पैरेंट्स हों या घर पर आने वाले गेस्ट बच्चों को लाड़-प्यार के साथ चॉकलेट जरूर देते हैं. बड़े भी चॉकलेट को बेहद पसंद करते हैं, लेकिन बच्चों और चॉकलेट का एक अलग ही रिश्ता होता है. कई बार बच्चों से अपनी बातें मनवाने, उनका मन बहलाने, उन्हें मोटिवेट करने या रोना चुप करवाने के लिए भी चॉकलेट ऑफर कर दिया जा. ज्यादातर लोगों को लगता है कि एक छोटे चॉकलेट से आखिर कितना ही नुकसान हो जाएगा, लेकिन पीडियाट्रिशियन यानी बच्चों को डॉक्टर पैरेंट्स को हमेशा सावधान करते हैं. आइए, ता हैजानते हैं कि बच्चों के लिए चॉकलेट क्यों और कितना अनहेल्दी होता है. साथ ही इस आदत को कैसे बदलें.
चॉकलेट के शुगर कंटेंट की मात्रा से तय होता है नुकसान
आमतौर पर डॉक्टर्स बताते ही रहते हैं कि बच्चों को चॉकलेट खिलाने से नुकसान होता है, क्योंकि चॉकलेट में आमतौर पर 60 ग्राम शुगर कंटेंट होता है. कई बार इसमें एडेड शुगर भी होता है. कम से कम शुगर वाले चॉकलेट में भी यह 54 ग्राम तक होता है. जबकि, किसी भी बच्चे के लिए एक दिन में 25 ग्राम से ज्यादा शुगर खाना सेहत को बहुत नुकसान करने वाला होता है. वहीं, मेल्ट यानी चिपचिपा चॉकलेट ज्यादा नुकसान करने वाला होता है. इसलिए शुगर कंटेंट और लेबल देखकर ही चॉकलेट खरीदनी चाहिए.
चॉकलेट खाने से बच्चों को होने वाले नुकसान
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ज्यादा चॉकलेट खाने से बच्चों को होने वाले नुकसानों में स्लिप डिस्टरबेंस, भूख की कमी, कमजोर डाइजेशन सिस्टम, दांतों में बैक्टीरिया और प्लाक का बढ़ना वगैरह शामिल है. वहीं, हाई लेवल शुगर कंटेंट वाले चॉकलेट खाने से बच्चों में बिहेवरियल चेंज देखने को मिलते हैं. बच्चों का स्वभाव चिड़चिड़ा और आक्रामक होने लगता है. कई बच्चों में लर्निंग डिसेबिलिटी भी देखने को मिलती है. इसके अलावा लंबे समय तक लगातार चॉकलेट खाने वाले बच्चों में ओबेसिटी, कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज जैसी क्रॉनिक डिजीज होने की आशंका भी बढ़ जाती है.
बच्चों में होने वाली चॉकलेट की क्रेविंग को कैसे दूर करें
अपने बच्चों में चॉकलेट के लिए होने वाली क्रेविंग को दूर करने के लिए सबसे पहले खुद सावधान रहें. चॉकलेट खरीदना बंद करें. मेहमानों को चॉकलेट लेकर आने से मना करें. फिर भी कोई दे तो चॉकलेट को घर में रखने से परहेज करें. बच्चों को चॉकलेट की जगह हेल्दी फूड्स, ड्राई फ्रूट्स, सीड्स और नट्स वगैरह खाने की आदत लगाएं. टीवी, मोबाइल, किताबें, खेल और बातचीत की मदद से बच्चों को चॉकलेट से होने वाले नुकसान के बारे में समझाएं. इसके लिए बच्चों के स्कूल टीचर या ट्यूटर से भी मदद लें. सबसे आखिरी और अहम बात कि बच्चों के सामने परिवार का कोई शख्स चॉकलेट खाता न दिखे.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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