Necrospermia: नेक्रोसस्पर्मिया, जिसे मेडिकल भाषा में नेक्रोस्पर्मिया भी कहा जाता है, एक ऐसी स्थिति है जिसमें पुरुषों के फ्रेश सीमन सैम्पल में मृत शुक्राणु पाए जाते हैं. नेक्रोस्पर्मिया एक दुर्लभ स्थिति है, जो केवल 0.2 प्रतिशत से 0.5 प्रतिशत पुरुषों को प्रभावित करती है.
नेक्रोस्पर्मिया समस्याओं का वर्गीकरण:
मध्यम - 50 से 80 प्रतिशत मृत शुक्राणु
गंभीर - 80 प्रतिशत से अधिक मृत शुक्राणु
नेक्रोसस्पर्मिया के कारण (Causes Of Necrospermia)
नेक्रोसस्पर्मिया पैदा करने वाले कारक:
- प्रोडक्टिव ट्रैक्ट इंफेक्शन
- हार्मोनल इनबैलेंस
- रीढ़ की हड्डी में चोट
- असामान्य शरीर का तापमान
- टेस्टिक्युलर कर्करोग
- कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी
- टेस्टिकुलर प्रोब्लम्स
- लंबे समय तक यौन संयम
- एंटी स्पर्म एंटीबॉडी
- एपिडीडिमिक कि समस्या
- तनाव की दवाएं और अति अल्कोहल का सेवन
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नेक्रोसस्पर्मिया को कैसे डायग्नोस किया जाए? | How To Diagnose Necrospermia?
नेक्रोसस्पर्मिया का निदान करने के लिए कुछ टेस्ट से गुजरने जरूरत होती है, जैसे की:
- ईओसिन टेस्ट
- हाइपो-ऑस्मोटिक फ्लैगेला कोइलिंग टेस्ट
- स्पेशलाइज्ड स्पर्म फंक्शन टेस्ट
- पुरुष हार्मोन टेस्ट
- क्रोमोसोम एनालाइसिस
अक्सर नेक्रोसस्पर्मिया और ओस्टियोजोस्पर्मिया के बीच मे भ्रम हो जाता है. ओस्टियोज़ोस्पर्मिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें शुक्राणु स्थिर होते हैं लेकिन मृत नहीं होते. ओस्टियोजोस्पर्मिया का इलाज करना आसान है, क्योंकि हाइपोस्मोटिक स्वेलिंग टेस्ट जैसे प्रोसेस्ड टेस्ट का उपयोग करके जीवित शुक्राणु की पहचान करने के बाद आईसीएसआई. किया जा सकता है.
इसलिए इन दोनों स्थितियों के डायग्नोस और इलाज करने के लिए अपने डॉक्टर से बात करना जरूरी है. एक और समस्या यह है कि कभी-कभी नेक्रोसस्पर्मिया स्थिती को गलत डायग्नोस किया जा सकता है. ये गलत निदान कुछ टेस्ट के दौरान की गई भूल के कारण हो सकता है:
- जब शुक्राणुओं को शुक्राणुनाशक क्रीम के साथ लेपित कंडोम में संचित किया जाता है.
- जब शुक्राणु जीवाणुरहित कंटेनरों में संचित किए जाते हैं.
- शुक्राणु को इकट्ठा करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला स्नेहक एंटीसेप्टिक होने से सभी शुक्राणु नष्ट हो जाते हैं.
गलत डायग्नोस से बचने के लिए क्या करें? | What to Do To Avoid Misdiagnosis?
- सीमन एनालायसिस के लिए सपर्म सैम्पल एकत्र करने के लिए एक खास नॉन टॉक्सिक सिलास्टिक कंडोम का उपयोग करना सुविधाजनक होगा.
- अगर सीमन एनालयसिस टेस्ट में नेक्रोसस्पर्मिया का निदान हुआ है, तो इसे एक रेप्यूटेड लेबोरेटरी से फिर से जांचा जाना चाहिए.
- जीवित शुक्राणु और मृत शुक्राणु की सही पहचान करने के लिए प्रयोगशाला तकनीशियन अनुभवी होना चाहिए.
- ये टेस्ट सटीक करना जरुरी होता है.
- पहले सीमन के 1 घंटे बाद दूसरे सीमन का सैम्पल लिया जाता है. अगर पहले सैम्पल में कोई जीवित शुक्राणु नहीं पाया जाता है, तो दूसरा सीमन सैम्पल फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि यह फ्रेश सीमन होता है इसलिए दूसरे सैम्पल में जीवित शुक्राणु होते हैं.
नेक्रोसस्पर्मिया के ट्रीटमेंट ऑप्शन क्या हैं? | Treatment Options For Necrospermia
जब नेक्रोसस्पर्मिया को डायग्नोस किया जाता है, तो पहले समस्या के सटीक कारण की पहचान की जानी चाहिए. किसी भी प्रकार के इंफेक्शन को एंटीबायोटिक दवाओं से कंट्रोल किया जा सकता है. इसके अलावा अगर नेक्रोसस्पर्मिया ड्रग के दुरुपयोग के कारण होता है, तो डॉक्टर ड्रग डि-एडिक्शन ट्रीटमेंट लिख सकते हैं.
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नेक्रोसस्पर्मिया वाले लोगों में प्रेग्नेंसी रेट कम होती है. आईसीएसआई गर्भवती होने की इस संभावनाओं में सुधार कर सकता है. टेस्टिकुलर स्पर्म एक्सट्रैक्शन (टीईएसई-आईसीएसआई) के साथ आईवीएफ नेक्रोसस्पर्मिया के लिए सबसे अच्छा ट्रीटमेंट ऑप्शन है. इस प्रक्रिया के दौरान आपका डॉक्टर आपको अंडकोष को सुन्न करने के लिए एनेस्थीसिया देगा, फिर टिश्यू की एक छोटी मात्रा को निकलने के लिए अंडकोष में एक सुई डाली जाती है.
कभी कभी सीमन इजेकुलेशन में जीवित स्पर्म सेल्स नहीं पाई जाती है, लेकिन टेस्टिकल्स में वे मिल सकते है. ये शुक्राणु खुद अंडे में प्रवेश और निषेचित नहीं कर सकते हैं. इसलिए आईसीएसआई के साथ आईवीएफ जरूरी है. आपका डॉक्टर सीधे स्पर्म के साथ अंडे को इंजेक्ट करेगा.
इसके अलावा, अगर उपरोक्त सभी फर्टिलिटी ट्रीटमेंट विफल हो जाते हैं, तो स्पर्म डोनर या अन्य फैमिली ऑप्शन पर विचार करना सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है.
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