
Afterplay Benefits: यौन संबंध लाइफ का एक खास हिस्सा है, लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि यौन संबंध के बाद का समय भी उतना ही खास होता है? यह वह समय होता है जब शारीरिक और मानसिक तौर पर भी रिलेशन मजबूत होता है. यौन संबंध के बाद की एक्टिविटीज, जिसे आमतौर पर आफ्टरप्ले कहा जाता है, किसी भी रिलेशनशिप में इंटीमेसी और समझ को बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाता है. इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि आफ्टरप्ले क्या है, इसके फायदे क्या हैं और यह आपके रिलेशनशिप में कैसे बदलाव ला सकता है.
आफ्टरप्ले क्या है (What Is Afterplay)
आफ्टरप्ले वह समय है जो यौन संबंध के बाद दोनों पार्टनर्स एक-दूसरे के साथ बिताते हैं. इसमें अलग-अलग फिजिकली और मेंटली एक्टिविटीज शामिल हो सकती हैं, जैसे गले लगना, हाथ पकड़ना, बातें करना, या एक-दूसरे को स्नेहपूर्ण तरीके से छूना. यह फोरप्ले के विपरीत होता है, जो एक्साइटमेंट और फिजिकल एक्टिविटी को बढ़ाता है.
आफ्टरप्ले मुख्य रूप से सेक्स रिलेशन के बाद इमोशनल कनेक्शन को बनाए रखने और मेंटल पीस पाने पर फोकस होता है. आफ्टरप्ले के दौरान जो एक्टिविटीज होती हैं, वे फिजिकली और मेंटली दोनों पार्टनर्स को आराम देती हैं. यह समय न सिर्फ फिजिकली पीस देता है बल्कि इमोशनली भी दोनों को एक-दूसरे के करीब लाता है.
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आफ्टरप्ले के फायदे (Benefits of Afterplay)
आफ्टरप्ले का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह मेंटल पीस और सेटिस्फेक्शन प्रदान करता है. यौन संबंध के दौरान जो फीलिंग्स आती हैं, उन्हें आफ्टरप्ले के दौरान महसूस करना और शेयर करना रिलेशन को मजबूत करता है.
इमोशनल कनेक्शन- आफ्टरप्ले पार्टनर्स के बीच एक मजबूत इमोशनल बॉन्डिंग डेवलप करता है. यह एक-दूसरे के साथ स्नेहपूर्ण बातचीत, गले लगने या हाथ पकड़ने जैसी सिंपल एक्टिविटीज से होता है. इन एक्टिविटीज के जरिए, दोनों एक-दूसरे को वैल्यूड और एप्रीशिएटेड फील कराते हैं.
कम्युनिकेशन बढ़ाना- आफ्टरप्ले, जो एक रिलैक्सिंग और स्नेहपूर्ण वातावरण में होता है, पार्टनर्स को एक-दूसरे से अपनी फीलिंग्स शेयर करने का मौका देता है. खुलकर बातचीत से समझ और विश्वास बढ़ता है, जो किसी भी रिलेशनशिप की मजबूती के लिए जरूरी है.
आफ्टरप्ले के फिजिकली फायदे (Physical Benefits of Afterplay)
रिलैक्सेशन और स्ट्रेस रिलीफ- यौन संबंध के बाद का समय फिजिकली आराम देने वाला होता है. इस समय में हल्की मालिश, गले लगना या साथ में बैठकर बात करना बॉडी और ब्रेन को शांति प्रदान करता है. इस दौरान शरीर में ऑक्सीटोसिन नामक हार्मोन का लेवल बढ़ता है, जो खुशी और सेटिस्फेक्शन की फीलिंग को बढ़ाता है.
स्ट्रेस में कमी- आफ्टरप्ले के दौरान इंटीमेंट टच और अफेक्शन से शरीर में स्ट्रेस कम होता है. यह न सिर्फ मेंटल पीस प्रदान करता है, बल्कि शरीर के स्ट्रेस को भी कम करता है. इससे मेंटली और फिजिकली हेल्थ पर पॉजिटिव इफेक्ट पड़ता है.
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आफ्टरप्ले की एक्टिविटीज
आफ्टरप्ले का मतलब सिर्फ गले लगने या हाथ पकड़ने तक सीमित नहीं है. इसमें कई दूसरी एक्टिविटीज शामिल हो सकती हैं, जो आपके रिलेशनशिप को और मजबूत कर सकती हैं. आइए जानते हैं कुछ ऐसी एक्टिविटीज जो आफ्टरप्ले का हिस्सा हो सकती हैं -
1. फिजिकली एक्टिविटीज
गले लगना- यौन संबंध के बाद गले लगना दोनों पार्टनर्स के लिए एक स्नेहपूर्ण और रिलैक्सिंग अनुभव होता है. यह जुड़ाव को और बढ़ाता है.
स्पूनिंग- एक-दूसरे के पास लेटकर स्पूनिंग करना एक रोमांटिक और इंटीमेट एक्सपीरिएंस है, जो दोनों को एक-दूसरे के करीब लाता है.
हल्की मालिश- एक-दूसरे को हल्की मालिश देने से न सिर्फ शरीर को आराम मिलता है, बल्कि आपस में इमोशनल कनेक्शन भी बढ़ता है.
2. ओरल एक्टिविटीज
फीलिंग्स को शेयर करना- यौन संबंधके बाद आप एक-दूसरे से यह पूछ सकते हैं कि आपको एक्सपीरिएंस के दौरान कैसा फील हुआ. यह बातचीत रिलेशनशिप में विश्वास और समझ को बढ़ाती है.
आभार व्यक्त करना- जब आप एक-दूसरे को थैंक्यू कहते हैं और एक्सपीरिएंस की सराहना करते हैं, तो यह रिलेशन को और मजबूत करता है.
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3. रिलेक्सिंग एक्टिविटीज
म्यूजिक सुनना- लाइट म्यूज़िक बजाना दोनों के लिए एक रिलेक्सिंग माहौल बना सकता है, जिससे रिलेशनशिप में पीस और सेटिस्फैक्शन की फीलिंग आती है.
मूवी देखना- एक साथ फिल्म देखना भी एक आदर्श आफ्टरप्ले एक्टिविटी हो सकती है, जो दोनों को पास लाने में मदद करती है.
साथ में नहाना- गर्म पानी में एक साथ नहाना दोनों के लिए रिलेक्सिंग और इंटिमेट हो सकता है.
रिलेशनशिप में आफ्टरप्ले की इंपोर्टेंस (Importance of Afterplay In A Relationship)
आफ्टरप्ले सिर्फ यौन संबंध के बाद का एक पल नहीं है, बल्कि यह रिलेशनशिप में विश्वास, इंटिमेसी और सेटिस्फैक्शन का निर्माण करता है.
- ट्रस्ट और सेफ्टी का निर्माण: जब एक-दूसरे के साथ आफ्टरप्ले के दौरान अफेक्शनेट वे में बातचीत करते हैं और फिजिकली कॉन्टैक्ट होता है, तो यह ट्रस्ट और सेफ्टी की फीलिंग को बढ़ाता है. यह एक ऐसे रिलेशनशिप की नींव रखता है जो सच्चे प्यार और समझ पर बेस्ड हो
- सेटिस्फैक्शन की फीलिंग: आफ्टरप्ले के दौरान, दोनों पार्टनर्स यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि दोनों को सेटिस्फैक्श मिला है और वे एक-दूसरे की फीलिंग्स का सम्मान कर रहे हैं. यह एक बैलेंस और हेल्दी रिलेशनशिप के लिए जरूरी है.
आफ्टरप्ले को कैसे सुधारें?
अगर आप आफ्टरप्ले की इंपोर्टेंस को समझ चुके हैं, तो अब हम कुछ सुझाव देंगे जिन्हें अपनाकर आप इसे अपने रिलेशनशिप में और प्रभावी बना सकते हैं-
1. कम्युनिकेशन: यह बहुत जरूरी है कि आप अपने अनुभवों और फीलिंग्स को खुलकर शेयर करें. इससे आप दोनों एक-दूसरे को बेहतर समझ सकेंगे.
2. प्राइवेटाइजेशन: आफ्टरप्ले की एक्टिविटीज़ हर कपल के लिए अलग हो सकती हैं. यह जानना जरूरी है कि आपके साथी को क्या पसंद है और क्या नहीं. आप दोनों के बीच की समझ और पसंद को ध्यान में रखते हुए आप आफ्टरप्ले को और बेहतर बना सकते हैं.
3. सही माहौल बनाना: आफ्टरप्ले के लिए एक रिलैक्सिंग और पीसफुल एटमोस्फेयर बनाना जरूरी है. लाइटिंग, म्युज़िक और टेम्प्रेचर जैसी चीजें आपके एक्सपीरिएंस को और भी सुखद बना सकती है.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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