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Monkeypox in India: भारत में एमपॉक्स का पहला संदिग्ध केस, जान लें कैसे फैलता है Mpox, लक्षण और बचाव के उपाय

Monkeypox in India: दुनियाभर में कोरोनावायरस और नोवोवायरस के साथ ही साथ मंकीपॉक्‍स वायरस बड़ा खतरा बना हुआ. एमपॉक्स को मंकीपॉक्स के नाम से भी जाना जाता है. अब तक कई देशों में यह वायरस अपना कहर दिखा चुका है. भारत में एमपॉक्स का पहला संदिग्ध मामला आने के बाद से सरकार सतर्क है.

Monkeypox Images: मंकीपॉक्स के लक्षणों में तेज बुखार हो सकता है.

Monkeypox in India: भारत में एमपॉक्स का पहला संदिग्ध मामला आने के बाद से सरकार सतर्क है. संदिग्ध एमपॉक्स वायरस से जूझ रहे देश से लौटे एक व्यक्ति को अस्पताल में अलग रखा गया है और संक्रमण की पुष्टि के लिए उसके नमूनों की जांच की जा रही है. वहीं केंद्र ने एक बयान जारी कर कहा है कि चिंता की कोई बात नहीं है. इस मामले में जानकारी देते हुआ केंद्र ने कहा कि "एक युवा पुरुष मरीज, जो हाल ही में एमपॉक्स (मंकीपॉक्स) संक्रमण से जूझ रहे देश से आया था, की पहचान एमपॉक्स के संदिग्ध मामले के रूप में की गई है. मरीज को एक निर्दिष्ट अस्पताल में अलग रखा गया है और फिलहाल उसकी हालत स्थिर है."    

एमपॉक्स से बचने के लिए क्या कदम उठा रही है सरकार : स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि चिंता का कोई कारण नहीं है और देश ऐसे इक्का-दुक्का मामलों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि एमपॉक्स को लेकर सरकार अलर्ट है और दूसरे देशों से यात्रा कर भारत आने वाले लोगों की निगरानी की जा रही है. किसी भी संभावित जोखिम को प्रबंधित करने और कम करने के लिए मजबूत उपाय किए गए हैं.

Also Read: क्या है मंकीपॉक्स का इलाज और किन लोगों को है इसका खतरा? जानिए डॉक्टर ने क्या कहा...

क्या है एमपॉक्स

एमपॉक्स एक वायरल बीमारी है जिसमें बुखार, सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द के साथ-साथ त्वचा पर दर्दनाक फोड़े हो जाते हैं. यह छूने से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है. इस साल की शुरुआत से पूरे अफ्रीकी महाद्वीप में एमपॉक्स के 5,549 मामलों की पुष्टि हुई है और 643 लोगों की मौत हो चुकी है.

दुनियाभर में कोरोनावायरस और नोवोवायरस के साथ ही साथ मंकीपॉक्‍स वायरस बड़ा खतरा बना हुआ. एमपॉक्स को मंकीपॉक्स के नाम से भी जाना जाता है. अब तक कई देशों में यह वायरस अपना कहर दिखा चुका है. यह ऑर्थोपॉक्स वायरस जींस से संबंधित बीमारी होती है. इस बीमारी की पहचान सबसे पहले 1958 में बंदरों में हुई थी. इसके बाद यह इंसानों में फैलती चली गई. पहली बार मंकीपॉक्‍स 1958 में एक शोध के लिए गए बंदरों में देखा गया था. वहीं इंसान में पहली बार इस वायरस की पुष्‍टि साल 1970 में हुई थी.

दूसरे वायरस से कितना अलग है ये वायरस? | How Different Mpox Virus From Other Viruses?

मंकी पॉकस वायरस दूसरे वायरस से काफी अलग होता है. खासतौर से कोरोना वायरस से ये काफी अलग है. इस वायरस से शरीर में रेशेज या फोड़े होते हैं. जो दूसरे वायरस से अलग सिंपटम हैं. ये नॉर्मल स्मॉल एयरबोर्न वायरस नहीं है. इसलिए ये छींकने या खांसने से बहुत आसानी से नहीं फैलता. कोविड के मुकाबले इस वायरस के पीड़ितों की फेटेलिटी भी कम है.

मंकीपॉक्स वायरस के लक्षण 

  • बुखार
  • ठंड लगना
  • सिरदर्द
  • मांसपेशियों का दर्द
  • पीठ दर्द
  • थकान
  • पानी वाले बड़े और दर्दनाक दाने
  • लिम्फ नोड्स में सूजन

कैसे फैलता है एमपॉक्स 

मनुष्यों के बीच एमपॉक्स वायरस के फैलने के चार मुख्य तरीके हैं:

स्किन-टू-स्किन संपर्क: जब एक व्यक्ति सीधे त्वचा के संपर्क में आता है, जैसे कि टकराने या छूने के दौरान, तो यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है.

शारीरिक संबंध: संक्रमित व्यक्ति के साथ शारीरिक संबंध बनाने पर भी यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है.

खून और बॉडी फ्लूड का आदान-प्रदान: संक्रमित व्यक्ति का खून चढ़ाने या उनके बॉडी फ्लूड के आदान-प्रदान से भी यह वायरस फैल सकता है.

साझा उपयोग की चीजें: संक्रमित व्यक्ति द्वारा उपयोग की गई चीजों, जैसे बेडशीट, गिलास या बर्तन, को साझा करने से भी एमपॉक्स होने की संभावना बढ़ जाती है.

मंकीपॉक्स वायरस से बचाव के उपाय (Monkeypox Prevention Tips)

  1. त्वचा या गुप्तांगों पर घाव वाले लोगों के करीब जाने से बचना चाहिए. 
  2. इसके अलावा, बीमार लोगों द्वारा इस्तेमाल किए गए कपड़े, बिस्तर, या स्वास्थ्य संस्थानों में उपयोग की गई वस्तुओं से दूर रहना चाहिए. 
  3. संक्रमित जंतुओं के संपर्क में आने से भी परहेज करें. 
  4. मंकीपॉक्स के मामले सामने आए देशों में जाने से बचें और वहां से आए लोगों से कुछ समय तक दूरी बनाए रखें.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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