
Sign Of Kidney Failure : यूरिन में झाग आना एक नॉर्मल प्रॉब्लम नहीं है और यह किडनी की खराबी का संकेत हो सकता है. जब किडनी की फिल्टरिंग कैपेसिटी पर असर होता है, तो खून में मौजूद प्रोटीन यूरिन में लीक हो जाता है, जिसे प्रोटीनुरिया कहा जाता है. यह स्थिति किडनी की खराबी की ओर इशारा करती है और समय रहते इलाज जरूरी है. यूरिन में झाग आने के अलग-अलग कारण हो सकते हैं, जिनमें डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, किडनी इंफेक्शन और ऑटोइम्यून रोग शामिल हैं. आइए जानते हैं यूरिन में झाग आने से लेकर इलाज तक के बारे में विस्तार से.
किडनी फेल होने के संकेत (Sign Of Kidney Failure)
क्या यूरिन में झाग आने से किडनी खराब हो सकती है?
यूरिन में झाग आना हमेशा किडनी खराब होने का संकेत नहीं होता, लेकिन यह एक संकेत हो सकता है कि किडनी सही तरीके से काम नहीं कर रही. अगर किडनी के फिल्टर सही से काम नहीं करते, तो खून में मौजूद प्रोटीन यूरिन में आ सकता है, जिसे प्रोटीनुरिया कहा जाता है. अगर यूरिन में झाग लंबे समय तक बना रहे, तो यह किडनी के खराब होने का संकेत हो सकता है. दूसरे लक्षणों में हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, बार-बार सूजन आना, भूख में कमी, थकान और यूरिन का रंग गहरा होना शामिल हैं. हालांकि, कभी-कभी यूरिन का फास्ट फ्लो, ज्यादा प्रोटीन वाले डाइट या डिहाइड्रेशन जैसे नॉर्मल कारणों से भी टेम्प्रेरी झाग आ सकता है.
यूरिन में झाग आने के बाद किडनी खराब होने के लक्षण | Kidney Kharab Hone Ke Lakshan | Kidney Failure Symptoms
अगर यूरिन में झाग आने के बाद किडनी खराब होने के दूसरे लक्षण दिखाई देने लगे, तो यह किडनी की समस्या का संकेत हो सकता है. कुछ नॉर्मल लक्षणों में शामिल हैं
1. हाथ-पैरों और चेहरे पर सूजन: किडनी की सही तरीके से काम न करने के कारण शरीर में तरल पदार्थ जमा हो जाता है, जिससे सूजन होती है.
2. थकान और कमजोरी: किडनी की खराबी से शरीर में टॉक्सिक पदार्थों का स्टोरेज होने लगता है, जिससे लगातार थकान और कमजोरी महसूस होती है.
3. भूख न लगना: किडनी के काम में गड़बड़ी से मेटाबोलिज्म प्रभावित होता है, जिससे भूख में कमी हो सकती है.
4. डार्क रंग का या बदबूदार यूरिन: किडनी के सही तरीके से काम न करने के कारण यूरिन का रंग डार्क हो सकता है या उसमें स्मेल आ सकती है.
5. सांस फूलना: शरीर में एक्स्ट्रा लिक्विड जमा होने के कारण सांस फूलने की समस्या हो सकती है.
6. स्किन में खुजली: किडनी की खराबी से ब्लड में कचरा जमा होने से स्किन पर खुजली और लाल चकत्ते हो सकते हैं.
7. उल्टी या जी मिचलाना: शरीर में टॉक्सिन्स बढ़ने के कारण मतली या उल्टी हो सकती है.
अगर इनमें से कोई लक्षण यूरिन में झाग आने के साथ दिखाई दे, तो इसे गंभीरता से लेकर डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए.
यूरिन में झाग आने से किडनी खराब होने के प्रकार
1. एक्यूट किडनी फेल्योर (Acute Kidney Failure): यह अचानक होने वाली स्थिति है, जिसमें किडनी की काम करने की क्षमता तेजी से घटने लगती है. इसके कारण संक्रमण, दवाइयों का प्रभाव या ब्लड सर्कुलेशन में कमी हो सकते हैं.
2. क्रोनिक किडनी डिजीज (Chronic Kidney Disease): यह धीरे-धीरे बढ़ने वाली बीमारी है, जिसमें किडनी की काम करने की क्षमता धीरे-धीरे कम होती है. इसके प्रमुख कारण डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर हो सकते हैं.
3. नेफ्रोटिक सिंड्रोम (Nephrotic Syndrome): इसमें किडनी के फ़िल्टरिंग यूनिट (ग्लोमेरुली) प्रभावित होते हैं, जिससे बड़ी मात्रा में प्रोटीन यूरिन में लीक होता है.
4. ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस (Glomerulonephritis): इसमें किडनी की ब्लड वेसेल्स में सूजन हो जाती है, जिससे यूरिन में झाग, गहरे रंग का यूरिन और सूजन जैसे लक्षण होते हैं.
यूरिन में झाग आने के अलग-अलग कारण हो सकते हैं | Jhagdar Peshab Aane Ka Karan | What is the main cause of foamy urine?
1. प्रोटीनुरिया: जब किडनी प्रोटीन को ब्लड में रखने में केपेबल नहीं होती, तो यह यूरिन में लीक हो जाता है और झाग पैदा होता है.
2. किडनी की बीमारियां: जैसे नेफ्रोटिक सिंड्रोम, ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस या क्रोनिक किडनी डिजीज, ये यूरिन में झाग आने का कारण बन सकती हैं.
3. डिहाइड्रेशन: शरीर में पानी की कमी के कारण यूरिन गाढ़ा हो सकता है, जिससे टेम्प्रेरी झाग उत्पन्न हो सकता है.
4. हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज: ये किडनी को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे प्रोटीन लीक होने लगता है.
5. संक्रमण: यूरिनरी ट्रैक संक्रमण भी यूरिन में झाग उत्पन्न कर सकता है.
6. ज्यादा प्रोटीन का सेवन: हाई प्रोटीन वाले डाइट से यूरिन में झाग उत्पन्न हो सकता है.
किडनी खराब होने से बचाव
1. बैलेंस डाइट: ज्यादा फल, सब्जियां और साबुत अनाज खाएं. नमक और शुगर की मात्रा कम करें.
2. पर्याप्त पानी पिएं: दिनभर पानी पीते रहें ताकि शरीर हाइड्रेटेड रहे और टॉक्सिक पदार्थ बाहर निकल सकें.
3. ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर को कंट्रोल रखें: हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज के मरीजों को नियमित रूप से जांच करवानी चाहिए.
4. एक्सरसाइज करें: कम से कम 30 मिनट तक रोजाना एक्सरसाइज करें.
5. दवाइयों का सावधानी से इस्तेमाल: डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवाइयों का सेवन करें और गैर जरूरी दवाओं से बचें.
6. धूम्रपान और शराब से बचें: यह किडनी पर बुरा प्रभाव डाल सकते हैं.
किडनी खराब होने का इलाज |
1. दवाइयां: हाई ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर कंट्रोल करने के लिए दवाइयां दी जाती हैं.
2. डायलिसिस: अगर किडनी की काम करने की क्षमता गंभीर रूप से प्रभावित हो, तो डायलिसिस की जरूरत हो सकती है.
3. किडनी ट्रांसप्लांट: अगर किडनी पूरी तरह से काम करना बंद कर देती है, तो किडनी ट्रांसप्लांट एक ऑप्शन हो सकता है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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