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नाक सूखने को न लें हल्के में, हो सकते हैं बहरे! जानिए इसके पीछे का कारण और इलाज

यह समझना बेहद जरूरी है कि नाक का सूखना केवल सांस लेने की असुविधा नहीं है, बल्कि यह आपके कानों और सुनने की क्षमता के लिए भी खतरे का संकेत हो सकता है.

नाक सूखने को न लें हल्के में, हो सकते हैं बहरे! जानिए इसके पीछे का कारण और इलाज
वहीं, भीड़भाड़ वाले या प्रदूषित इलाकों में जाते समय मास्क पहनना और धूल से बचाव करना चाहिए.

Dry nose cause and remedy : नाक और कान के बीच गहरा संबंध है क्योंकि दोनों ही आपस में यूस्टेशियन ट्यूब के माध्यम से जुड़े होते हैं. यह ट्यूब नाक और कान के बीच नमी और दबाव का बैलेंस बनाए रखने का काम करती है. अगर नाक अधिक सूखी रहती है तो इसका असर सीधे सुनने की क्षमता पर भी पड़ सकता है. ऐसे में आइए आगे आर्टिकल में जानते हैं इसका कारण और बचाव..

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नाक सूखने के क्या हैं कारण

  • नाक सूखने के कई कारण होते हैं. इनमें मुख्य हैं लंबे समय तक धूल, धुआं और प्रदूषण के संपर्क में रहना, सर्दियों या गर्मियों में नमी की कमी, एलर्जी या सर्दी-जुकाम, फंगल व बैक्टीरियल इंफेक्शन, कुछ दवाओं का अत्यधिक उपयोग, उम्र बढ़ने के कारण शरीर में नमी की कमी और शरीर में तरल पदार्थों की कमी. 
  • इसके अलावा डायबिटीज या ऑटोइम्यून डिजीज जैसी बीमारियां भी नाक के सूखने की समस्या को बढ़ा सकती हैं.
  • नाक सूखने के सीधे असर से यूस्टेशियन ट्यूब ब्लॉक हो सकती है. इससे कान के मध्य भाग में हवा का संतुलन बिगड़ जाता है और कानों में दबाव या दर्द महसूस हो सकता है. 
  • कई बार कान के भीतर तरल पदार्थ भी जमा होने लगता है, जिससे संक्रमण, कान बहना या सुनने में दिक्कतें पैदा होती हैं. इस स्थिति में व्यक्ति को कान में सीटी जैसी आवाजें, चक्कर आना या अस्थायी बहरेपन की शिकायत हो सकती है.

नाक सूखने से कैसे करें बचाव

  • नाक सूखने से बचाव के लिए नमी बनाए रखना जरूरी है. इसके लिए भाप लेना, सलाइन वॉटर का प्रयोग करना, दिनभर पर्याप्त मात्रा में पानी पीना और शुद्ध घी या तिल का तेल नाक पर लगाना फायदेमंद होता है.
  • आयुर्वेद में अणु तेल और षडबिंदु तेल का उल्लेख मिलता है, जिन्हें प्रतिदिन 2-2 बूंद नाक में डालना न केवल नाक में नमी बनाए रखता है बल्कि एलर्जी जैसी समस्याओं से भी बचाव करता है. 
  • वहीं, भीड़भाड़ वाले या प्रदूषित इलाकों में जाते समय मास्क पहनना और धूल से बचाव करना चाहिए.
  • अगर नाक सूखने की वजह से सुनने की क्षमता प्रभावित हो रही हो या कान में लगातार दबाव और दर्द महसूस हो रहा हो, तो तुरंत ईएनटी (ENT) एक्सपर्ट से जांच करानी चाहिए. इसके लिए ऑडियोमेट्री या एंडोस्कोपी जैसे टेस्ट किए जा सकते हैं. समय पर इलाज न कराने पर यह समस्या बढ़कर और गंभीर हो सकती है.

इसलिए यह समझना बेहद जरूरी है कि नाक का सूखना केवल सांस लेने की असुविधा नहीं है, बल्कि यह आपके कानों और सुनने की क्षमता के लिए भी खतरे का संकेत हो सकता है. सही समय पर सावधानी और उपचार लेकर इससे आसानी से बचा जा सकता है.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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