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Guidelines For Monkeypox: मंकीपॉक्स को फैलने से रोकने के लिए केंद्र ने जारी की गाइडलाइन्स, 5 आसान पॉइंट्स में समझें

Guidelines For Monkeypox In India: मंकीपॉक्स एक वायरल जूनोसिस है जो चेचक के रोगियों में देखे गए लक्षणों के समान जानवरों से मनुष्यों में फैलता है. अब केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइडलाइन जारी कर दी हैं. यहां 5 पॉइंट्स में जानें

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केंद्र सरकार ने इसके लिए गाइडलाइन जारी कर दी हैं. यहां 5 पॉइंट्स में जानें.
नई दिल्ली:

Guidelines For Monkeypox Patients: राष्ट्रीय राजधानी में मंकीपॉक्स का एक पुष्ट मामला सामने आया है, जिससे देश में ऐसे रोगियों की कुल संख्या चार हो गई है. अब तक, दिल्ली के पहले मंकीपॉक्स रोगी के 14 कॉन्टैक्ट्स की पहचान की गई है और उनमें से किसी में भी लक्षण नहीं मिलें हैं. सूत्रों ने कहा, एक कॉन्टैक्ट को शरीर में दर्द की शिकायत हुई थी, लेकिन वह अब ठीक है और कोई लक्षण नहीं है. एक अन्य संदिग्ध मामले को दिल्ली के लोक नायक जय प्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल में भर्ती कराया गया है और सैंपल नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पुणे भेजे गए हैं. अब मंकीपॉक्स के रोगियों और उनके संपर्क में आए लोगों के लिए केंद्र सरकार के गाइडलाइन्स जारी की हैं. यहां 5 पॉइंट्स में समझें.

केंद्र द्वारा जारी गाइडलाइन की 5 अहम बातें:
  1. मंकीपॉक्स के लिए सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइन्स में 21 दिनों का आइसोलेशन, मास्क पहनना, हैंड हाइजीन को फॉलो करना, घावों को पूरी तरह से ढक कर रखना और उनके पूरी तरह से ठीक होने का इंतजार करना शामिल है. हालांकि अधिकारियों ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है. मंकीपॉक्स रोगी या उनकी संक्रमित चीजों के संपर्क से 21 दिनों तक आइसोलेट रहना पड़ता है. 
  2. केंद्र की गाइडलाइन में कहा गया है कि जो स्वास्थ्य कर्मी मंकीपॉक्स के रोगियों या संभावित रूप से संक्रमित चीजों के असुरक्षित संपर्क में हैं, उन्हें ड्यूटी से बाहर करने की जरूरत नहीं है, बल्कि 21 दिनों के लिए लक्षणों की निगरानी की प्रक्रिया से गुजरना चाहिए. संक्रमित व्यक्ति को ट्रिपल-प्लाई मास्क पहनना चाहिए. जबकि स्किन रैशेज के जोखिम को कम करने के लिए उन्हें कवर किया जाना चाहिए.
  3. गाइडलाइन में कहा गया है कि, मरीजों को तब तक आइसोलेशन में रहना चाहिए जब तक कि सभी घाव ठीक नहीं हो जाते और पपड़ी पूरी तरह से गिर नहीं जाती. मंकीपॉक्स के एक कॉन्टैक्ट की पहचान करने की प्रक्रिया के बारे में बताते हुए, एक अधिकारी ने कहा कि एक व्यक्ति जो संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आमने-सामने, सीधे शारीरिक संपर्क के माध्यम से आता है, या संक्रमित चीजों जैसे कपड़े या बिस्तर के संपर्क में आता है, उसे प्राइमरी कॉन्टैक्ट के रूप में पहचाना जाता है.
  4. डिस्ट्रिक मॉनिटरिंग टीमों ने भी अपने लक्षणों की स्वयं निगरानी करने और टीम के संपर्क में रहने के लिए कहा है. मंकीपॉक्स कॉन्टैक्ट वाले लोगों को अलग कमरे में रहना चाहिए. उन्हें मास्क पहनना चाहिए और हाथों की स्वच्छता को बनाए रखना चाहिए. इसके साथ ही सोशल डिस्टेंशिंग का भी पालन करना चाहिए. एक अधिकारी ने कहा कि, असिम्प्टोमैटिक कॉन्टैक्ट को निगरानी के दौरान खून, सेल्स, टिश्यू, अंगों या वीर्य का दान नहीं करना चाहिए. 
  5.  मंकीपॉक्स आमतौर पर बुखार, सिरदर्द, तीन हफ्ते तक चकत्ते, गले में खराश, खांसी और सूजन लिम्फ नोड्स के साथ होता है. लक्षणों में घाव शामिल होते हैं, जो आमतौर पर बुखार की शुरुआत के एक से तीन दिनों के भीतर शुरू होते हैं और लगभग दो से चार हफ्ते तक चलते हैं. इस साल मई में कई देशों में मंकीपॉक्स के कई मामलों की पहचान की गई थी. विश्व स्तर पर अब तक 75 देशों से मंकीपॉक्स के 16,000 से अधिक मामले सामने आए हैं और इस प्रकोप के कारण अब तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है.

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