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सांस को छोटा कर देता है बढ़ा हुआ वजन, फेफड़ों की ताकत होती है कम, स्‍टडी के नजीजे कर देंगे हैरान

Motape ke Nuksan: मोटापे में, फेफड़ों के फाइब्रोब्लास्ट, यानी संयोजी ऊतक कोशिकाएं, विशेष रूप से वसा जमा करती हैं, अधिक गतिशील हो जाती हैं, और समय से पहले उम्र बढ़ने के शुरुआती लक्षण दिखाती हैं.

सांस को छोटा कर देता है बढ़ा हुआ वजन, फेफड़ों की ताकत होती है कम, स्‍टडी के नजीजे कर देंगे हैरान
मोटापा आपके फेफड़ों को कैसे पहुंचाता है नुकसान.

एक अध्ययन के अनुसार, सीवियर ओबेसिटी यानी अत्यधिक मोटापे से ग्रस्त लोगों के फेफड़ों की उम्र तेजी से बढ़ती है. जर्मनी के बॉन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने जांच की कि मोटापे में फेफड़े पोषण संबंधी चुनौतियों के साथ कैसे तालमेल बिठाते हैं. टीम ने दिखाया कि मोटापा फेफड़ों में एक्स्ट्रासेल्युलर मैट्रिक्स को नया रूप देता है - प्रोटीन-आधारित "ढांचा" जो फेफड़ों को उनका आकार और स्थिरता प्रदान करता है. सेल रिपोर्ट्स पत्रिका में प्रकाशित शोधपत्र में उन्होंने कहा, "फेफड़ों के ऊतकों में ये परिवर्तन सामान्यतः उम्र के साथ होने वाले परिवर्तनों के समान हैं और यह बताता है कि अधिक वजन होने से फेफड़े समय से पहले 'बूढ़े' हो जाते हैं."

टीम ने विशिष्ट प्रश्नों के लिए प्रोटीन, फैट्स और जीन की एक साथ जांच करने के लिए अत्याधुनिक मल्टी-ओमिक्स तरीकों का उपयोग किया. माइक्रोस्कोपिक इमेज एनालिसिस की फाइंडिंग्स के साथ इसका अध्ययन किया. शोधकर्ताओं ने मोटे और दुबले चूहों के फेफड़ों की तुलना की, फेफड़ों में ह्यूमन कनेक्टिव टिशू सेल्स का विश्लेषण किया, और फेफड़ों की संरचना का बारीकी से अध्ययन किया - जिससे उन्हें मॉलिक्युलर (आणविक) और फंक्शनल (कार्यात्मक) दोनों परिवर्तनों को समझने में मदद मिली.

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मोटापे में, फेफड़ों के फाइब्रोब्लास्ट, यानी संयोजी ऊतक कोशिकाएं, विशेष रूप से वसा जमा करती हैं, अधिक गतिशील हो जाती हैं, और समय से पहले उम्र बढ़ने के शुरुआती लक्षण दिखाती हैं. शोधकर्ताओं ने कहा कि इसी समय, फेफड़ों का मैट्रिसोम भी बदल जाता है और कुछ प्रोटीएज अवरोधकों का संतुलन बिगड़ जाता है. उन्होंने कहा, "ये परिवर्तन फेफड़ों की इलास्टिसिटी (लचीलापन) को प्रभावित करते हैं, जिससे यह समझा जा सकता है कि मोटापा अक्सर सांस लेने में कठिनाई से क्यों जुड़ा होता है."

दिलचस्प बात यह है कि ये परिवर्तन सामान्यतः वृद्ध लोगों में देखे जाने वाले परिवर्तनों के समान ही हैं - जो मोटापे को फेफड़ों की त्वरित उम्र बढ़ने का एक कारण बताते हैं. सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक फेफड़ों के जटिल संयोजी ऊतक—फाइब्रोब्लास्टिक स्ट्रोमा (एफएससी) - का विश्लेषण करने के तरीके विकसित करना था, जिसमें कई अलग-अलग प्रकार की कोशिकाएं होती हैं. इसके अलावा, टीम ने कहा कि बाह्यकोशिकीय (एक्स्ट्रासेल्युलर) मैट्रिक्स का अध्ययन करना भी मुश्किल है क्योंकि इसके कई प्रोटीन अघुलनशील होते हैं और उनकी संरचना बहुत जटिल होती है. शोधकर्ताओं ने कहा, "कुल मिलाकर, मोटापे के कारण फेफड़ों में जटिल परिवर्तन हुए जो अंततः एफएससी को प्रभावित करते हैं और यह सुझाव देते हैं कि अतिपोषण समय से पहले बुढ़ापे में योगदान दे सकता है, जिससे फेफड़ों का स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है."

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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