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Itchy Genitals? क्यों होती है निजी अंगों में खुजली, पर्सनल हाइजीन से जुड़ी ये बातें जानना जरूरी

Private Part me Khujli Hone par Kya Kare: आज के समय में लोगों का खानपान, लाइफस्टाइल ऐसा हो गया है जिसका असर उनके स्वास्थ्य पर पड़ता है. जिसमें प्राइवेट पार्ट में खुजली होना भी एक समस्या है. आइए जानते हैं इसका कारण और इस समस्या को दूर करने के आर्युवेदिक उपाय.

Itchy Genitals? क्यों होती है निजी अंगों में खुजली, पर्सनल हाइजीन से जुड़ी ये बातें जानना जरूरी
Private Part me Khujli Kyu hoti hai: प्राइवेट पार्ट में खुजली हो तो क्या करना चाहिए.

Itching in Private Part: आज की व्यस्त जीवनशैली, असंतुलित खानपान और अत्यधिक रसायनयुक्त उत्पादों के इस्तेमाल के कारण गुप्तांगों में खुजली एक आम, लेकिन गंभीर समस्या बनती जा रही है. यह सिर्फ असुविधा ही नहीं, बल्कि कई बार संक्रमण और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत भी हो सकती है. 

क्या है कारण

सबसे पहले समझना जरूरी है कि गुप्तांगों का प्राकृतिक पीएच स्तर हल्का अम्लीय (3.8–4.5) होता है, जो उसे संक्रमण से बचाता है. जब अत्यधिक सफाई, साबुन या खुशबूदार उत्पादों का प्रयोग किया जाता है, तो यह संतुलन बिगड़ जाता है और खुजली, जलन जैसी समस्याएं सामने आती हैं. 

इसके अलावा, सिंथेटिक या टाइट कपड़े पहनने से पसीना और गर्मी बंद हो जाती है, जिससे फंगल इंफेक्शन और रैशेज होने की संभावना बढ़ जाती है.

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कुछ मामलों में आंतों के स्वास्थ्य का संबंध भी गुप्तांगों से होता है. आंतों में बैक्टीरिया का असंतुलन यीस्ट की वृद्धि को बढ़ाता है, जिससे खुजली हो सकती है. महिलाओं में हार्मोनल बदलाव जैसे एस्ट्रोजेन या थायरॉइड का असंतुलन और पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन की गड़बड़ी भी गुप्तांगों की त्वचा को संवेदनशील बनाती है. बार-बार होने वाली खुजली कभी-कभी छिपे हुए डायबिटीज का भी संकेत हो सकती है, क्योंकि शरीर में अधिक शुगर फंगल संक्रमण को पोषण देती है.

कुछ दुर्लभ मामलों में संपर्क एलर्जी जैसे कंडोम (लेटेक्स), डिटर्जेंट, सैनिटरी पैड, या कपड़ों के बटन में लगे निकेल से भी खुजली हो सकती है. इसके अलावा, नसों पर दबाव या विटामिन बी12 की कमी से होने वाला न्यूरोजेनिक प्रुरिटस बिना किसी संक्रमण के भी खुजली पैदा करता है. थ्रेडवर्म या जननांग जूं जैसे परजीवी भी इसका एक कारण हो सकते हैं, जो अक्सर यौन संबंध या दूषित कपड़ों से फैलते हैं.

क्या हैं घरेलू उपाय

घरेलू उपायों में नीम का पानी बहुत लाभकारी होता है, जिसमें एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं. दही का सेवन और हल्का प्रयोग भी उपयोगी है क्योंकि इसमें प्रोबायोटिक्स होते हैं. हल्दी वाला दूध पीने से शरीर अंदर से संक्रमण से लड़ता है. नारियल तेल और एलोवेरा जेल भी खुजली को शांत करने में मदद करते हैं. ढीले सूती कपड़े पहनना, पीरियड्स के दौरान स्वच्छता बनाए रखना और पर्याप्त पानी पीना जरूरी है.

नियमित सफाई, रसायन रहित उत्पादों का प्रयोग, हेल्दी डाइट और तनाव मुक्त जीवनशैली अपनाकर इस समस्या से बचा जा सकता है. अगर खुजली लगातार बनी रहे या असहनीय हो, तो चिकित्सक से परामर्श अवश्य लें.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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