विज्ञापन
Story ProgressBack

क्या आप भी कराते हैं विटामिन डी की नियमित जांच? यहां जानें क्या कहते हैं डॉक्टर्स

Vitamin D Test: डॉक्टरों ने कहा है कि हड्डियों और हृदय के लिए आवश्यक विटामिन डी के लिए किसी तरह की कोई नियमित जांच की जरूरत नहीं है.

Read Time: 3 mins
क्या आप भी कराते हैं विटामिन डी की नियमित जांच? यहां जानें क्या कहते हैं डॉक्टर्स
Vitamin D Test: किसे करना चाहिए विटामिन डी की जांच.

Vitamin D Test: विटामिन डी, जिसे “सनशाइन विटामिन” भी कहा जाता है. यह एक फैट में घुलनशील विटामिन है जो डी-2 और डी-3 दो मुख्य रूपों में पाया जाता है. विटामिन डी हड्डियों और दांतों के विकास और प्रतिरक्षा प्रणाली के नियमित कामकाज के लिए महत्वपूर्ण सूक्ष्म पोषक तत्व है. कई अध्ययनों ने इसकी कमी को मसक्यूलोस्केलेटल, मेटाबॉलिक, कार्डियोवैस्कुलर, घातक ऑटोइम्यून और संक्रामक रोगों में शामिल है. इसी को लेकर अमेरिकी एंडोक्राइन सोसायटी की नई गाइडलाइन सामने आई है. जिसमें डॉक्टरों ने कहा है कि हड्डियों और हृदय के लिए आवश्यक विटामिन डी के लिए किसी तरह की कोई नियमित जांच की जरूरत नहीं है.

अमेरिका में एंडोक्राइन सोसाइटी ने इस सप्ताह एक नई गाइडलाइन जारी की, जिसमें 75 वर्ष की आयु तक स्वस्थ वयस्कों के लिए विटामिन डी की जांच नहीं कराने की सिफारिश की गई है. पैनल ने सामान्य रूप से स्वस्थ व्यक्तियों के लिए नियमित 25 हाइड्रॉक्सी विटामिन डी परीक्षण के खिलाफ सुझाव दिया.

ये भी पढ़ें-  युवा और महिलाओं में मल्टीपल स्क्लेरोसिस का खतरा अधिक- विशेषज्ञ

पी.डी. हिंदुजा अस्पताल की सेक्शन हेड एंडोक्रिनोलॉजी कंसल्टेंट्स फुलरेणु चौहान ने आईएएनएस को बताया, ''विटामिन डी का सेवन लगभग हर व्यक्ति करता है, जो स्वास्थ्य पोषण, स्वास्थ्य प्रशिक्षकों और इसी तरह के अन्य क्षेत्रों से संबंधित है, जिन्हें इस बात का बिलकुल भी अंदाजा नहीं है कि विटामिन डी का हाई लेवल या डोज से क्या हो सकता है.'' उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि लेबोरेटरी भी अपने पैकेज में विटामिन डी जांच की सुविधा दे रही है.

फुलरेणु ने कहा, "विटामिन डी टेस्ट नियमित रूप से करवाने की जरूरत नहीं है. यह केवल कुछ विशेष परिस्थितियों में ही करवाना चहिए. यह निश्चित रूप से स्क्रीनिंग टेस्ट नहीं है.' इस नई गाइडलाइन में केवल बच्चों, गर्भवती महिलाओं, 75 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों और हाइ रिस्क वाले प्री-डायबिटीज वाले वयस्कों के लिए विटामिन डी के सेवन की सिफारिश की गई है.

फोर्टिस सी-डॉक अस्पताल के डायबिटीज एवं एंडोक्राइनोलॉजी के अध्यक्ष एवं निदेशक अनूप मिश्रा ने आईएएनएस को बताया, ''इन विशिष्ट स्थितियों को छोड़कर विटामिन डी के स्तर की नियमित जांज की सिफारिश नहीं की जाती है.''

विशेषज्ञ ने कहा, ''विटामिन डी की कमी भारतीय आबादी में व्यापक तौर पर है, लेकिन इसका महत्व अधिकांश लोगों को नहीं पता है. बच्चों में यह रिकेट्स की घटनाओं को कम कर सकता है, बुजुर्गों में यह गर्भावस्था के दौरान मृत्यु दर को कम कर सकता है, साथ ही यह भ्रूण के प्रतिकूल परिणामों को कम कर सकता है और प्रीडायबिटीज वाले लोगों में यह डायबिटीज के विकास को रोक सकता है. इन स्थितियों में इसे लेने की सिफारिश की जाती है.''

Colon Cancer: चौथी स्टेज पर ठीक हो सकता है कैंसर! Dr Vivek Mangla से जानें How to Avoid Colon Cancer

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Previous Article
इस हरी दाल को भिगोकर खाने से मिलते हैं 8 गजब फायदे, प्रोटीन हो या फाइबर हर पोषक तत्व से भरपूर
क्या आप भी कराते हैं विटामिन डी की नियमित जांच? यहां जानें क्या कहते हैं डॉक्टर्स
हार्ट हेल्थ को हमेशा सुपर एक्टिव और हेल्दी रखने के लिए रेगुलर खाएं ये 3 फल, कई पोषक तत्वों से भरपूर
Next Article
हार्ट हेल्थ को हमेशा सुपर एक्टिव और हेल्दी रखने के लिए रेगुलर खाएं ये 3 फल, कई पोषक तत्वों से भरपूर
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com
;