
Top mental disorder : इंसान को 200 से ज्यादा प्रकार की मानसिक बीमारियां हो सकती हैं, ये बीमारियां ऐसी होती हैं की इनके होने के बाद भी इंसान को पता नहीं चल पाता है और सबकुछ नार्मल लगता है, लेकिन यह बीमारियां धीरे-धीरे आपके मूड, सोच और व्यवहार को प्रभावित करके कामकाज, रिश्तों और दुनिया को देखने के तरिके में समस्याएं बढ़ा सकती हैं.
वैसे तो कई मानसिक बीमारियां होती हैं, लेकिन डिप्रेशन, सिजोफ्रेनिया, चिंता विकार, जुनूनी-बाध्यकारी (OCD), ध्यान अभाव अतिसक्रियता विकारश् (ADHD) और पोस्टट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD) बीमारियों के मुख्य प्रकार में आते हैं, जो देखते ही देखते आपके व्यवहार के चरित्र में बदलाव कर सकते हैं और चिंता, भय, भूख व कामकाज सभी को प्रभावित करता है.
यह मानसिक बीमारियां बड़ों के साथ-साथ बच्चों को भी प्रभावित करके उनके सोचने, महसूस करने और व्यवहार करने के तरीके को पूरी तरह से बदल सकता है और कभी कबार तो इन सब बीमारियों से ग्रस्त होने के बाद भी लक्षण नहीं दिखाई देते हैं, इसलिए जब कभी शंका हो तो बिना समय खराब किए जल्द से जल्द चेकअप करवा लेना चाहिए.
क्या है कारण
1. कुछ मानसिक बीमारियां परिवार के जीन्स में ही होती है जिसकी वजह आप इनसे बच नहीं सकते है, एक समय के बाद ये आपको होना ही है.

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2. मेंटल इलनेस का कारण बचपन में हुए कुछ ऐसे अनुभव भी हो सकते हैं, जो आपके दिमाग पर असर करते हैं और समय के साथ आप उनसे उबर नहीं पाते हैं.
3. किसी प्रियजन को खोना या कोई अनचाही घटना मानसिक बीमारी को ट्रिगर कर सकती है.
4. हद से ज्यादा नशीली दवाइयों का इस्तेमाल या शराब पीने से मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है.
चार मुख्य प्रकार
डिप्रेशनडिप्रेशन एक मानसिक स्वास्थ्य स्थिति होती है, जिसमे आपको लगातार उदासी, खुशी की कमी या ज्यादातर समय निराश रहने जैसा फील होता है, जो दो या दो से अधिक समय तक रह सकती है और साथ ही यह आपके लाइफ में सोने खाने व काम करने में प्रभावित करती है.
पोस्टट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD)
PTSD एक मानसिक बीमारी है, पोस्टट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर दर्दनाक या गंभीर दुर्घटना, युद्ध या प्राकृतिक आपदा के अनुभव से विकसित होती है. इसके लक्षणों में आपको बुरे सपने, फ्लैशबैक और गंभीर चिंता होने जैसी समस्याएं हो सकती है.
मनोग्रस्त बाध्यता विकार (OCD)
यह एक मानसिक स्वास्थ्य स्थिति होती है जिसमें आपको अपने विचारों पर कंट्रोल नहीं होता है और बार-बार एक ही विचार, डर या छवियां चिंता का कारण बनती है. इस बीमारी की कोई उम्र नहीं होती है, यह बच्चों से लेकर बूढ़ों तक को प्रभावित कर सकती है.
अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी (ADHD)
ADHD एक ऐसी मानसिक बीमारी है, जो बच्चों और वयस्कों दोनो को प्रभावित करती है. इस बीमारी में लोग बिना सोचे-समझे कोई भी काम करने लग जाते हैं और इस बीमारी की वजह से ध्यान केंद्रित करने में भी कठिनाई आती है. ऐसी स्थिति के लक्षणों को दवाओं, थेरेपी और जीवनशैली में बदलाव करके सही किया जा सकता है.
प्रस्तुति- Bobby Raj
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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