Effects of rain on mood: बारिश के मौसम में अगर आप सामान्य दिनों से ज्यादा दुखी और थकान महसूस करते हैं तो बता दें कि आप अकेले नहीं है. ऐसा और भी कई लोगों के साथ होता है और कई स्टडीज में भी ये बात साबित हुई है. 2020 की एक स्टडी में शोधकर्ताओं ने पाया कि बादलों या बहुत घने बादलों वाले दिन लोगों में डिप्रेशन के लक्षण दिखने की संभावना ज्यादा थी. तो क्या हम ये कह सकते हैं कि बारिश के कारण भी कोई व्यक्ति डिप्रेशन का शिकार हो सकता है. इसका जवाब है नहीं, बारिश की वजह से आप ज्यादा दुखी महसूस कर सकते हैं, खराब मूड और सिजनल डिप्रेशन हो सकता है लेकिन मामला डिप्रेशन तक नहीं पहुंचता है. हालांकि, ये बिल्कुल सच है कि बारिश आपके मूड को प्रभावित करता है.
बारिश मूड को कैसे प्रभावित करता है? (How does rain affect mood?)
साल 2018 के एक स्टडी में बारिश और मूड चेंज के बीच संबंध होने के कई साक्ष्य मिले. इस रिसर्च के मुताबिक, बारिश मतदान को प्रभावित कर सकता है, ऐसे दिनों में चेंज के लिए वोट करने की संभावना कम हो जाती है. बारिश हमारे मूड को प्रभावित करता है और इसके पीछे एक से ज्यादा कारण हो सकते हैं.
1. सिजनल पैटर्न के साथ मेजर डिप्रेसिव डिसऑर्डर (Major depressive disorder with seasonal pattern)
सिजनल डिप्रेशन में साल के किसी खास समय खासतौर पर ज्यादा अंधेरा, ठंड या बरसात के समय में व्यक्ति के अंदर डिप्रेशन के लक्षण दिखाई देते हैं. इसका मतलब यह है कि आपके मूड पर किसी खास मौसम की वजह से नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. सिजनल डिप्रेशन नहीं होने के बावजूद बारिश आपके मूड को प्रभावित कर सकता है.
2. धूप की कमी (Lack of sunlight)
बारिश के मौसम में निश्चित तौर पर धूप की कमी होती है और इसी वजह से मूड भी प्रभावित होता है. दरअसल, धूप हमारे शरीर में हैप्पी हार्मोन सेरोटोनिन के स्तर को नियंत्रित करता है जिस वजह से बारिश में कम धूप के चलते आपका मूड खराब हो सकता है. सोते समय हमारा शरीर सेरोटोनिन को मेलाटोनिन में तब्दील करता है जिससे हमें अच्छी नींद आती है. धूप की कमी से सेरोटोनिन के स्तर पर असर पड़ता है जिससे मेलाटोनिन भी प्रभावित होता है. मेलाटोनिन की कमी से नींद पूरी नहीं होती है जिससे पूरे दिन आपका मूड प्रभावित हो सकता है.
3. उदासी (Boredom)
बारिश के दिनों में मूड को सही रखने वाली गतिविधियां अक्सर बाधित होती है और ज्यादातर हम घर के अंदर ही रहते हैं. ऐसे में उदासी और निराशा महसूस करना आम बात है. चार-दीवारी में ज्यादा देर बंद रहने से मूड पर और ज्यादा नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. पार्क में टहलने या रनिंग जैसी फिजिकल एक्टिविटी बारिश की वजह से बाधित होती है, इस वजह से आप थका हुआ और कम एनर्जेटिक महसूस कर सकते हैं.
4. जलवायु परिवर्तन से जुड़ी चिंता (Concern related to climate change)
जलवायु परिवर्तन का मुद्दा कई लोगों के लिए बेहद अहम होता है. पर्यावरण को बेहतर करने के दिशा में खुद को असमर्थ पाने की स्थिति में कई लोग एंग्जाइटी महसूस करते हैं. जलवायु परिवर्तन से जुड़ी बाढ़ और सूखा जैसी स्थिति उन लोगों के मेंटल हेल्थ को बुरी तरह प्रभावित करते हैं जिन पर इसका सीधा असर पड़ता है.
बारिश में मूड को कैसे सही रखें? (How to keep your mood good in the rain?)
1. लाइट थेरेपी (Light Therapy)
बारिश या खराब मौसम की वजह से होने वाले सिजनल डिप्रेशन को दूर करने के लिए आप लाइट थेरेपी का सहारा ले सकते हैं. रिसर्च के मुताबिक, सिजनल डिप्रेशन को दूर करने के साथ यह थेरेपी कई और तरह के डिप्रेशन के खिलाफ भी असरदार होता है. तेज व्हाइट लाइट के संपर्क में आने से खासतौर पर सुबह में सर्कैडियन लय को रेगुलेट कर डिप्रेशन के लक्षण को कम कर सकता है. लाइट थेरेपी से शरीर में सेरोटोनिन स्तर भी बढ़ता है जिससे मूड खराब होने की संभावना कम हो जाती है.
2. एक्सरसाइज (Exercise)
एक्सरसाइज करने से शरीर में मूड को बैलेंस करने वाले हैप्पी हार्मोन्स रिलीज होते हैं. बारिश में बाहर टहलने जाना संभव नहीं होता है इसलिए घर के अंदर ही एक्सरसाइज करें.
3. नींद पूरी करें (Get Enough Sleep)
नींद पूरी नहीं होने पर आप दिन भर कम एनर्जेटिक महसूस कर सकते हैं और मूड भी प्रभावित होता है. अपने स्लीप साइकल को बेहतर करें. नींद पूरी करने से आप तरोताजा और एनर्जेटिक महसूस करेंगे और आपका मूड भी अच्छा रहेगा.
4. अलग-थलग न रहें (Don't Stay Isolated)
अलग-थलग रहने से मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. एक इटालियन स्टडी में कोविड के दौरान अकेले रहने पर मेंटल हेल्थ को प्रभावित करने के कई लक्षण दिखाई दिए. ज्यादा समय तक अकेले रहने से मेंटल हेल्थ पर ज्यादा असर पड़ता है. इसीलिए बारिश की वजह से खुद को अकेला न रहने दें. अगर आप फिजिकली लोगों से नहीं मिल सकते तो फोन पर ही बात करें और खुद को अपने आसपास के लोगों से कनेक्टेड रहे.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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