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फेस स्ट्रोक आने पर चेहरा हो जाता है टेढ़ा, आयुर्वेद में बताए गए हैं इसे ठीक करने के कई उपाय

Face Stroke Symptoms: सबसे पहले अभ्यंग (तेल मालिश) बेहद फायदेमंद है. महा नारायण तेल, तिल तेल या दशमूल तेल से हल्की मालिश करने से रक्त प्रवाह सुधरता है और मांसपेशियां सक्रिय होती हैं.

फेस स्ट्रोक आने पर चेहरा हो जाता है टेढ़ा, आयुर्वेद में बताए गए हैं इसे ठीक करने के कई उपाय
Face Stroke Treatment: दशमूल तेल से हल्की मालिश करने से रक्त प्रवाह सुधरता है और मांसपेशियां सक्रिय होती हैं.

Face Stroke Symptoms: अगर अचानक आपका चेहरा टेढ़ा हो जाए, होंठ या आंख का हिस्सा हिलना बंद कर दे या मुस्कुराते समय चेहरा एक तरफ झुक जाए, तो यह फेस स्ट्रोक का संकेत हो सकता है. आयुर्वेद में इसे अर्धांग वायुरोग कहा गया है. इसमें चेहरे की नस प्रभावित हो जाती है और चेहरे की एक तरफ की मांसपेशियां ढीली पड़ जाती हैं. फेस स्ट्रोक के मुख्य कारणों में वात दोष का असंतुलन, ठंडी हवा, अनियमित दिनचर्या, तनाव और अधिक शारीरिक परिश्रम शामिल हैं. इसके अलावा, नसों में रक्त प्रवाह की बाधा, वायरल संक्रमण, डायबिटीज, हाई बीपी, स्ट्रोक या नींद की कमी भी जिम्मेदार हो सकती हैं.

आयुर्वेद में बताए गए हैं उपाय

इसकी पहचान चेहरे का एक तरफ झुकना, होंठों से हवा न निकल पाना, आंखें पूरी तरह बंद न होना, स्वाद में कमी, सुन्नपन, झनझनाहट और बोलने में अस्पष्टता से की जा सकती है. आयुर्वेद में इसे ठीक करने के कई उपाय बताए गए हैं. सबसे पहले अभ्यंग (तेल मालिश) बेहद फायदेमंद है. महा नारायण तेल, तिल तेल या दशमूल तेल से हल्की मालिश करने से रक्त प्रवाह सुधरता है और मांसपेशियां सक्रिय होती हैं.

रोजाना सुबह या स्नान से पहले 10-15 मिनट की मालिश करनी चाहिए. दूसरा उपाय है नस्य उपचार, जिसमें अनुतैलम या शद्विंदु तेल की 2-2 बूंदें दोनों नासिका छिद्र में डालने से मस्तिष्क तक रक्त प्रवाह बढ़ता है और नसें मजबूत होती हैं. स्वेदन यानी भाप चिकित्सा से जकड़ी नसें खुलती हैं और सुन्नपन कम होता है.

गंभीर मामलों में पंचकर्म चिकित्सा जैसे बस्ती (औषधीय एनिमा), शिरोधारा और नस्य मिलाकर तंत्रिकाओं को पुनर्जीवित किया जा सकता है. इसके अलावा, हर्बल औषधियां जैसे अश्वगंधा चूर्ण, रसनादि कषाय, योगराज गुग्गुलु और बलारिष्ट नसों की शक्ति बढ़ाने और सूजन कम करने में मदद करती हैं. योग और प्राणायाम भी उपयोगी हैं. मुख व्यायाम जैसे मुस्कुराना, होंठ फुलाना, आंखें बंद-खोलना, भ्रामरी प्राणायाम और अनुलोम-विलोम रक्त प्रवाह और नसों की क्रियाशीलता बढ़ाते हैं. सिंहासन चेहरे की मांसपेशियों को सक्रिय करता है.

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इसके अलावा, आहार में गर्म, ताजा और सुपाच्य भोजन लें. मूंग दाल, घी, दूध, तिल, बादाम, हरी सब्जियां, अदरक, लहसुन और हल्दी शामिल करें. ठंडी चीजें, बर्फ, कोल्ड ड्रिंक, जंकफूड और अधिक मसाले या तैलीय पदार्थ न खाएं. गुनगुने पानी से चेहरे की हल्की सिकाई करें, दिन में दो बार अदरक और तुलसी का काढ़ा पिएं, नींद पूरी लें और तनाव कम रखें.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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