Antibiotique Resistance: भारत में एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस तेजी से बढ़ रहा है. एक्सपर्ट की मानें तो अगर समय रहते लोगों ने अपनी आदते नहीं बदलीं तो आने वाले समय में ये इंफेक्शन खतरनाक रूप ले सकते हैं. एंटीबायोटिक का शरीर पर असर ना पड़ने और फेल होने की वजह से अस्पतालों में इलाज का खर्च भी बढ़ रहा है. बता दें कि एंटीबायोटिक का शरीर पर असर ना होने से मरीजों की रिकवरी स्लो हो जाती है और बीमारी में कंडीशन खराब होने को खतरा दोगुना हो जाता है. अगर आप इन समस्याओं से बचना चाहते हैं तो आपको कुछ बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए.
AIG Hospitals के चेयरमैन डॉ. डी. नागेश्वर रेड्डी ने चेतावनी देते हुए कहा कि, “जब 80% से ज्यादा मरीज पहले से ही ड्रग-रेजिस्टेंट बैक्टीरिया लिए हुए हों, तो यह खतरा केवल अस्पतालों तक सीमित नहीं रहता- यह हमारे समुदाय, वातावरण और रोजमर्रा की जिंदगी में फैल चुका है.” उन्होंने बताया कि किन बातों का रखें ध्यान-
1. एंटीबायोटिक दवा लेते समय इन बातों का रखें ध्यान
- एंटीबायोटिक का गलत और ज्यादा उपयोग.
- बिना प्रिस्क्रिप्शन दवाओं को ना खरीदें.
- डॉक्टर की सलाह के बिना दवा ना लें.
- एंटीबायोटिक का कोर्स बीच में छोड़ देना.
- खुद से दवा लेना बैक्टीरिया को और मजबूत बनाता है..
बहुत से लोग हल्की खांसी, जुकाम या बुखार में खुद ही एंटीबायोटिक लेना शुरू कर देते हैं. डॉर्कटर्स के अनुसार 80% वायरल बीमारियों में एंटीबायोटिक का कोई फायदा नहीं होता.
2. दवा का कोर्स बीच में न छोड़ें
अक्सर लोग क्या करते हैं कि वो दवाओं का सेवन करते हैं और वो ठीक हो जाते हैं तो इसको खाना बंद कर देते हैं. ऐसा करने पर बैक्टीरिया पूरी तरह नहीं मरते और आने वाले समय में इन दवाओं का असर होना शरीर पर बंद हो जाता है. इसलिए दवाओं को पूरा कोर्स करें.
3. वायरल बीमारियों में एंटीबायोटिक का सेवन न करें
सर्दी-खांसी, फ्लू, बुखार—ज्यादातर मामलों में वायरस की वजह से होते हैं. आपको बता दें इस तरह की बीमारियों पर एंटीबायोटिक बिल्कुल भी काम नहीं करती हैं.
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4. साफ-सफाई का ख्याल रखें
आपको बता दें कि एंटीबायोटिक की जरूरत तब पड़ती है जब शरीर में किसी तरह का संक्रमण होता है. अपने आस-पास की सफाई का ध्यान रखें जिससे आप संक्रमण के जोखिम को बहुत हद तक कम कर सकते हैं.
5. समय पर वैक्सीनेशन कराएं
आपको बता दें कि सही समय पर किया गया वैक्सीनेशन आपको कई गंभीर बीमारियों से बचा सकता है. जब शरीर बीमार ही नहीं पड़ेगा, तो एंटीबायोटिक की जरूरत भी नहीं पड़ेगी.
6. पशुओं में एंटीबायोटिक का गलत उपयोग रोकें
कई लोग खेतों या पालतू जानवरों में बिना वेटनरी डॉक्टर की सलाह के एंटीबायोटिक दे देते हैं. आपको बता दें कि ये दवाएं जानवरों को मीडियम बनाकर इंसानी शरीर में जाती हैं और सुपरबग्स को जन्म देती हैं. मनुष्य और पशुओं दोनों में एंटीबायोटिक का सही उपयोग करना ही सुरक्षित माना जाता है.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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