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Monkeypox in India: क्या नई महामारी देने वाली है दस्तक? मंकीपॉक्स का संदिग्ध मरीज AIIMS में भर्ती, अस्पताल ने जारी किए दिशानिर्देश

मंकीपॉक्स को लेकर वैश्विक स्तर पर फैले डर के बीच बीते हफ्ते एम्स दिल्ली ने भारत में इस वायरस से संक्रमित मरीजों को मैनेज करने के लिए दिशानिर्देश जारी किया था.

क्या कोरोना के बाद नई महामारी देने वाली है दस्तक?

Monkeypox  in India: विश्व स्वास्थ्य संगठन के मंकीपॉक्स को पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित करने के बाद भारत में इसका पहला संदिग्ध केस सामने आया है. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली के एबी-7 वार्ड में विदेश से लौटे एक शख्स को मंकीपॉक्स से संक्रमित होने के शक के बाद भर्ती किया गया है. हालांकि, व्यक्ति के एमपॉक्स वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि अभी तक नहीं हुई है. मरीज लगातार डॉक्टरों की निगरानी में है. वायरस के अत्यधिक संक्रामक होने के कारण महामारी फैलने के डर से दिल्ली को हाई अलर्ट पर रखा गया है. मंकीपॉक्स को लेकर वैश्विक स्तर पर फैले डर के बीच बीते हफ्ते एम्स दिल्ली ने भारत में इस वायरस से संक्रमित मरीजों को मैनेज करने के लिए दिशानिर्देश जारी किया था.

क्या है मंकीपॉक्स? (What is monkeypox?)

एमपॉक्स जिसे पहले मंकीपॉक्स कहा जाता था एक दुर्लभ और बेहद संक्रामक बीमारी है.  यह संक्रामक बीमारी ऑर्थोपॉक्सवायरस परिवार के सदस्य मंकीपॉक्स वायरस के कारण होती है. सबसे पहले 1958 में नाइजीरिया के लागोस के एक लेबोरेटरी में बंदरों में एमपॉक्स वायरस की पुष्टि हुई थी. इंसानो में इस वायरस का पहला मामला 1970 में डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो और अन्य मध्य अफ्रीकी देशों में पाया गया था. इसके बाद से वायरस लगातार इवॉल्व होते हुए नए स्ट्रेन्स बना रहा है. इस वायरस के दो स्ट्रेन क्लैड-I और क्लैड-II आज की तारीफ में मंकीपॉक्स वायरस संक्रमण फैलाने के लिए जिम्मेदार हैं.

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कैसे फैलता है एमपॉक्स वायरस? (How does Mpox virus spread?)

स्टडीज के मुताबिक, मंकीपॉक्स वायरस अत्यधिक संक्रामक होता है जो क्लोज कॉन्टैक्ट के जरिए एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है.

1. स्किन टू स्किन कॉन्टैक्ट - एमपॉक्स वायरस स्किन टू स्किन कॉन्टैक्ट के जरिए एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैल सकता है. संक्रमित व्यक्ति के घाव या दाने के तरल पदार्थों के संपर्क में आने से दूसरा व्यक्ति भी एमपॉक्स वायरस से संक्रमित हो सकता है.

2. रेस्पिरेटरी ड्रॉपलेट -  कोरोना वायरस की तरह एमपॉक्स वायरस भी रेस्पिरेटरी डॉपलेट के जरिए फैल सकता है. संक्रमित व्यक्ति के खांसी या छींक के साथ निकली बूंदों के संपर्क में आने वाला व्यक्ति एमपॉक्स वायरस से संक्रमित हो सकता है.

3. संक्रमित चीजों के संपर्क में आना - एमपॉक्स वायरस से संक्रमित व्यक्ति के द्वारा इस्तेमाल की गई चीजों के संपर्क में आने से भी आप संक्रमित हो सकते हैं. संक्रमित व्यक्ति के बिस्तर, तौलिया या कपड़ों के जरिए भी दूसरा व्यक्ति एमपॉक्स वायरस से संक्रमित हो सकता है.

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बचाव के उपाय (preventive measures)

कोरोना वायरस से तुलना करें तो यह कोई नया वायरस नहीं है. काफी दशक से यह वायरस लोगों को संक्रमित करता आ रहा है जिस वजह से इस वायरस के बारे में काफी जानकारी शोधकर्ताओं और डॉक्टरों के पास है. एमपॉक्स वायरस का टीका भी उपलब्ध है जिसकी मदद से संक्रमण को रोका जा सकता है. इसके बावजूद एमपॉक्स वायरस को हल्के में लेने के बदले बचाव के उपाय करना बेहतर विकल्प है.

1. संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें.
2. साफ-सफाई का पूरा ख्याल रखें.
3. एमपॉक्स का टीका लगवाएं.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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