ठंड में क्यों बढ़ते हैं हार्ट अटैक के मामले, BP और दिल के मरीज बरतें ये सावधानियां

सवाल यह उठाता है कि सर्दियों में हार्ट अटैक के मामले क्यों बढ़ जाते हैं. दरअसल, सर्दियों में तापमान लगातार गिरता जाता है, इससे शरीर ठिठुरने लगता है. हार्ट तक ब्लड पहुंचाने वाली रक्त वाहिकाएं सिकुड़ने लग जाती हैं.

ठंड में क्यों बढ़ते हैं हार्ट अटैक के मामले, BP और दिल के मरीज बरतें ये सावधानियां

How to take care of your heart this winter: सर्दियों में कुछ बातों का ख्याल रखें.

देश भर में कड़ाके की ठंड पड़ रही है, इस ठंडी में हार्ट अटैक के मामले कई गुना तक पढ़ गए हैं. अब सवाल यह उठाता है कि सर्दियों में हार्ट अटैक के मामले क्यों बढ़ जाते हैं. दरअसल, सर्दियों में तापमान लगातार गिरता जाता है, इससे शरीर ठिठुरने लगता है. हार्ट तक ब्लड पहुंचाने वाली रक्त वाहिकाएं सिकुड़ने लग जाती हैं. इन सिकुड़ती हुई रक्त वाहिकाओं से खून को निकलने के लिए ज्यादा दबाव डालना पड़ता है. ऐसे में मरीज का ब्‍लड प्रेशर बढ़ता है, इस तरह हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है. वहीं सर्दी के मौसम में हमारे शरीर में खून गाढ़ा होने लग जाता है. ऐसे में खून के थक्‍के जमने लगते हैं. यह थक्‍के रक्त संचार को बाधित करते हैं. नतीजा, मरीज स्ट्रोक के शिकार होते हैं. ऐसे में सर्दियों में ब्लड प्रेशर और दिल के मरीजों को अधिक सावधान रहने की जरूरत होती है.

दिल के मरीज ठंड में इन बातों का रखें ध्यान | How To Care Your Heart In Winters

 ये लक्षण दिख रहे हैं तो हो जाएं अलर्ट

- अगर आपको सीने में जलन महसूस हो या खास तरह का दबाव फील कर रहे हों या फिर अगर सीने में दर्द महसूस हो रहा है तो आपको अलर्ट होने की जरूरत है.

- इसके अलावा अगर पैरों में सूजन, सांस लेने में परेशानी हो या जबड़े में दर्द हो तो जल्‍द ही डॉक्‍टर की सलाह लें. ऐसी परेशानियां हो रहीं हों तो इस दौरान बहुत ज्‍यादा पानी पीने से बचें.

- अगर आपको पहले से ही हार्ट से जुड़ी कोई परेशानी है तो डॉक्‍टर्स ने आपको जो सलाह दी है उसका जरूर पालन करें.

दिल और बीपी के मरीज इन बातों का रखें ध्यान | Preventing Winter Heart Attacks

1. धूप में समय बिताएं और एक्सरसाइज भी करें
अमेरिका की स्वास्थ्य एजेंसी सीडीसी का मानना है कि, धूप से विटामिन-डी मिलने के साथ ही साथ शरीर एंटीबॉडीज भी ज्यादा मात्रा में बनाता है. इस तरह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है. ऐसे में सर्दियों में अधिक समय तक धूप में बैठें. इसके साथ ही एक्सरसाइज भी जरूरी है. 30-35 मिनट व्यायाम करते हैं तो हाई बीपी और स्‍ट्रोक का रिस्‍क कम हो जाता है.

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2. सुबह-सुबह वॉक करने से बचें
सर्दियों में दिनों में अहले सुबह उठ कर टहलने जाने से बचें. ऐसे लोग जो पहले से ही दिल की बीमारी से जूझ रहे हैं उन्हें इस बात का जरूर ध्यान रखना चाहिए. दरअसल सर्दियों में हमारी नसें पहले से ही सिकुड़ी हुई रहती हैं, ऐसे में सुबह-सुबह घर से बाहर निकलने पर अधिक ठंड लगती है, जिससे शरीर पर और भी बुरा प्रभाव पड़ता है. ऐसे में बेहतर है कि आप धूप निकलने तक का इंतजार करें और इसके बाद ही टहलने के लिए बाहर निकलना उचित है. 

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3. नमक कम खाएं
बीपी के मरीज हैं तो नमक का सेवन कम ही करें.  इस तरह रक्तचाप नियंत्रित रहेगा और शरीर में जरूरत से  ज्‍यादा पानी नहीं स्‍टोर होगा. आसान भाषा में समझाएं तो, ये जान लीजिए कि इससे दिल को अपना काम करने में कम मेहनत करनी पड़ेगी. यही वजह है क‍ि इस बात की सलाह दी जाती है कि दिल के मरीजों को सुबह-सुबह बहुत ज्यादा पानी नहीं पीना चाहिए.

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.