World Brain Tumor Day 2023: ब्रेन के अंदर या उसके उसके आसपास के सेल्स का तेजी से बढ़ने की स्थिति को ब्रेन ट्यूमर कहते हैं. यह ब्रेन की टिश्यूज या उसके आसपास भी हो सकता है. इसकी शुरूआत ब्रेन के अंदर होती है तो इसे प्राइमरी ब्रेन ट्यूमर कहते हैं. कभी कभी ट्यूमर बॉडी के अन्य पार्टस से ब्रेन में फैल जाता है इस स्थिति में उसे सेकेंडरी ब्रेन ट्यूमर कहते हैं. हल्का ब्रेन ट्यूमर सामान्य तौर धीरे धीरे बढ़ता है. इससे ब्रेन के कुछ हिस्सों को नुकसान पहुंचा सकता है. मेनिंगियोमा, वेस्टिबुलर और पिट्यूटरी एडेनोमा इस श्रेणी के ब्रेन ट्यूमर हैं. ब्रेन ट्यूमर एक खतरनाक बीमारी है. इसके लक्षणों को कई बार छोटी मोटी परेशानी समझ कर नजरअंदाज कर दिया जाता है. ब्रेन ट्यूमर से बचाव के लिए इसके लक्षणों और कारणों को गंभीरता से समझना जरूरी है.
ब्रेन ट्यूमर के लक्षण (Symptoms of brain tumor)
ब्रेन ट्यूमर के लक्षण कई बातों पर निर्भर करते हैं. इनमें गांठ के आकार और उसकी स्थिति और वह कितनी तेजी से बढ़ रहा है पर निर्भर करते हैं. हल्के ब्रेन ट्यूमर के लक्षण शुरुआत में काफी हल्के होते हैं और नोटिस में नहीं आते हैं लेकिन कुछ माह या साल में ये गंभीर हो जाते हैं. कैंसर कारक ट्यूमर के लक्षण तेज और अचानक सामने आते हैं. ये कुछ दिन या हफ्ते में ही गंभीर हो जाते हैं. सिर में दर्द ब्रेन ट्यूमर का सबसे सामान्य लक्षण है. इसका कारण सेल्स के तेजी से बढ़ने के कारण दूसरे सेल्स पर बढ़ रहा दबाव या सूजन होता है.
ब्रेन ट्यूमर के अन्य लक्षण
- चक्कर और उल्टी की शिकायत
- नजर की समस्या, धुंधला नजर आना
- संतुलन की परेशानी
- बोलने में परेशानी
- हमेशा थकान अनुभव करना
- डेली रूटीन के कामों में परेशानी अनुभव करना
- याद रखने में परेशानी
- सामान्य बातों को समझने में परेशानी
- व्यक्तित्व और आदतों में अचानक बदलाव आना
- दौरे पड़ना
- सुनने में परेशानी
- चक्कर महसूस करना
- हमेशा भूखा महसूस करना और तेजी से वजन बढ़ना
ब्रेन कैंसर के कारण (Causes of Brain Tumor)
ब्रेन ट्यूमर की शुरुआत ब्रेन के या उसके आसपास के सेल्स के डीएनए के बदलाव आने के कारण होती है. सेल्स के डीएनए ही सेल्स को बताते हैं कि उन्हें क्या करना है. उनमें आए बदलाव के कारण उन्हें तेजी से बढ़ने का निर्देश मिलने लगता है. इससे हेल्दी सेल्स नष्ट होने लगते हैं और उनकी जगह लेने के लिए और तेजी से नए सेल्स बनने लगते हैं, यह आगे चल कर गांठ या ट्यूमर का रूप ले लेता है. अब तक सेल्स के डीएनए में बदलाव आने के कारण पता नहीं चल पाया है लेकिन कुछ कारणों को इसके लिए जिम्मेदार माना जाता है.
उम्र (Age)
ब्रेन ट्यूमर किसी भी उम्र में हो सकता है लेकिन यह बुजुर्गों में ज्यादा देखा जाता है. कुछ प्रकार के ब्रेन ट्यूमर केवल बुजुर्गों को ही होते हैं.
जाति ( Race)
ब्रेन ट्यूमर किसी को भी हो सकता है लेकिन कुछ प्रकार के ब्रेन ट्यूमर खास रेस के लोगों में ज्यादा देखा जाता है. उदाहरण के लिए ग्लियोमा वाइट रेस के लोगों में ज्यादा सामान्य माना जाता है.
रेडिएशन का एक्सपोजर ( Exposure to radiation)
खतरनाक तरह के रेडिएशन के संपर्क में आने वाले लोगों को भी ब्रेन ट्यूमर होने का खतरा अधिक होता है. इससे डीएनए के संरचना में बदलाव आने का खतरा बढ़ जाता है.
जेनेटिक कारण (Inherited risk)
कुछ लोगों में डीएनए में बदलाव आने का जेनेटिक कारण होता है. उन्हें यह अपने माता पिता के डीएनए से मिलता है.
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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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