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इजरायली शोधकर्ताओं ने समुद्री बैक्टीरिया में वायरस प्रतिरोधक तंत्र की खोज की- शोध में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

अध्ययन से पता चला है कि बैक्टीरिया वायरस के खिलाफ एक निष्क्रिय रक्षा तंत्र का उपयोग करते हैं, जिसमें प्रोटीन निर्माण में अणुओं की अत्यंत कम खुराक शामिल है.

इजरायली शोधकर्ताओं ने समुद्री बैक्टीरिया में वायरस प्रतिरोधक तंत्र की खोज की- शोध में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

समुद्री बैक्टीरिया करेगा वायरस से बचाव. जी हां सुनकर थोड़ा अजीब जरूर लग सकता है लेकिन हाल ही में इजरायल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी ने एक बयान में बताया  कि इजरायली शोधकर्ताओं ने समुद्री बैक्टीरिया में एक ऐसी प्रणाली की खोज की है जो उन्हें वायरस के हमलों से बचाती है. समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार नेचर माइक्रोबायोलॉजी में प्रकाशित एक नए अध्ययन ने बैक्टीरिया और फेज, जो बैक्टीरिया को संक्रमित करने वाला वायरस है, के बीच संघर्ष पर फोकस किया. इस निरंतर संघर्ष से समुद्री वातावरण में इन दोनों आबादी का आपसी विकास होता है. कुछ क्षेत्रों में वायरल संक्रमण से बैक्टीरिया की बड़ी आबादी में बहुत कमी आ जाती है और बिना प्रतिरोध तंत्र के बैक्टीरिया नष्ट हो जाते हैं.

अध्ययन से पता चला है कि बैक्टीरिया वायरस के खिलाफ एक निष्क्रिय रक्षा तंत्र का उपयोग करते हैं, जिसमें प्रोटीन निर्माण में अणुओं की अत्यंत कम खुराक शामिल है. शोध ने समुद्री जीवाणु सिनेकोकस और फेज सिन9 के बीच के संबंधों की भी जांच की गई. सिनेकोकस इसमें बेहद ही महत्वपूर्ण है क्योंकि यह प्रकाश से ऊर्जा प्राप्त करता है और ऑक्सीजन का उत्पादन करता है जो समुद्री जीवन के लिए इसे बेहद ही महत्वपूर्ण बनाता है.

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शोधकर्ताओं ने पाया कि साइनेकोकोकस सिन9 का प्रतिरोध करके ट्रांसफर आरएनए के स्तर को कम करता है, जो जीन के लिए एक आवश्यक अणु है. जब टीआरएनए का स्तर सामान्य होता है, तो बैक्टीरिया वायरस के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं, लेकिन जब टीआरएनए का स्तर कम हो जाता है, तो प्रतिरोध बढ़ जाता है.

प्रतिरोध का यह पैटर्न निष्क्रिय है, जिसमें कुछ अंतःकोशिकीय कार्यों का खत्म होना बैक्टीरिया की वायरल संक्रमण से बचने की क्षमता को बढ़ाता है. शोधकर्ताओं ने पाया कि यह प्रतिरोध फेज को बैक्टीरिया कोशिका में प्रवेश करने से नहीं रोकता है, बल्कि नए वायरस के निर्माण को रोकता है, जिससे बैक्टीरिया जीवित रह पाता है. शोधकर्ताओं ने इस शोध में पाया कि बैक्टीरिया ने धीरे-धीरे वायरस के हमले से बचने के लिए एक तरीका खोजा है, जिसका अर्थ है कि कम टीआरएनए स्तर वाले बैक्टीरिया लंबे समय तक जीवित रहे और इससे वायरस से सुरक्षित बैक्टीरिया की नई पीढ़ियां उत्पन्न हुई हैं. शोध में पाया गया कि यह प्रतिरोध की तकनीक केवल साइनेकोकोकस और सिन9 के बीच ही काम नहीं करती, बल्कि यह अन्य चीजों पर भी काम करती है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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