
Foods For Lungs: इन फूड्स के साथ स्वस्थ रहेंगे आपके फेफड़े.
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दिनों दिन बढ़ रहे प्रदूषण के स्तर से फेफड़े सबसे अधिक प्रभावित होते हैं. अपने फेफड़ों को स्वस्थ रखने के आप व्यायाम और लाइफस्टाइल में बदलाव के साथ ही अपनी डाइट में भी जरूरी बदलाव कर सकते हैं. अस्थमा, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) और पल्मोनरी फाइब्रोसिस जैसे रोग में आपके फेफड़े प्रभावित होते हैं. हालांकि कुछ ऐसे नेचुरल फूड्स हैं, जो फेफड़ों की क्षति और रोग के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं, आइए इनके बारे में जानते हैं.
फेफड़ों को हेल्दी रखने के लिए खाएं ये फूड्स-
1. चुकंदर और चुकंदर साग
चुकंदर के पौधे की चमकीले लाल रंग की जड़ और साग में ऐसे कंपाउंड होते हैं जो फेफड़ों के काम करने की क्षमता को बढ़ाते हैं. चुकंदर और चुकंदर का साग नाइट्रेट से भरपूर होते हैं, जो फेफड़ों की कार्यक्षमता को बढ़ाते हैं. नाइट्रेट्स रक्त वाहिकाओं को आराम करने, ब्लड प्रेशर को कम करने और ऑक्सीजन तेज करने में मदद करते हैं. चुकंदर का साग मैग्नीशियम, पोटैशियम, विटामिन सी और कैरोटीनॉयड एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होता है, जो लंग्स के लिए बहुत अच्छे हो सकते हैं.

2. सेब
नियमित रूप से सेब खाने से फेफड़ों के कार्य को बढ़ावा देने में मदद मिल सकती है. सेब के सेवन को अस्थमा और फेफड़ों के कैंसर के कम जोखिम से भी जोड़ा गया है. सेब में फ्लेवोनोइड्स और विटामिन सी होते हैं, जो फेफड़ों के लिए अच्छे हो सकते हैं.
3. काली मिर्च
मिर्च विटामिन सी के सबसे रिच सोर्सों से एक है. धूम्रपान करने वालों के लिए पर्याप्त विटामिन सी प्राप्त करना बेहद जरूरी हो जाता है. मिर्च के सेवन से आप फेफड़ों को स्वस्थ बना सकते हैं.
4. कद्दू
कद्दू बीटा कैरोटीन, ल्यूटिन और ज़ेक्सैंथिन सहित कैरोटीनॉयड से भरपूर होते हैं. इसमें एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं. कैरोटीनॉयड का उच्च रक्त आपके लंग्स की हेल्थ से जुड़ा है.
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5. हल्दी
हल्दी का इस्तेमाल अक्सर इसके शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी प्रभावों के कारण समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए किया जाता है. हल्दी में करक्यूमिन होता है, जो फेफड़ों के काम करने की क्षमता का विकास कर सकता है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.