विज्ञापन

क्या आप भी नहीं पूरी कर रहे हैं 8 घंटे की नींद, दिमाग को पहुंच सकता है ये 5 बड़ा नुकसान

नींद सिर्फ शरीर को आराम देने का जरिया नहीं है, बल्कि यह हमारे मानसिक स्वास्थ्य, भावनाओं को संतुलित रखने और कुछ नया सोचने (क्रिएटिविटी) के लिए बहुत जरूरी है. जो लोग रोज 7 से 8 घंटे की नींद लेते हैं, वे ज्यादा फोकस्ड, खुश और एनर्जेटिक रहते हैं.

क्या आप भी नहीं पूरी कर रहे हैं 8 घंटे की नींद, दिमाग को पहुंच सकता है ये 5 बड़ा नुकसान
अगर आप पर्याप्त नींद नहीं लेते, तो यह प्रक्रिया रुक जाती है.

Sleep apnea : काम का प्रेशर, तनाव, सोशल मीडिया और देर रात तक मोबाइल चलाने की आदत ने हमारी नींद छीन ली है. हम अक्सर सोचते हैं कि नींद सिर्फ आराम करने के लिए होती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसका सीधा असर हमारे दिमाग पर पड़ता है? अगर आप भी कम सोते हैं, तो ये खबर आपके लिए है. आइए जानते हैं कि कम नींद लेने से आपके दिमाग में क्या-क्या बदलाव आते हैं और यह आपकी दिमागी सेहत को कैसे खराब करती है.

यह भी पढ़ें

एक मुट्ठी Sprouts रोज खाएंगे तो शरीर में जमी चर्बी मक्खन की तरह लगेगी पिघलने

दिमाग की फंक्शनिंग होती है स्लो

जब आप पूरी नींद नहीं लेते, तो आपके दिमाग की नसें ठीक से काम नहीं कर पातीं. आप छोटी-छोटी बातों पर चिढ़ने लगते हैं और किसी भी काम पर फोकस करना मुश्किल हो जाता है.

याददाश्त और सीखने की क्षमता पर पड़ता है बुरा असर

रिसर्च बताती है कि जब हम सोते हैं, तो हमारा दिमाग दिनभर की बातों और यादों को प्रोसेस करता है और उन्हें हमारी याददाश्त में पक्का करता है. अगर आप पर्याप्त नींद नहीं लेते, तो यह प्रक्रिया रुक जाती है. इसका नतीजा यह होता है कि आपकी याददाश्त कमजोर होने लगती है और नई चीजें सीखने में परेशानी आती है.

स्ट्रेस हार्मोन बढ़ जाते हैं

कम नींद लेने से शरीर में कॉर्टिसोल नाम का स्ट्रेस हार्मोन बढ़ जाता है. यह हार्मोन बढ़ने से व्यक्ति जल्दी गुस्सा करता है, उदास महसूस करता है और उसका मानसिक संतुलन बिगड़ जाता है. यही वजह है कि कम नींद से डिप्रेशन, एंग्जायटी और मूड में अचानक बदलाव जैसी दिक्कतें बढ़ जाती हैं.

सोचने-समझने और फैसले लेने की शक्ति कमजोर होती है

कम नींद के कारण व्यक्ति सही और गलत में फर्क करने में भी चूक कर सकता है. अगर लंबे समय तक नींद की कमी रहती है, चीजों को गलत समझना, जो है ही नहीं, वो दिखने लगना जैसी गंभीर स्थिति भी पैदा हो सकती है.

अल्जाइमर का खतरा बढ़ जाता है

कई स्टडीज में सामने आया है कि सिर्फ एक रात की खराब नींद की कमी केवल थकान ही नहीं, बल्कि लंबे समय तक चलने वाली दिमागी बीमारियों का कारण भी बन सकती है.

तो, पूरी नींद लेना क्यों जरूरी है?

नींद सिर्फ शरीर को आराम देने का जरिया नहीं है, बल्कि यह हमारे मानसिक स्वास्थ्य, भावनाओं को संतुलित रखने और कुछ नया सोचने के लिए बहुत जरूरी है. जो लोग रोज 7 से 8 घंटे की नींद लेते हैं, वे ज्यादा फोकस्ड, खुश और एनर्जेटिक रहते हैं.

अच्छी नींद के लिए आसान उपाय

  1. रोज एक ही समय पर सोएं और जागें.
  2. सोने से 1 घंटे पहले मोबाइल और टीवी को दूर रख दें.
  3. रात में चाय, कॉफी या धूम्रपान न करें.
  4. अपने कमरे का माहौल शांत और आरामदायक रखें.
  5. सोने से पहले हल्का संगीत सुनें या मेड.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com