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This Article is From Mar 26, 2024

अस्थमा का पता चले तो क्‍या करें? स्पेशलिस्ट डॉक्टर से जानिए कैसे इस गंभीर बीमारी से लड़ें

अस्थमा एक ऐसा विकराल रोग है, जिससे लड़कर पूरी तरह से ठीक कर पाना बेहद मुश्किल है. हालांकि, अस्थमा के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी हासिल कर हम इसका अधिक मजबूती से मुकाबला कर सकते हैं. 

अस्थमा का पता चले तो क्‍या करें? स्पेशलिस्ट डॉक्टर से जानिए कैसे इस गंभीर बीमारी से लड़ें
अस्थमा का पता चलने पर सबसे पहले क्या करें? जानें

Treatment Of Asthma: चारों ओर प्रदूषित वातावरण और दिनों दिन बिगड़ती हमारी जीवनशैली ने तोहफे में कई गंभीर बीमारियां दी हैं. अस्थमा (Asthma) भी उन्हीं गंभीर बीमारियों में एक है. इन दिनों बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक हर उम्र के लोग अस्थमा से पीड़ित हो रहे हैं. देश के लगभग सभी हिस्से में इस बीमारी ने बड़ी आबादी को अपनी चपेट में ले लिया है. अस्थमा एक ऐसा विकराल रोग है, जिससे लड़कर पूरी तरह से ठीक कर पाना बेहद मुश्किल है. हालांकि, अस्थमा के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी हासिल कर हम इसका अधिक मजबूती से मुकाबला कर सकते हैं. 


एशियन इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, फरीदाबाद के पल्मोनोलॉजिस्ट डॉक्टर मानव मनचंदा ने अस्थमा या दमा से जुड़ी कई जरूरी बातों को विस्तार  से बताया है. उन्होंने अस्थमा रोग से जुड़ी सावधानियों, बचाव के उपायों और अस्थमा के शुरुआती लक्षणों को पहचान कर खतरनाक बीमारी से लड़ने और सेहतमंद बने रहने के तरीके बताए हैं. आइए, जानते हैं कि अगर अपने या किसी करीबी के बारे में अस्थमा की बीमारी का पता चले तो क्या करना चाहिए.

अगर जांच रिपोर्ट में अस्थमा के बारे में पता चले तो क्‍या करें?

डॉक्टर मानव मनचंदा ने बताया कि अगर किसी भी शख्स को अस्थमा के शुरुआती लक्षण दिखे तो उसे जल्दी डॉक्टर के पास जाना चाहिए. जांच में अगर कंफर्म हो जाए कि अस्थमा है तो सबसे पहले घबराना नहीं चाहिए. मरीज को डॉक्टर की सलाह से अपना बेसलाइन चेकअप कराना चाहिए ताकि अस्थमा के माइल्ड, मॉडरेट या सीवियर कैटेगरी के बारे में पता चल सके. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के इंटरनेशनल गाइडलाइंस के मुताबिक इस कैटगरी के आधार पर ही अस्थमा का इलाज शुरू किया जाता है.

अस्थमा के मरीज की लाइफ स्टाइल में भी करना चाहिए बदलाव

डॉक्टर मनचंदा ने कहा कि अस्थमा की कैटेगरी तय होने के बाद डॉक्टर दवाई, इंजेक्शन, नेबुलाइजर वगैरह प्रिस्क्राइब करते हैं. इसके साथ ही डॉक्टर अस्थमा के मरीज की लाइफ स्टाइल भी एनालाइज करते हैं. वह देखते हैं कि आखिर किन कारणों से अस्थमा ट्रिगर हो रहा है. इसके बाद मरीज को लाइफस्टाइल में भी जरूरी बदलाव की सलाह दी जाती है. डॉक्टर की सलाह, दवाई और जीवनशैली में जरूरी बदलाव से अस्थमा के मरीजों को काफी आराम मिलता है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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