकिन यही लापरवाही आपके लिए महंगी साबित हो सकती है. अगर बार बार पेट दर्द की समस्या हो रही है तो इसे हल्के में ना लें. इस पेट दर्द के पीछे कोई गंभीर बीमारी भी हो सकती है. पेप्टिक अल्सर नामक बीमारी के चलते ही कई बार पेट दर्द की शिकायत होती है और एक समय बाद ये पेट दर्द असहनीय हो जाता है. आइये जानते हैं पेप्टिक अल्सर के कारण, लक्षण और इसके उपचार के बारे में.
क्या होता है पेप्टिक अल्सर? | What Is Peptic Ulcer?
पेप्टिक अल्सर को सरल भाषा में समझें तो जिस तरह से मुंह में घाव या छाले होते है, उसी प्रकार पेट में भी छाले या घाव हो जाते है. शरीर के भीतर छोटी आंत के म्यूकल झिल्ली पर घाव और छाले हो जाते है जिसे पेप्टिक अल्सर कहा जाता है. पेट के अंदर होने वाले ये छाले या घाव एच पाइलोरी नामक बैक्टीरिया के कारण होते है. एच पाइलोरी बैक्टीरिया पेट के भीतर सूजन की स्थिति पैदा कर देता है और इसी सूजन के चलते पेट में घाव हो जाते है. चिकित्सकों के मुताबिक अस्त-व्यस्त जीवनशैली और ज्यादा मसालेदार खाने के चलते ही मुख्य रूप से यह समस्या पैदा होती है.
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इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें? | Do Not Ignore These Symptoms?
पेप्टिक अल्सर के लक्षणों की बात की जाए तो पेट में तेज दर्द और सूजन सबसे पहला सामान्य लक्षण है. इसके अलावा सीने में जलन और दर्द, खट्टी डकारे आना, भूख कम लगना, सांस लेने में परेशानी होना और मल में खून आना, वजन कम होना जैसे लक्षण शामिल है. इस तरह से लक्षणों में तुरंत ही डॉक्टर की सलाह लेकर जांच करवाना उचित है.
पेप्टिक अल्सर का उपचार | Treatment Of Peptic Ulcer
पेप्टिक अल्सर जैसी बीमारी में गाय का घी रामबाण इलाज की तरह काम करता है. गाय के घी में हल्दी मिलाकर इसका सेवन करने से पेप्टिक अल्सर के मरीज को काफी राहत मिलती है. वहीं ठंडा दूध भी अल्सर में काफी फायदेमंद माना जाता है, ठंडे दूध में पानी मिलाकर पीने से कम समय में ही इसका असर नजर आने लगता है. इसके अलावा मसालेदार खाने से दूरी बनाकर केवल उबली हुई सब्जियां और खाना ही खाएं, उबले हुए खाने से पाचन तंत्र ठीक रहता है और अल्सर जैसी बीमारी से भी छुटकारा मिल सकता है. वहीं हींग भी पेप्टिक अल्सर को खत्म करने में काफी कारगर है. एक ग्लास पानी में चुटकी भर हींग पाउडर मिलाकर इसे बार बार पी सकते है. इसके अलावा केला, आलू, एलोवेरा और सेब को भी अपनी डाइट शामिल किया जा सकता है.
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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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