Dry Mouth cause : बदलते मौसम और जीवनशैली की वजह से बार-बार प्यास लगती है और मुंह सूखने लगता है. सामान्यत ये समझा जाता है कि पानी की कमी या बदलते मौसम का असर है, लेकिन आयुर्वेद में इसे शरीर का असंतुलन बताया गया है. कई बार पानी पीने के बावजूद भी मुंह सूखा ही महसूस होता है. ये कारण पानी की कमी नहीं बल्कि लार की कमी का संकेत है. लार की कमी से पानी पीने के बाद भी मुंह सूखने लगता है और इसे नजरअंदाज करते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं मुंह सूखने का कारण और इससे निजात पाने का आसान उपाय.
मुंह का बार-बार क्यों सूखता है
मुंह सूखना और लार कम बनना केवल असहजता नहीं, बल्कि पाचन, दांत, गला और पूरे स्वास्थ्य पर असर डालने वाली स्थिति हो सकती है. इस स्थिति को आयुर्वेद में मुख शोष' कहा जाता है, जिसमें मुंह के अंदर लार बनना कम होती है. लार मानव शरीर के लिए बाकी अंगों की तरह ही आवश्यक है. यह मुंह को गीला रखने, दांतों की रक्षा करने, भोजन पचाने और पाचन तंत्र को संक्रमण से बचाने में भी मदद करती है.
आयुर्वेद में मुंह सूखना और लार कम बनने को वात, पित्त और अग्नि के असंतुलन से जोड़कर देखा गया है. वात दोष के असंतुलन से शरीर में रूखापन बढ़ जाता है और सर्दियों में प्राकृतिक रूप से वात की वृद्धि शरीर में होती है, जबकि पित्त दोष शरीर में जलन और गर्मी को बढ़ाता है. इन तीनों के असंतुलन से ही मुंह सूखने और लार के कम बनने की परेशानी होने लगती है.
मुंह सूखने का घरेलू उपाय - Home remedies for dry mouth
- मुंह सूखना और लार कम बनने की स्थिति में आयुर्वेद में कुछ घरेलू और आसान उपाय बताए गए हैं, जिनके जरिए परेशानी के लक्षणों को कम किया जा सकता है. इसके लिए घृत पान असरदार रहेगा. सुबह खाली पेट गुनगुने पानी में घी डालकर लेने से शरीर की शुष्कता और मुंह की शुष्कता कम होगी.
- मुलेठी का चूर्ण भी इस परेशानी में राहत देगा. इसके लिए मुलेठी के चूर्ण को शहद के साथ मिलाकर दिन में 2 बार लें. ये गले को ठंडक देता है, शरीर की गर्मी को कम करता है और प्राकृतिक रूप से लार बनाने में मदद करता है. साथ ही, मुंह की शुष्कता को कम करने के लिए आयुर्वेद में ऑयल पुलिंग को बेस्ट बताया गया है. दिन में दो बार मुंह के अंदर तेल रखकर कुल्ला करें. ये दांतों और मुंह की शुष्कता को कम करने में सबसे ज्यादा असरदार साबित होगा. इससे मुंह की लार ग्रंथि पर एक्टिवेट हो जाती है.
- आंवला का रस और धनिए का पानी भी मुंह सूखने और लार कम होने की परेशानी में सुधार लाने में राहत देते हैं. आंवला का रस पित्त को शांत करेगा और लार बनाने में मदद करेगा, जबकि धनिए का पानी पेट की जलन को शांत करेगा और शरीर की शुष्कता को कम करेगा.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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