
What Are Trigger Points Of Epilepsy : मिर्गी, जिसे हम आमतौर पर दौरे के रूप में पहचानते हैं, एक गंभीर न्यूरोलॉजिकल कंडीशन है. इस समस्या में ब्रेन के नर्व सेल्स में एब्नॉर्मल एक्टिविटी के कारण अचानक दौरे आ सकते हैं. मिर्गी से पीड़ित व्यक्ति के लिए यह एक्सपीरिएंस कई कारणों से पैदा हो सकते हैं, जिन्हें "ट्रिगर प्वॉइंट्स" कहा जाता है. यह ट्रिगर प्वॉइंट्स ऐसे फैक्टर्स होते हैं, जो मिर्गी के दौरे को इंड्यूस कर सकते हैं. जो व्यक्ति मिर्गी से पीड़ित हैं, उन्हें अपनी कंडीशन की पूरी जानकारी होनी चाहिए और साथ ही अपने डॉक्टर से नियमित संपर्क करना चाहिए, ताकि वे अपने जीवन को बेहतर तरीके से संभाल सकें और मिर्गी के दौरे से बच सकें.
मिर्गी के दौरे के ट्रिगर पॉइंट्स (What Are Trigger Points Of Epilepsy)
1. नींद की कमी : नींद का पर्याप्त होना ब्रेन के अच्छे काम के लिए बेहद जरूरी है. अगर किसी व्यक्ति की नींद पूरी नहीं होती है या नींद में खलल पड़ता है, तो मिर्गी के दौरे का खतरा बढ़ सकता है. यह विशेष रूप से तब होता है जब रात की नींद असमय होती है. ब्रेन को एक "रात की नींद" के रूप में रीबिल्डिंग की जरूरत होती है. अगर व्यक्ति दिन में चार घंटे और रात में चार घंटे सोता है, तो वह ब्रेन को पर्याप्त आराम नहीं दे पाता, जिससे मिर्गी का दौरा आ सकता है.
यह भी पढ़ें: क्या है पैनिक अटैक और मिर्गी के दौरे? डॉक्टर से जानें दोनों में अंतर
2. लाइट और विजुअल स्टिमुलेशन : कुछ लोग बहुत ज्यादा चमकदार रोशनी या तेज़ स्क्रीन वाले डिवाइस के संपर्क में आने पर मिर्गी के दौरे का अनुभव करते हैं. इसे "रिफ्लेक्स एपिलेप्सी" कहा जाता है. यह खासतौर पर तब देखा जाता है जब व्यक्ति किसी चमकीली रोशनी या फ्लिकरिंग लाइट्स के संपर्क में आता है. जैसे कार्टून या वीडियो गेम्स के दौरान तेज़ रोशनी वाले विजुअल हो सकते हैं, जो मिर्गी के दौरे का कारण बन सकते हैं. इसके अलावा, पढ़ाई के दौरान या तेज़ी से बदलती इमेजरी के कारण भी दौरे का खतरा पैदा हो सकता है.
3. मेंटल स्ट्रेस और टेंशन : मेंटल स्ट्रेस और बहुत ज्यादा टेंशन भी मिर्गी के दौरे का कारण बन सकते हैं. जब ब्रेन बहुत ज्यादा स्ट्रेस और प्रेशर में होता है, तो यह ब्रेन की नर्व सेल्स पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है. इससे मिर्गी के दौरे की संभावना बढ़ जाती है. यह खास तौर पर उन लोगों में देखा जाता है, जो लगातार मानसिक प्रेशर या टेंशन से जूझ रहे होते हैं.
4. शारीरिक थकान और कमजोरी : बहुत ज्यादा फिजिकल लेबर करने के बाद, शरीर थका हुआ और कमजोर हो सकता है. जब शरीर फिजिकली थका हुआ होता है, तो ब्रेन के लिए उसकी फंक्शनिंग को बनाए रखना कठिन हो जाता है. इसके कारण ब्रेन में एब्नॉर्मल एक्टिविटी पैदा हो सकती है, जिससे मिर्गी के दौरे का खतरा बढ़ सकता है. खासकर जब व्यक्ति पर्याप्त एनर्जी नहीं खींच पाता और शरीर के कार्बोहाइड्रेट्स कम हो जाते हैं.
5. हाई या लो ब्लड ग्लूकोज : ब्लड ग्लूकोज का लेवल भी मिर्गी के दौरे को इफेक्ट कर सकता है. अगर किसी व्यक्ति का ब्लड ग्लूकोज बहुत ज्यादा कम या ज्यादा हो जाता है, तो यह ब्रेन के नॉर्मल फंक्शनिंग में रुकावट पैदा कर सकता है. बच्चों में खास तौर पर, जब वे ठीक तरीके से भोजन नहीं करते या ब्लड ग्लूकोज का लेवल गड़बड़ाता है, तो दौरे की संभावना बढ़ जाती है. इसके अलावा, गर्भावस्था के दौरान भी ब्लड ग्लूकोज का इंबैलेंस मिर्गी के दौरे को पैदा कर सकता है.
6. दवाओं का प्रभाव : कई बार मिर्गी के दौरे दवाओं के कारण भी पैदा हो सकते हैं. कुछ दवाएं, विशेष रूप से जब उन दवाओं का सेवन अचानक बंद कर दिया जाता है या खुराक में कोई बदलाव होता है, तो ब्रेन में एब्नॉर्मल एक्टिविटी को बढ़ा सकती हैं. मिर्गी के रोगियों को नियमित रूप से अपनी दवाओं का सेवन करना चाहिए और किसी भी प्रकार के दवा के बदलाव के लिए डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है.
Also Read: कितने प्रकार की होती है मिर्गी? क्या हर मिर्गी के लक्षण और कारण अलग होते हैं? जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट
7. संक्रमण और बुखार : खासकर बच्चों में, बुखार और संक्रमण के कारण मिर्गी के दौरे का खतरा बढ़ सकता है. जब शरीर का तापमान बहुत ज्यादा बढ़ता है, तो यह ब्रेन पर असर डाल सकता है और मिर्गी के दौरे को ट्रिगर कर सकता है. इसी तरह, किसी भी प्रकार का संक्रमण, जैसे सिरदर्द या वायरल बुखार, ब्रेन की फंक्शनिंग में व्यवधान पैदा कर सकता है, जिसके कारण मिर्गी के दौरे हो सकते हैं.
8. हार्मोनल बदलाव : महिलाओं में हार्मोनल बदलाव भी मिर्गी के दौरे का एक सामान्य कारण हो सकते हैं. मासिक धर्म, गर्भावस्था और मेनोपॉज जैसे हार्मोनल बदलाव ब्रेन में असंतुलन पैदा कर सकते हैं, जिससे मिर्गी के दौरे का खतरा बढ़ जाता है. खासकर मासिक धर्म के समय हार्मोनल उतार-चढ़ाव के कारण मिर्गी के दौरे बढ़ सकते हैं.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं