
Benefits Of Urdhva Mukha Svanasana : योग के आसन फिजिकली, मेंटली और स्प्रिचुअल हेल्थ को बैलेंस करने में बहुत ज्यादा फायदेमंद होते हैं. उनमें से एक जरूरी आसन है "ऊर्ध्वमुखश्वानासन" जिसे अंग्रेजी में "Upward Facing Dog Pose" कहा जाता है. यह आसन शरीर का लचीलापन बढ़ाता है, मांसपेशियों को मजबूत करता है और शरीर के अंदरूनी अंगों के काम करने की क्षमता को बेहतर बनाता है. यह आसन खासतौर पर पीठ, छाती और कंधों के लिए फायदेमंद होता है. ध्यान रहे कि आसन करते समय सही टेक्नीक का पालन करें और किसी भी प्रकार के दर्द या असुविधा महसूस होने पर इसे छोड़ दें.
ऊर्ध्वमुखश्वानासन करने के फायदे (Benefits Of Urdhva Mukha Svanasana)
ऊर्ध्वमुखश्वानासन करने का तरीका
1. शुरुआत में क्या करें: सबसे पहले एक योगा मैट पर पेट के बल लेट जाएं. पैरों को हिप्स के समानांतर रखें और दोनों हाथों को शरीर के पास रखें.
2. हाथों की स्थिति: हाथों को नीचे की ओर घुमा कर, उन्हें लोअर रिब के पास लाएं. इस स्थिति में, आपके दोनों पैर सीधे और पंजे जमीन में दबे हुए होंगे.
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3. कंधों का रोल: अब, अपने कंधों को पीछे की ओर रोल करें और चेस्ट को ऊपर की ओर उठाएं. इस समय, अपने कोहनी (एल्बोज़) को सीधा रखने की कोशिश करें.
4. कंधों और हिप्स का ध्यान: कंधों को कानों से दूर रखें और हिप्स को टाइट रखें. इस दौरान, अपने पूरे शरीर को ऊपर की ओर खींचने की कोशिश करें.
5. दृष्टि: अगर यह स्थिति आरामदायक लगे तो आप सिर को थोड़ा और ऊपर की ओर घुमा सकते हैं. अगर आपको असहज महसूस हो तो अपनी दृष्टि को सामने की ओर रखें.
6. निकासी की स्थिति: इस आसन में कुछ समय बने रहने के बाद, धीरे-धीरे अपने घुटनों को नीचे लाकर शिशु आसन में आराम करें.
ऊर्ध्वमुखश्वानासन के फायदे
1. पीठ और कंधे मजबूत होते हैं: इस आसन को करने से पीठ की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है और कंधों में लचीलापन आता है. यह आसन विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद है, जो लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठकर काम करते हैं.
2. छाती और फेफड़ों के लिए फायदेमंद: यह आसन छाती को खोलता है और फेफड़ों को ताजगी देता है. इससे श्वसन क्रिया में सुधार होता है और सांस लेने में आसानी होती है.
3. हार्ट चक्र का संतुलन: इस आसन से हृदय चक्र (Heart Chakra) एक्टिव होता है, जो इमोशनल बैलेंस को बनाए रखने में मदद करता है. यह मेंटल पीस और खुशहाली के लिए भी फायदेमंद है.
4. लचीलापन बढ़ता है: यह आसन शरीर के लचीलेपन को बढ़ाता है, विशेषकर रीढ़ की हड्डी और कूल्हों के आसपास के हिस्सों में.
सावधानियां
1. गंभीर पीठ दर्द वाले व्यक्ति: अगर आपको पीठ या कंधे में किसी प्रकार की गंभीर समस्या है तो इस आसन को करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह ले लें.
2. गर्भावस्था में सावधानी: गर्भवती महिलाओं को इस आसन से बचना चाहिए, क्योंकि यह पीठ और पेट पर अधिक दबाव डाल सकता है.
3. सही मुद्रा बनाए रखें: आसन करते समय यह ध्यान रखें कि आपकी पीठ सीधी रहे और कंधे कानों से दूर हों. गलत मुद्रा से चोट लग सकती है.
4. बहुत ज्यादा खिंचाव से बचें: अगर किसी स्थिति में दर्द महसूस हो तो तुरंत आसन से बाहर निकलें. शरीर की सीमा से अधिक खिंचाव करने से बचें.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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