लोगों को हफ्ते में 150 मिनट तक मध्यम व्यायाम करना चाहिए, लेकिन कुछ शोधकर्ताओं का तर्क है कि यह हर किसी के लिए सही नहीं. हाल ही में दि लांसेट में प्रकाशित एक लेख में पाया गया कि 10 में से 4 भारतीय उतने सक्रिय नहीं जितने कि होने चाहिए. कुछ अध्ययनों ने यहां तक कहा है कि 52 फीसदी भारतीय शारीरिक रूप से निष्क्रिय हैं. एक अन्य अध्ययन से संकेत मिला है कि गतिहीन जीवन शैली धूम्रपान, मधुमेह और हृदय रोग से भी बदतर है. इस बारे में पद्मश्री चिकित्सक डॉ. के के अग्रवाल ने कहा, "व्यायाम की कमी सेलुलर स्तर तक मानव शरीर को प्रभावित करती है. आधुनिक और उन्नत तकनीक ने निश्चित रूप से हमारे लिए जीवन को आसान और सुविधाजनक बना दिया है. ऑनलाइन शॉपिंग, ऑनलाइन भुगतान, जानकारी तक पहुंच, ये सारे काम हम घर बैठे आराम से कर सकते हैं. लेकिन, क्या तकनीक ने वास्तव में हमारे जीवन को बेहतर बनाया है? इसने एक गड़बड़ यह भी की है कि स्वास्थ्य की कीमत पर हमारी जीवन शैली का पैटर्न बदल गया है और हम अब शारीरिक रूप से कम सक्रिय हैं."
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उन्होंने कहा कि कंप्यूटर पर काम करने के चलते लंबे समय तक डेस्क जॉब, स्मार्टफोन का ज्यादा इस्तेमाल, टीवी देखते हुए या मीटिंग में बैठे हुए, ये सभी गतिविधियां गतिहीन व्यवहार को बढ़ावा देती हैं. पद्मश्री से सम्मानित डॉ. के. के. सेठी ने कहा, " समय की कमी होने पर पैदल चलना ही व्यायाम का सबसे अच्छा तरीका हो सकता है. इसमें किसी निवेश की जरूरत नहीं है, न ही किसी कोच या खास ट्रेनिंग की जरूरत होती. प्राकृतिक वातावरण जैसे कि पार्क में घूमना मानसिक तनाव और थकान को कम करता है और फील गुड हार्मोन एंडोर्फिन के रिलीज होने से मूड में सुधार करता है. प्रकृति के साथ निकटता आध्यात्मिक यात्रा में भी मदद करती है और रक्तचाप एवं नाड़ी की दर को नियंत्रित करती है."
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काम में व्यस्त रहते हुए भी कैसे एक्टिव रह सकते हैं आप
- जितनी बार भी नीचे या ऊपर जाना हो तो सीढ़ियों का इस्तेमाल करें.
- अगर बस से आना जाना करते हैं तो एक स्टॉप पहले उतरें और बाकी रास्ता पैदल चलकर जाएं मेट्रो से ट्रेवल करते हैं तो मेट्रो स्टेशन तक पैदल ही जाएं.
- अगर आपको कोई मीटिंग करनी है तो बैठकर मीटिंग करने की बजाय खड़े रहकर मीटिंग करें.
- आस-पास की दुकानों पर पैदल ही जाएं.
- बैठ कर फोन पर बात करने के बजाए खड़े होकर या या चलते हुए बात करें.
- इंटरकॉम या फोन का उपयोग करने के बजाय अपने सहयोगी से बात करने के लिए चलकर उसके पास जाएं.
- काम के दौरान या दोपहर के भोजन के दौरान अपनी इमारत के चारों ओर चलें-फिरें.
- हर रोज 80 मिनट चलें. (इनपुट-आईएएनएस)
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