World Thalassaemia Day: हर साल 8 मई को मनाया जाने वाला विश्व थैलेसीमिया दिवस, थैलेसीमिया के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए समर्पित है, जो असामान्य हीमोग्लोबिन उत्पादन की विशेषता वाला एक जेनेटिक ब्लड डिसऑर्डर है. थैलेसीमिया से पीड़ित लोगों में हीमोग्लोबिन बनने की क्षमता या तो कम हो जाती है या बिल्कुल नहीं होती, जिससे एनीमिया और अन्य जटिलताएं हो सकती हैं. विश्व थैलेसीमिया दिवस 2024 का फोकस "जीवन को सशक्त बनाना, प्रगति को गले लगाना: सभी के लिए न्यायसंगत और सुलभ थैलेसीमिया उपचार" की थीम के इर्द-गिर्द घूमता है. इस दिन को बेहतर ढंग से पहचानने में आपकी मदद करने के लिए यहां कुछ टिप्स दिए गए हैं, जिन्हें आप थैलेसीमिया होने पर अपने रूटीन में शामिल कर सकते हैं.
थैलेसीमिया को मैनेज करने के लिए टिप्स | Tips to manage Thalassemia
1. रेगुलर ब्लड ट्रांसफ्यूजन
ब्लड ट्रांसफ्यूजन थैलेसीमिया के रोगियों में रेड ब्लड सेल्स की कमी को पूरा करने में मदद करता है, जिससे टिश्यू और अंगों तक ऑक्सीजन वितरण में सुधार होता है.
2. केलेशन थेरेपी
इसमें शरीर से एक्स्ट्रा आयरन को हटाने के लिए दवाओं का उपयोग करना शामिल है, जो बार-बार ब्लड चढ़ाने के कारण जमा हो जाता है. हाई आयरन लेवल से ऑर्गन डैमेज हो सकता है, इसलिए केलेशन थेरेपी जरूरी है.
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3. आयरन से भरपूर डाइट
जबकि आयरन की अधिकता थैलेसीमिया के रोगियों के लिए चिंता का विषय है, पर्याप्त हीमोग्लोबिन लेवल को बनाए रखने के लिए आयरन से भरपूर फूड्स का सेवन अभी भी फायदेमंद हो सकता है.
4. फोलिक एसिड सप्लीमेंट
फोलिक एसिड रेड ब्लड सेल्स के उत्पादन में मदद करता है. रेड ब्लड सेल्स के तेजी से उत्पादन के कारण थैलेसीमिया के रोगियों को अक्सर फोलिक एसिड की जरूरत बढ़ जाती है. सप्लीमेंट रेड ब्लड सेल्स प्रोडक्शन को सपोर्ट देने में मदद कर सकता है.
5. आयरन सप्लीमेंट से बचें
आयरन की कमी वाले एनीमिया वाले लोगों के विपरीत, थैलेसीमिया के रोगियों को आयरन की खुराक लेने से बचना चाहिए जब तक कि हेल्थ केयर प्रोवाइडर द्वारा निर्धारित न किया जाए. एक्स्ट्रा आयरन जटिलताओं को खराब कर सकता है.
6. रेगुलर चेकअप
हीमोग्लोबिन लेवल आयरन और ऑलओवर हेल्थ कंडिशन की निगरानी के लिए हेल्थ केयर प्रोवाइडर के साथ रेगुलर चेकअप बहुत जरूरी है. इससे समय पर ध्यान देने और जरूरत के अनुसार ट्रीटमेंट प्लान के एडजस्टमेंट में मदद मिलती है.
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7. हाइड्रेशन
हाइड्रेटेड रहना हर किसी के लिए जरूरी है, लेकिन खासतौर से थैलेसीमिया रोगियों के लिए. यह ब्लड की मात्रा को बनाए रखने में मदद करता है और डिहाइड्रेशन से संबंधित जटिलताओं को रोकता है, जैसे कि खून की चिपचिपाहट में वृद्धि.
8. इंफेक्शन से बचाव
थैलेसीमिया के मरीज अक्सर अपने कमजोर इम्यून सिस्टम के कारण संक्रमण के प्रति ज्यादा संवेदनशील होते हैं. अच्छी स्वच्छता अपनाना, सिफारिश के अनुसार टीका लगवाना और बीमार व्यक्तियों से दूर रहना संक्रमण को रोकने में मदद कर सकता है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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