Menopause age: मेनोपॉज एक ऐसा दौर है जिससे चाहें अनचाहे हर महिला को गुजरना ही पड़ता है. ये वक्त सबके लिए आसान भी नहीं होता. शरीर में आ रहे बदलाव कुछ न कुछ तकलीफ लेकर ही आते हैं. जिसका असर मेंटल हेल्थ (Mental Health) पर पड़ने के साथ ही फिजिकल हेल्थ पर पड़ता है. अन्य तरह के नुकसान के साथ ही सबसे बड़ा नुकसान ये भी है कि महिलाओं का वजन तेजी से बढ़ने लगता है. भले ही वो अपनी डाइट से जुड़ी तमाम सावधानियां रखती हों. उसके बावजूद ओब्सिटी (Obesity) की परेशानी घेर सकती है.
मेनोपॉज होने पर क्यों बढ़ता है वजन? Why Gain Weight During Menopause?
इस दौरान अगर आपकी लाइफस्टाइल ठीक नहीं है तो समझिए कि आप वजन बढ़ने की परेशानी का बहुत आसानी से शिकार हो सकती हैं. इसके अलावा हार्मोनल चेंज की वजह से होने वाले बदलाव और मसल मास कम होने के कारण वजन बढ़ता है. मसल मास कम होने का असर मेटाबॉलिक रेट पर पड़ता है, जिसके कम होने से वजन बढ़ने लगता है.
कैसे करें वजन को मैनेज? How To Manage Weight Gain ?
- ऐसे समय में मसल पेन, हाथ पैरों में खिंचाव और वीकनेस तो फील होती है इसके बाद भी वर्कआउट करते रहना चाहिए. ये वजन पर काबू रखने का सबसे बेहतर विकल्प है. आप वॉकिंग, जॉगिंग के अलावा स्विमिंग भी चुन सकती हैं. स्ट्रेंथ ट्रेनिंग भी ऐसे समय पर फायदेमंद साबित होगी.
- स्ट्रेस लेवल पर भी चेक रखना जरूरी है. स्ट्रेस का असर वजन पर भी पड़ता है. योग मेडिटेशन या अपने किसी शौक में मशगूल रह कर आप स्ट्रेस को कम रख सकती हैं.
- डाइट भी ऐसी रखें जिसमें आपको न्यूट्रिएंट्स की कोई कमी नहीं रहे. ऐसे समय में हर महिला को भरपूर प्रोटीन डाइट से लेकर आयरन, कैल्शियम, विटामिन्स और मिनरल्स वाली डाइट की जरूरत होती है. इस जरूरत को नजरअंदाज न करें.
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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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