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This Article is From May 14, 2018

जानलेवा हो सकता है हीट स्ट्रोक, बच्चों को रखें लू से बचा कर...

कोशिश करें कि गर्मी में तरल पदार्थ का सेवन अधिक करें. बाजार में खुले रूप से बिकने वाले जूस का सेवन भी घातक हो सकता है, उससे बचें. जरूरत पड़ने पर चिकित्सक से सलाह लें. 

जानलेवा हो सकता है हीट स्ट्रोक, बच्चों को रखें लू से बचा कर...
गर्मियों के मौसम में सेहत का खास ध्यान रखना पड़ता है. इसकी वजह है इस मौसम में आने वाला पसीना और इस गर्मी में होने वाला डीहाइड्रेशन. इंसान का शरीर 37 डिग्री तक तापमान सहन करने में सक्षम होता है. तापमान इससे ऊपर जाने पर शरीर में कई प्रकार की दिक्कत महसूस होने लगती है, शरीर से पानी खत्म होने लगता है खून गाढ़ा हो जाता है.

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इस मौसम में सबसे बुरी चीज है हीट स्ट्रोक या लू. भीषण गर्मी में बच्चे सबसे ज्यादा हीट स्ट्रोक की चपेट में आ रहे हैं. बच्चों को गर्मी से होने वाली इस बीमारी से कैसे बचाया जाए, इस बारे में चिकित्सा विशेषज्ञों ने कई उपाय सुझाए हैं. इंसान के शरीर में पानी की कमी से डिहाइड्रेशन होने की संभावना बढ़ जाती है. गर्मी में ज्यादा देर धूप में रहने से शरीर से अधिक मात्रा में पसीना निकलने के कारण पानी की कमी हो जाती है. इससे सर में दर्द, थकान, सुस्ती, भूख का कम होना बदन में ऐंठन, उल्टी होना, पेट मे दर्द, जलन, दस्त होना, चक्कर आना साथ ही मानसिक संतुलन बिगड़ने जैसे हालात पैदा हो जाते हैं. 

बच्चे जल्दी होते हैं शिकार
 
heatstroke

सावधानी न बरतने पर बच्चे बहुत जल्दी इन बीमारियों की गिरफ्त में आ जाते हैं. बच्चे बहुत नाजुक होते हैं, उन्हें गर्मी और धूप से होने वाली बीमारी से बचाने के लिए बहुत एहतियात बरतने की जरूरत होती है. इस गर्मी में जितना हो सके बच्चों को कोल्ड ड्रिंक से दूर रखें, शिकंजी का इस्तेमाल करें साथ ही गुड़ को दही में मिला कर खिलाएं. 

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फूड पॉइजनिंग की आशंका
 
upset stomach

गर्मी में फूड पॉइजनिंग होने की आशंका भी बढ़ जाती है. इसलिए कटा हुआ फल न खरीदें और न ही देर से रखा हुआ खाना खाएं, बाहर खुले में बिकने वाले तले हुए खाद्य पदार्थ का सेवन न करें. कोशिश करें कि गर्मी में तरल पदार्थ का सेवन अधिक करें. बाजार में खुले रूप से बिकने वाले जूस का सेवन भी घातक हो सकता है, उससे बचें. जरूरत पड़ने पर चिकित्सक से सलाह लें. 


बरतें सावधनी- 
  • घर से बाहर निकलते समय ढीले कपड़े पहनें, चुस्त कपड़े पहनने से परहेज करें, ताकि शरीर में बाहर की हवा लगती रहे. 
  • सूती कपड़े पहनना ज्यादा बेहतर होगा, जबकि सिंथेटिक, पोलिस्टर कपड़े पहनने से बचें. 
  • घर से बाहर निकलते समय खाली पेट न जाएं, अधिक देर भूखे रहने से बचें. 
  • घर से बाहर निकलते समय शिकंजी, ठंडा शर्बत या पानी पी कर निकलें साथ ही पानी की बोतल लेकर चलें. 
  • बहुत अधिक पसीना आने पर तुरंत ठंडा पानी न पीएं, जबकि सादा पानी धीरे-धीरे कर के पीना शुरू करें, लस्सी का सेवन अधिक करें.
  • भीषण गर्मी में बच्चों को स्कूल से लाने या ले जाने के समय तौलिया को पानी मे भीगोकर उससे ढककर ले जाएं, जिससे बच्चे का बदन ठंडा रह सके, छाते का इस्तेमाल भी बेहतर रहेगा. 
  • बच्चे को ऐसा कपड़ा पहनाएं, जिससे उसका शरीर पूरी तरह से ढका हुआ हो. 
  • गहरे रंग के कपड़े बच्चों को न पहनाएं. हो सके तो हल्के रंग या सफेद कपड़े ही पहनाएं. 
  • बच्चों के पेशाब का रंग चेक करते रहें, पेशाब पीला होने की दशा में ये सुनिश्चित कर लें कि बच्चे को पानी की कमी हो रही है. उसे भरपूर पानी पिलाएं और जरूरी होने पर चिकित्सक से सलाह लें. 

इनपुट आईएएनएस

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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