
‘परीक्षा पे चर्चा' में अभिनेत्री भूमि पेडनेकर ने छात्रों को तनाव मुक्त होकर अपनी खूबियों पर फोकस करने की सलाह दी. बच्चों के साथ फन एक्टिविटी की और कहा कि नेगेटिव माहौल में भी अपनी ताकत को पहचानें और वॉरियर बनें वरियर (चिंता करने वाला) नहीं. बच्चों के साथ बातचीत में भूमि ने बताया कि वह काफी अच्छी स्टूडेंट थीं, मगर उन्हें बचपन में ही एहसास हो गया था कि उन्हें अभिनेत्री बनना है. उन्होंने बताया कि "मैं बचपन में खूब पढ़ाई करती थी, इसलिए मैं यही सोचती थी कि मुझे सोना नहीं है और मैं बहुत कम नींद लेती थी." लेकिन आज मैं शूटिंग से ब्रेक मिलते ही जल्दी-जल्दी खाना खाती हूं और फिर कम से कम आधे घंटे सोने चली जाती हूं क्योंकि “प्रॉपर नींद शार्प बनने का साधन है.”
उन्होंने कहा कि फोकस के लिए ब्रेक लेना जरूरी है. बोलीं कि वह बचपन में दिन भर में केवल एक घंटे का ब्रेक लेती थीं और बाहर खेलने चली जाती थीं. ब्रेक के दौरान डांस भी करती थीं. भूमि ने अपने जिंदगी के उस हिस्से के बारे में भी बात की जब उनके पिता का निधन हुआ था. उस घड़ी में वह कैसे निकलीं, इसके बारे में भी बच्चों को बताया. उन्होंने कहा कि "आप सभी को अपनी स्ट्रेंथ पर खेलना पड़ेगा."
अभिनेत्री ने आगे बताया, "मुझे जब कोई सीन मिलता है तो मैं एक सीन को फन तरीके से अलग-अलग इमोशन में पढ़ती हूं. कभी खुशी, कभी दुख में, कभी एक्साइट होकर तो कभी उदास होकर." भूमि ने बच्चों के साथ भी वही फन एक्टिविटी की, जिसमें बच्चों ने एक चैप्टर को कई इमोशंस में पढ़ा. भूमि ने क्रिएटिविटी विद पॉजिटिविटी या अपने काम के साथ पॉजिटिव कैसे रहें, इस पर भी चर्चा की और साथ ही बच्चों को परीक्षा के दौरान पॉजिटिव बने रहने का भी मंत्र दिया. भूमि ने कहा, "बच्चों, मैं सबसे पहले तो आप सभी से यही कहूंगी कि आप 'वॉरियर बनें, वरियर नहीं'. ये चीजें आपको फोकस करने में मदद करेंगी."
‘परीक्षा पे चर्चा' के छठे एपिसोड में अभिनेता विक्रांत मैसी शामिल हुए. एक्टर ने मिशन क्रिएटिविटी विद पॉजिटिविटी या अपने काम के साथ पॉजिटिव कैसे रहें, इस पर चर्चा की. इसके साथ ही उन्होंने बच्चों को पावर टूल जर्नलिंग और पावर ऑफ विजुअलाइजेशन का मंत्र भी दिया. ये भी कहा कि अपनी कोशिशों को नजरअंदाज न करें, उन्हें पूरा सम्मान दें. विक्रांत ने पेरेंट्स के लिए कहा, "बच्चों पर अनजाने में दबाव न बनाएं. उनकी स्किल्स को पहचानें, नंबरों के पीछे ना भागें. नजरें नीचे और सोच ऊपर रखें." विक्रांत ने बच्चों संग पावर ऑफ विजुअलाइजेशन भी किया. विक्रांत ने पावर टूल जर्नलिंग के बारे में भी बच्चों को बताया.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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