Normal Delivery Or C-Section : गर्भावस्था का पूरा सफर जितना खूबसूरत होता है. उतनी ही ज्यादा चिंता महिलाओं के अंदर डिलीवरी को लेकर होती है. जब गर्भावस्था का आखरी दौर आता है यानी 9 महिने पूरे करने के बाद तक हर एक मां को सबसे कठिन और दर्द भरे पल से गुजरना होता है. ऐसे में एक मां या तो नॉर्मल डिलीवरी की ओर रुख करती है या सी-सेक्शन की तरफ. ऐसी कुछ महिलाएं जो नॉर्मल डिलीवरी के पेन से नहीं गुजरना चाहतीं वे सी-सेक्शन को चुनती हैं. सी-सेक्शन आपकी नॉर्मल डिलीवरी के दर्द को थोड़ा कम जरूर कर देगा लेकिन इससे कई नुकसान भी होते हैं. क्या आप जानते है सी-सेक्शन से नवजात बच्चे को कई परेशानियां भी होती हैं?
हाल ही में एक शोध में यह बात कही गई है कि नॉर्मल डिलीवरी से पैदा हुए बच्चों की तुलना में सी-सेक्शन से पैदा हुए बच्चों में खसरे के टीके की पहली खुराक पूरी तरह से अप्रभावी होने की संभावना 2.6 गुना ज्यादा होती है. इसलिए इनमें दूसरी खुराक की जरूरत है. ऐसे में यह बहस एक बार फिर छिड़ गई है कि बच्चे के जन्म के लिए कौन सा तरीका ज्यादा बेहतर है ऑपरेशन यानी सी-सेक्शन का या फिर नॉर्मल डिलीवरी का. चलिए इस लेख में समझते हैं. ृ
सी-सेक्शन से ज्यादा बेहतर है नॉर्मल डिलीवरी (Normal delivery is better than C-section)
1. नहीं होती जल्दी रिकवरी
जो महिलाएं c-section करवाती हैं तो उन्हें काफी परेशानियां आती हैं. जैसे चलने-फिरने की तकलीफ. इसके साथ ही जल्दी रिकवरी नहीं होने के कारण कम से कम हफ्ते भर अस्पताल में बिताना पड़ता है. उसके बाद भी लंबे बेड रेस्ट की जरूरत पड़ती है, ताकि वे जल्दी ठीक हो सकें. वहीं अगर हम नॉर्मल डिलीवरी की बात करें तो इसमें सबसे बड़ा फायदा ये है कि महिला कुछ ही समय में आसानी से चलने फिरने में सहज हो जाती हैं और रिकवरी भी जल्दी होती है.
2. स्वस्थ रहता है बच्चा
कहा जाता है कि जब बच्चा जन्म के समय बर्थ कैनाल से निकलता है तो ये उसके लिए फायदेमंद होता है क्योंकि इससे नवजात अच्छे बैक्टीरिया के संपर्क में आता है. जो आने वाले समय में उसके सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है. इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता, पाचन संबंधी सेहत दुरूस्त रहती है.
3. इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है
जब महिलाएं सी सेक्शन करवाती हैं तो उनको टांके लगते हैं ऐसे में महिला के शरीर पर जख्म होता है लेकिन नॉर्मल डिलीवरी के दौरान ऐसा कुछ नहीं होता. वेजाइनल डिलीवरी में महिला को जख्म नहीं होता है. इसके साथ ही जब महिला का सी-सेक्शन होता है तो उसे केयर की बहुत जरूरत होती है. अगर जरा भी लापरवाही बरती जाए तो इससे इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए नॉर्मल डिलीवरी को बेहतर कहा जाता है सी-सेक्शन की तुलना में. इसमें महिला जल्दी रिकवर होती है और अपने नॉर्मल दिनचर्या में जल्दी वापस लौट सकती है. जो सी-सेक्शन में मुमकिन नहीं.
4. एनेस्थीसिया के साइड इफेक्ट
सी-सेक्शन में महिलाओं को एनेस्थीसिया दिया जाता है. इसका इंजेक्शन लगता है, जिससे ज्यादा तकलीफ न हो. जब इस इंजेक्शन का असर धीरे-धीरे खत्म होने लगता है, तो महिलाओं को सिर दर्द, चक्कर आना, कमर दर्द, बहुत ठंड, लो बीपी जैसे साइड इफेक्ट होने लगते है. इसी के साथ जब नॉर्मल डिलीवरी की बात आती है, तो महिला को इन सबकी जरूरत नहीं पड़ती. वे अपने दर्द सहने की क्षमता से अपने बच्चे को सुरक्षित जन्म देती हैं.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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