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This Article is From Dec 26, 2019

लव लाइफ और प्रोफेश्नल लाइफ में ऐसे करें बैलेंस

छुट्टियों के दौरान कभी भी दफ्तर का कोई बड़ा काम आ सकता है। ठीक उसी तरह ड्यूटी के दौरान घर पर कुछ ऐसा घट सकता है, जिसे उसी वक्त हैंडल करना जरूरी है। ऐसे में क्या किया जाए?

लव लाइफ और प्रोफेश्नल लाइफ में ऐसे करें बैलेंस
प्रतीकात्मक तस्वीर

फैमिली ट्रिप पर कमरे में बैठकर दफ्तर का काम करना गुनाह है, ठीक उसी तरह जिस तरह दफ्तर में बैठकर दोस्तों से चैटिंग करना.लेकिन काम दोनों जरूरी है।

छुट्टियों के दौरान कभी भी दफ्तर का कोई बड़ा काम आ सकता है। ठीक उसी तरह ड्यूटी के दौरान घर पर कुछ ऐसा घट सकता है, जिसे उसी वक्त हैंडल करना जरूरी है। ऐसे में क्या किया जाए?



रिजर्व टाइम' फिक्स करें
आपकी कंपनी जाहिर तौर पर आपको रेस्ट करने, चाय-कॉफी और खाने-पीने का वक्त देती होगी। इस वक्त को रिजर्व रखें। किसी पारिवारिक सदस्य से जरूरी बात करनी हो या कोई काम अटका पड़ा हो,तो वो आप इस वक्त में निपटाएं। इससे दो फायदे हैं-

  • ब्रेक टाइम में आप अपनी सीट छोड़ बाहर जा सकते हैं। इसलिए क्यूबिकल में बैठकर बात करने से अच्छा है कि आप अलग हटकर अपनी बात करें। इससे आपकी निजता बनी रहेगी।
  • इमरेंजी किसी भी वक्त आ सकती है और उसे उसी वक्त हैंडल करना जरूरी है। इस दौरान आपका जो काम का वक्त बरबाद हुआ है उसे आप अपने ‘ब्रेक टाइम' या ‘रिजर्व टाइम' में खत्म कर हिसाब बराबर कर सकते हैं


ठीक यही फॉर्मूला तब भी लागू करें जब आप छुट्टी पर हों।

दोस्तों, परिवारवालों से वर्क प्रेशर शेयर करें


जाहिर तौर पर आप अपने सहकर्मिंयों से अपनी निजी जिंदगी और उसकी परेशानियां नहीं साझा कर सकते। कंपनी को आपकी परेशानियों से नहीं अपने टारगेट से मतलब है। लेकिन घरवालों और दोस्तों से तो आप अपने दफ्तर के काम शेयर कर सकते हैं। इसलिए उन्हें अपने काम के प्रेशर,डिमांड और टाइमिंग के बारे में बताएं। अगर उन्हें इसकी जानकारी होगी तो वो कभी भी आपको ऑफिस में तब फोन नहीं करेंगे जब आप किसी मीटिंग में हों,या पीक आवर हो।

ऑफिस ट्रिप पर परिवार को साथ ले जाने की भूल ना करें


अगर आप दफ्तर के किसी काम से दूसरे शहर या देश जा रहे हैं तो इसे फैमिली ट्रिप बनाने की भूल ना करें। क्योंकि अगर आप ऐसा करेंगे तो वर्क कमिटमेंट्स की वजह से आप परिवार को पूरा वक्त नहीं दे पाएंगे। दूसरी तरफ आपके बॉस को भी लग सकता है कि आपका पूरा फोकस काम पर नहीं है।

अगर निजी जिंदगी में उठापठक चल रही हो, तो असर प्रोफेश्नल लाइफ पर पड़ना तय है। और अगर नौकरी पर आफत आई, तो परिवार पर भी मुसीबत आएगी। इसलिए आप प्रोफेश्नल और पर्सनल लाइफ को अलग नहीं रख सकते। सुकून भरी जिंदगी चाहिए तो  जरूरी है दोनों को बैलेंस करके चलिए।

 

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