Monsoon 2024 Update: ऐसा कौन है जिसे मानसून का इंतजार न हो. बच्चे से लेकर बड़े तक सभी को मानसून की मस्ती बेहद पसंद है. भीषण गर्मी से बहुत राहत पाने के लिए लोग मानसून का इंतजार करते हैं. बारिश की फुहारें गर्मी से छुटकारा दिलाने के अलावा खेती के लिए सिंचाई और नदी-तालाब वगैरह का जल स्तर बढ़ाने में भी मदद करता है. आईएमडी ने बताया कि भारत में इस बार मानसून सीजन समय से पहले आ सकता है और इस बार सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है.
Common Monsoon Illness: मानसून कुछ साइड इफेक्ट्स भी लेकर आता है. इनमें मच्छर, कई तरह के इंफेक्शन और गंदे पानी से होने वाली बीमारियों का नाम सबसे पहले हैं. हालांकि, मानसून की सभी बीमारियां गंभीर नहीं होती हैं, लेकिन अगर समय पर इलाज न किया जाए तो उनकी गंभीरता बढ़ सकती है.
कुछ ही दिनों बाद हमारे देश में मानसून भी दस्तक
कुछ ही दिनों बाद हमारे देश में मानसून भी दस्तक देने वाला है. इसलिए हम सबकों खेती किसानी के लिए वरदान मानसून के मौसम में होने वाली आम बीमारियों, उनके कारण, लक्षण, इस दौरान बरती जाने वाली सावधानियों और बीमारियों के इलाज के बारे में जानना बहुत जरूरी है. आइए, मेडिकल प्रोफेशनल्स से मानसून की बीमारियों के बारे में विस्तार से जानने की कोशिश करते हैं.
मानसून के दौरान आम तौर पर होने वाली बीमारियां (Common diseases during monsoon)
सामान्य सर्दी और खांसी
मानसून बारिश लाता है और सूरज की रोशनी कम हो जाती है, जिससे मौसम साल के बाकी दिनों की तुलना में अधिक ठंडा और अधिक आर्द्र हो जाता है. इस दौरान सांस संबंधी बीमारी अपने चरम पर होती है. नाक बहना, छींक आना, खांसी, गले में जलन और निगलने में कठिनाई के साथ गले में सूजन या लाल होना बहुत आम लक्षण हैं. इन लक्षणों के साथ कभी-कभी हल्का बुखार भी हो सकता है. ऐसे में गर्म पानी के घूंट से अपने गले को आराम दें और नियमित रूप से गरारे और कुल्ला करें. डॉक्टर से सलाह के बाद ही खांसी और सर्दी के लिए कोई भी दवा लें.
मच्छर से होने वाले रोग
मानसून के दौरान सड़कों के आसपास या घर में जमा होने वाले पानी में मच्छरों की कई प्रजातियां पनपती हैं जो डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया को फैलाने वाले हो सकते हैं. इन मच्छर जनित बीमारियों के सामान्य लक्षणों में तेज बुखार, ठंड लगना, मांसपेशियों में कमजोरी और दर्द शामिल हैं.
मलेरिया एक प्लास्मोडियल संक्रमण है जो नजरअंदाज करने पर जानलेवा हो सकता है. वहीं, डेंगू एक वायरल संक्रमण है जिसमें आपके खून में प्लेटलेट का स्तर गिर जाता है. चिकनगुनिया में आपके जोड़ों में सूजन आ जाती है. इसमें जल्दी और बेहतर इलाज से स्वस्थ होने में मदद मिलेगी. मच्छरों के प्रजनन पर कंट्रोल रखकर इन बीमारियों को बेहतर ढंग से रोका जा सकता है.
वायरल बुखार
इन्फ्लूएंजा या फ्लू मानसून में होने वाली एक सामान्य प्रकार की बीमारी है. अक्सर बरसात के मौसम में सर्दी और खांसी के साथ फ्लू होता है. यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है. बुखार के लिए आराम और दवाएं बहुत मददगार हो सकती हैं. अगर आपको बुखार और कमजोरी महसूस हो रही है तो फौरन डॉक्टर से दिखाना चाहिए.
डाइजेशन सिस्टम में इंफेक्शन
मानसून के दौरान गंदे पानी से पेट में संक्रमण हो सकता है. मानसून के दौरान पेट में होने वाले इंफेक्शन के चलते पेचिश और दस्त, टाइफाइड, हेपेटाइटिस ए और जॉन्डिस जैसी कई बीमारियां हो सकती हैं. इनमें से ज्यादातर में डॉक्टर के पास जाकर ही इलाज करवाना होता है.
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लेप्टोस्पायरोसिस
आपके कटे या चोट के निशान गंदे और दूषित वर्षा जल के संपर्क में आते हैं तो संक्रमण के कारण तेज़ बुखार हो सकता है. लेप्टोस्पायरोसिस से मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के आसपास की झिल्ली में सूजन (मेनिनजाइटिस) भी हो सकती है. सही इलाज नहीं किए जाने पर, यह लीवर और किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है.
स्किन की एलर्जी और इन्फेक्शन
मानसून की शुरुआत में स्किन की एलर्जी की दिक्कत बढ़ती है. अगर आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है या आप डायबिटीज से पीड़ित हैं, तो आपको मानसून के दौरान इसका ज्यादा खतरा होता है. उच्च आर्द्रता के कारण स्किन की एलर्जी, चकत्ते और फंगस, यीस्ट या बैक्टीरिया से संक्रमण काफी आम है.
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मानसून के दौरान बरती जाने वाली सावधानियां
कुछ आसान उपाय मानसून रोग की रोकथाम में मदद करेंगे. इनमें से कुछ बेहद जरूरी सावधानियां और बचाव हैं -
- बारिश में भीगने से बचें. बाहर निकलने पर हमेशा छाता या रेनकोट साथ रखें.
- अगर आप भीग जाएं तो अपने आप को तुरंत सुखा लें और गर्म रहें.
- हाइड्रेटेड रहें. पर्याप्त तरल पदार्थ का सेवन करें, हालांकि बारिश के मौसम में आपकी प्यास कम हो सकती है.
- घर पर मच्छरदानी या रिपेलेंट का उपयोग करें.
- अपने आस-पास साफ-सफाई रखें. रेफ्रिजरेटर के नीचे, नारियल के छिलके और वाहन के टायरों पर रुके हुए पानी की जांच करें.
- जल-जनित संक्रमण से बचने के लिए उबला और फ़िल्टर किया हुआ पानी पियें.
- घर का बना, पौष्टिक खाना खाएं. बाहर का खाना खाने से बीमारियां हो सकती हैं.
- भोजन से पहले और शौचालय का उपयोग करने के बाद नियमित रूप से अपने हाथ धोएं.
- टीका लगवाएं और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क से बचें.
- हवा से फैलने वाले संक्रमण से बचने के लिए हमेशा मास्क पहनें और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करें.
- विटामिन बी12 और डी3 की कमी हो तो उसकी डोज लें.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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