जब खाना पकाने के लिए तेल का दोबाारा उपयोग किया जाता है, तो जहरीले रसायनों की एक हाई कंसंट्रेशन, एल्डिहाइड जारी की जा रही होती है जो हृदय से संबंधित विकारों, मनोभ्रंश, कैंसर, अल्जाइमर और पार्किंसंस रोग जैसी कई स्वास्थ्य स्थितियों से जुड़ी हुई हैं. इसी तरह, एक और टॉक्सिन पदार्थ जिसे 4-हाइड्रॉक्सी-ट्रांस-2-नॉमिनल (HNE) के रूप में जाना जाता है, खाना पकाने के तेल का पुन: उपयोग करने पर निकलता है जो हमारे शरीर में डीएनए, आरएनए और प्रोटीन के कामकाज को बदल देता है.

2021 National Nutrition Week: खाना पकाने के तेल का पुन: उपयोग करते हैं तो इससे विषाक्त पदार्थ निकलते हैं
2. रि-यूज वाला तेल ट्रांस फैटी लेवल को जन्म देता है
क्या आप जानते हैं कि जब खाना पकाने के तेल का दोबारा उपयोग किया जाता है तो उसका ट्रांस-फैटी लेवल बढ़ जाता है? हां! यह स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित होता है क्योंकि यह खराब कोलेस्ट्रॉल लेवल को बढ़ाता है जो हृदय रोग या धमनियों में रुकावट, स्ट्रोक और सीने में दर्द के जोखिम को बढ़ा सकता है. वास्तव में, यह अच्छे कोलेस्ट्रॉल लेवल को भी कम करता है. इसलिए, अपने आप को कोलेस्ट्रॉल से संबंधित विकारों से बचाने के लिए खाना पकाने के तेल का पुन: उपयोग करने से बचें, जो कुछ ही समय में और बढ़ सकता है.
3. तेल सड़न की ओर ले जाता है
बासीपन वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा तेल और वसा नमी, हवा या प्रकाश के संपर्क में आने के बाद आंशिक रूप से या पूरी तरह से ऑक्सीकृत हो जाते हैं. इस कारण से, इसकी रासायनिक संरचना में भारी परिवर्तन होता है और हर बार इसे खाना पकाने के लिए उपयोग किए जाने पर दुर्गंध आती है. सुरक्षित स्वास्थ्य के लिए खाना पकाने के तेलों के पुन: उपयोग से बचना और ऐसे तेलों में मौजूद विषाक्त पदार्थों को रोकना सबसे अच्छा है.
4. ब्लड प्रेशर लेवल को बढ़ाता है
बार-बार गर्म तेल का सेवन करने से ब्लड प्रेशर लेवल काफी बढ़ सकता है. बार-बार गर्म किए गए तेल वाले भोजन से नाइट्रिक ऑक्साइड की मात्रा कम हो जाती है और हीम ऑक्सीजन की सांद्रता कम हो जाती है, और प्लाज्मा एंजियोटेंसिन-परिवर्तित एंजाइम का स्तर बढ़ जाता है. इसके परिणामस्वरूप ऑक्सीडेटिव तनाव, हाई ब्लड प्रेशर, एथेरोस्क्लेरोसिस और लिपिड जमाव हो सकता है.

2021 National Nutrition Week: खाना पकाने के तेल का पुन: उपयोग ब्लड प्रेशर को भी प्रभावित कर सकता है
5. कार्सिनोजेनिक जोखिम पैदा करता है
तेलों का पुन: उपयोग करने से पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन (पीएएच) सहित कई यौगिक उत्पन्न हो सकते हैं, जिनमें से कुछ में कार्सिनोजेनिक संभावित जोखिम शामिल है. इसी तरह, डिकंपोस्ड ऑयल या फैट जीन में म्यूटेशन और परिवर्तन के लिए एक जोखिम कारक हैं जो कैंसर के प्रसार को शुरू कर सकते हैं, खासकर रूप से कोलन कैंसर. इन बार-बार गर्म किए गए तेलों का सेवन स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है, इसलिए स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं के कारण इनका उपयोग करने से बचना सबसे अच्छा है.
अब आप खाना पकाने के तेल के दोबारा उपयोग के हानिकारक प्रभावों को समझ गए होंगे. तलने, पकाने आदि के लिए तेल की मात्रा का ठीक से अनुमान लगाने की सलाह दी जाती है ताकि आप जीवन भर हेल्दी और रोग मुक्त रहें.
(नमामी अग्रवाल नमामीलाइफ में पोषण विशेषज्ञ हैं)
अस्वीकरण: इस लेख में व्यक्त विचार लेखक के निजी विचार हैं. एनडीटीवी इस लेख की किसी भी जानकारी की सटीकता, पूर्णता, उपयुक्तता या वैधता के लिए जिम्मेदार नहीं है. सभी जानकारी यथास्थिति के आधार पर प्रदान की जाती है. लेख में दी गई जानकारी, तथ्य या राय एनडीटीवी के विचारों को नहीं दर्शाती है और एनडीटीवी इसके लिए कोई जिम्मेदारी या दायित्व नहीं लेता है.