गलत तरीके से कान साफ किए, तो लेने के देने पड़ेंगे, हो सकता है इंफेक्शन, जानें कान में दर्द के कारण, इलाज और बचाव | How to Take Care of Your Ears

Reason Behind sharp pain in ear: अधिकतर मौकों पर कान का दर्द ज्यादा नुकसान पहुंचाने वाला नहीं होता, लेकिन कई बार पीड़ित को डॉक्टर के मदद की जरूरत पड़ सकती है. कान के दर्द में भी जल्दी इलाज को हजार नियामत के बराबर माना जाता है.

गलत तरीके से कान साफ किए, तो लेने के देने पड़ेंगे, हो सकता है इंफेक्शन, जानें कान में दर्द के कारण, इलाज और बचाव | How to Take Care of Your Ears

How to take care of your ears: कान की गंदगी या मैल निकालने का सही तरीका जानना जरूरी है. कान के मामले में जरा सी गलती कान दर्द या संक्रमण जैस समस्या पैदा कर सकती है.

Causes of severe ear pain: कान का दर्द बर्दाश्त करना सबसे मुश्किल काम बताया जाता है. आजकल ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स के पास सबसे ज्यादा मरीजों में कान के दर्द से (Kan Dard) पीड़ित लोग शामिल होते हैं. कान में तेज दर्द के लिए आम तौर पर इंफेक्शन और मौसम में अचानक बदलाव को कारण बताया जाता है. अधिकतर मौकों पर कान का दर्द ज्यादा नुकसान पहुंचाने वाला नहीं होता, लेकिन कई बार पीड़ित को डॉक्टर के मदद की जरूरत पड़ सकती है. ऐसे में कान दर्द का सही इलाज जरूरी होता है.

मेडिकल साइंस में कान दर्द को "ओटैल्जिया" कहते हैं. अगर दर्द कान के भीतर से आता है, तो डॉक्टर इसे प्राइमरी ओटैल्जिया कहते हैं. वहीं कान के बाहर पैदा होने वाले दर्द को सेकेंडरी ओटैल्जिया कहा जाता है. आइए, कान में तेज दर्द के कारण, लक्षण, रोकथाम और इलाज के बारे में जानने की कोशिश करते हैं. बच्चों में ज्यादातर कान के अंदर संक्रमण होता है, वहीं कान के बाहर संक्रमण बड़े लोगों में आम बात है.
 

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कान में तेज दर्द के कारण, लक्षण, रोकथाम और इलाज (Causes, symptoms, prevention and treatment of severe ear pain)

हर इंसान के कान में एक नैरो ट्यूब होती है. इसे यूस्टेशियन ट्यूब कहा जाता है. यह कान के अंदर के दबाव को कंट्रोल करने में मदद करता है ताकि यह बाहर के हवा के दबाव से मेल खाए. इससे कान का पर्दा ठीक से काम कर पाता है. कभी-कभी दबाव में असंतुलन होता है, जो जाम पड़े यूस्टेशियन ट्यूब या हवा के दबाव या ऊंचाई में बदलाव के चलते हो सकता है. कान में तेज दर्द कभी-कभी साइनस में वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण के चलते भी हो सकता है.

इयर बैरोट्रॉमा और उसका लक्षण क्या है

बाहरी दबाव में अचानक बदलाव से कान को एक प्रकार का अस्थायी नुकसान हो सकता है. इसे ईयर बैरोट्रॉमा कहा जाता है. इसके लक्षणों में कान के अंदर दबाव महसूस होना, कान में तेज या हल्का दर्द, बहरापन, चक्कर आना या साइनस संक्रमण शामिल हो सकते हैं. तेज दर्द के अलावा कान के संक्रमण के कुछ और लक्षणों में सुनने में कठिनाई, कान में दबाव या कुछ भरा हुआ महसूस करना, कान से कुछ रिसना, कान में और उसके आसपास खुजली या जलन, बुखार, सुस्ती भी शामिल है.

टेम्पोरोमैंडिबुलर डिसऑर्डर (टीएमडी) क्या है

डॉक्टर्स के मुताबिक जबड़े की हड्डी को खोपड़ी से जोड़ने वाले हिस्से पर असर डालने वाली दिक्कत को टेम्पोरोमैंडिबुलर डिसऑर्डर (टीएमडी) कहते हैं. टीएमडी से पीड़ित लोगों को जबड़े में तेज या हल्का दर्द महसूस हो सकता है जो कानों तक फैल जाता है. इसके लक्षणों में जबड़े को हिलाने पर क्लिक करने, पॉप करने या पीसने की आवाजें आती हैं. मुंह को पूरी तरह खोलने में मुश्किलें आती है और मुंह खोलते समय जबड़ा लॉक हो जाता है. आमतौर पर टीएमडी गंभीर नहीं होता है और अपने आप ठीक हो जाता है.

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कान में फंसी चीज को निकलवाने में लें प्रोफेशनल की मदद | How to Safely Clean Your Ears

कान में कोई बाहरी चीज डालने से वह फंस सकती है. बच्चे कई बार खेल-खेल में अपने कानों में कुछ चीजें डालने लगते हैं. कान की नली में कोई बाहरी चीज फंस जाने पर तेज या हल्का दर्द, कान से पानी निकलना, बहरापन और संक्रमण की दिक्कत होने लगती है. इसको ठीक करने के लिए घरेलू कोशिश से कई बार दिक्कत और बढ़ जाती है. इसलिए कान में फंसी चीज को बाहर निकालने के लिए मेडिकल प्रोफेशनल की मदद लेनी चाहिए.

कान दर्द में डॉक्टर देते हैं ये दवाइयां | Kan Dard ki Medicine

आमतौर पर कान के इंफेक्शन से रिकवरी खुद ही होती है, इसलिए हमेशा इलाज जरूरी नहीं होता है. हालांकि, बैक्टीरियल इंफेक्शन हो तो डॉक्टर एंटीबायोटिक्स लिख सकते हैं. इसके अलावा दर्द कम करने के लिए कुछ समय के लिए एसिटामिनोफेन (टाइलेनॉल) और इबुप्रोफेन (एडविल) जैसी पेनकिलर भी मदद कर सकती है. कई बार तनाव और चिंता को कम करने के लिए मरीज को मनोवैज्ञानिक (साइकेट्रिस्ट) के पास भी भेजा जाता है. कोई भी दवा बिना डॉक्टरी सलाह के न लें.   

कान के इंफेक्शन से बचने के लिए क्या-क्या करें | Tips to Prevent Ear Infections

कुछ लोग कान के मैल को हटाने के लिए क्यू-टिप्स का उपयोग करते हैं, लेकिन हकीकत में यह मैल को कान में वापस धकेल सकता है. इससे समस्याएं पैदा हो सकती हैं. कान में मैल जमने के बाद किसी को भी डॉक्टर से ही सलाह लेनी चाहिए. कान में तेज दर्द के लिए अक्सर इंफेक्शन ही जिम्मेदार होता है. इंफेक्शन को रोकना मुश्किल हो सकता है, लेकिन कुछ उपायों को आजमाकर इससे बचा जा सकता है.

  • क्यू-टिप्स या उंगलियों से कानों की जांच न करें.
  • नहाते समय पानी और शैम्पू को कानों में जाने से रोकें.
  • तैराकी करते समय इयरप्लग या स्विमिंग कैप का इस्तेमाल करें.
  • एक्जिमा और स्किन की दूसरी बीमारियों का इलाज करवाएं.
  • अगर आप हियरिंग एड पहनते हैं तो उसकी  चीजों से होने वाली एलर्जी का इलाज करें.
  • स्मोकिंग और धुएं वाले माहौल से बचें.


कान के दर्द को रोकने के लिए कुछ उपाय | Home remedies for ear pain
 

इसके बाहरी दबाव या ऊंचाई में बदलाव के कारण होने वाले कान के दर्द को रोकने के लिए जम्हाई लेना, निगलने की प्रैक्टिस दोहराना, च्यूइंग गम चबाना, कोई कैंडी चूसना, नाक दबाकर धीरे से अंदर की ओर फूंक मारना वगैरह यूस्टेशियन ट्यूब को खोलने में मदद कर सकते हैं. इससे आप कान के अंदर और बाहर के दबाव को बराबर या बैलेंस कर सकते हैं.

क्या है अलार्मिंग हालत, डॉक्टर से कब मिलें?

इसके अलावा अगर कान दर्द तीन से ज्यादा दिनों तक जारी रहे, गंभीर दर्द और खून या मवाद बहने की शिकायत हो, सूजन हो, उल्टी या चक्कर आए,  ठंड लगे या बुखार हो, गले में खराश हो या फिर पहले से कोई गंभीर बीमारी हो तो फौरन कान के स्पेशलिस्ट डॉक्टर से इलाज के लिए मिलें.



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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)