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1 ग्राम रिसिन और दर्जनों मौतें! न एंटीडोट, न बचाव का रास्ता, जानें गुजरात में डॉक्टर के पास मिला रिसिन पॉइजन कितना खतरनाक

How Dangerous is Ricin Poison: यह जहर इतना घातक है कि सांस के जरिए शरीर में पहुंचने पर भी मौत हो सकती है और सबसे डरावनी बात यह है कि इसका कोई एंटीडोट यानी इलाज नहीं है. यहां हम जानेंगे कि रिसिन क्या है, यह शरीर पर कैसे असर करता है, कितना खतरनाक है और क्या इससे बचाव संभव है.

1 ग्राम रिसिन और दर्जनों मौतें! न एंटीडोट, न बचाव का रास्ता, जानें गुजरात में डॉक्टर के पास मिला रिसिन पॉइजन कितना खतरनाक
यह जहर इतना घातक है कि सांस के जरिए शरीर में पहुंचने पर भी मौत हो सकती है.

Gujarat Doctor Ricin Case: हाल ही में गुजरात ATS ने एक डॉक्टर को आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया, जिसके पास रिसिन नामक खतरनाक जहर मिला. यह घटना सिर्फ एक सुरक्षा मामला नहीं, बल्कि एक गंभीर हेल्थ अलर्ट भी है. रिसिन एक ऐसा जहर है जो अरंडी के बीजों से तैयार होता है और इसकी मात्रा अगर 1 ग्राम भी हो, तो दर्जनों लोगों की जान ले सकता है. यह जहर इतना घातक है कि सांस के जरिए शरीर में पहुंचने पर भी मौत हो सकती है और सबसे डरावनी बात यह है कि इसका कोई एंटीडोट यानी इलाज नहीं है. यहां हम जानेंगे कि रिसिन क्या है, यह शरीर पर कैसे असर करता है, कितना खतरनाक है और क्या इससे बचाव संभव है.

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रिसिन क्या है? (What is Ricin?)

रिसिन एक प्रोटीन बेस्ड टॉक्सिन है जो अरंडी के बीज (Castor beans) से निकाला जाता है. यह शरीर में पहुंचते ही कोशिकाओं की प्रोटीन बनाने की प्रक्रिया को रोक देता है, जिससे अंग धीरे-धीरे काम करना बंद कर देते हैं. यह खाने, सांस लेने या इंजेक्शन के जरिए शरीर में पहुंच सकता है.

CDC (सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन) के अनुसार, यह एक बायोलॉजिकल एजेंट है जिसे बायो-टेररिज्म के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है.

कितना खतरनाक है रिसिन? | How dangerous is ricin?

रिसिन को Category B bioterrorism agent माना गया है. एक स्टडी के अनुसार, 1 मिलीग्राम रिसिन प्रति किलो शरीर के वजन पर जानलेवा हो सकता है. सांस के जरिए लेने पर यह फेफड़ों में सूजन, सांस लेने में तकलीफ और ऑर्गन फेलियर का कारण बनता है. खाने पर यह उल्टी, दस्त, पेट दर्द और आंतों की सूजन पैदा करता है. इंजेक्शन से यह सीधे खून में जाकर किडनी, लिवर और दिल को प्रभावित करता है. रिसिन का असर 24 से 72 घंटे के भीतर दिखता है और अगर समय पर इलाज न मिले, तो मौत निश्चित है.

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क्या है इसका इलाज या एंटीडोट? | What is its Treatment or Antidote?

फिलहाल रिसिन का कोई ज्ञात एंटीडोट नहीं है. इलाज केवल सपोर्टिव केयर बेस्ड होता है:

  • शरीर से जहर को बाहर निकालना
  • IV फ्लूइड देना
  • ऑक्सीजन सपोर्ट
  • अंगों की कार्यक्षमता बनाए रखने की कोशिश.

क्या कहता है डब्ल्यूएचओ?

CDC और WHO दोनों ही इस बात की पुष्टि करते हैं कि रिसिन के लिए कोई दवा या वैक्सीन उपलब्ध नहीं है. रिसिन पर कई रिसर्च चल रही हैं, लेकिन अब तक कोई प्रभावी एंटीडोट सामने नहीं आया है.

गुजरात ATS की कार्रवाई

गुजरात ATS ने डॉ. अहमद मोहियुद्दीन सैयद को गिरफ्तार किया, जो रिसिन तैयार करने की कोशिश कर रहा था. उसके घर से अरंडी के बीज, केमिकल्स और उपकरण बरामद हुए, जिन्हें फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है. रिसिन कोई आम जहर नहीं है, यह बिना रंग, स्वाद और गंध के शरीर में घुसकर जानलेवा असर करता है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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