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हरियाणा चुनाव : अंबाला कैंट से अनिल विज की राह नहीं है आसान, जानें समीकरण

Haryana Assembly Elections 2024: हरियाणा में बीजेपी के दिग्गज नेता अनिल विज के लगातार चौथी बार चुनावी मैदान में हैं तो वहीं, कांग्रेस से कुमारी शैलजा के करीबी पूर्व पार्षद परविंदर सिंह परी ताल ठोक दिया है.

हरियाणा चुनाव : अंबाला कैंट से अनिल विज की राह नहीं है आसान, जानें समीकरण
अंबाला:

चुनावी राज्य हरियाणा में दिग्गज बीजेपी नेता अनिल विज(Anil Vij) की अंबाला कैंट विधानसभा सीट (Ambala Cantt Assembly) पर सभी की नजरें हैं. अनिल विज लगातार चौथी बार इस सीट से चुनावी मैदान में हैं. जब 2014 में केंद्र में भाजपा की सरकार बनी और नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री से प्रधानमंत्री के पद की जिम्मेदारी उठाई, उसी साल हरियाणा की सत्ता में भी भाजपा की वापसी हुई. 10 साल तक शासन करने के बाद लगातार तीसरी बार सत्ता में वापसी करना पार्टी के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है.

बीजेपी के हरियाणा यूनिट में कई दिग्गज नेता मौजूद हैं, जो समय-समय पर मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी पेश करते आए हैं. इसी में एक नाम अनिल विज का भी है. छह बार के विधायक और दो बार प्रदेश सरकार में मंत्री बन चुके अनिल विज समय-समय पर प्रदेश का मुखिया बनने की अपनी व्यक्तिगत चाहत दिखा चुके हैं.

अनिल विज की राह आसान नहीं!
भारतीय जनता पार्टी ने अंबाला कैंट विधानसभा सीट से 71 वर्षीय अनिल विज को उम्मीदवार बनाया है. वो इस सीट से छह बार से विधायक रह चुके हैं. हालांकि, इस बार विधायक बनने की राह उनके लिए पहले जैसी आसान नहीं होगी. दरअसल, कांग्रेस ने कुमारी शैलजा के करीबी पूर्व पार्षद परविंदर सिंह परी को टिकट दिया है. 'आप' ने राज कौर गिल को टिकट देकर आधी आबादी को साधने की कोशिश की है. वहीं, इनेलो-बसपा गठबंधन से ओंकार सिंह, जजपा-असपा गठबंधन से करधान मैदान में हैं. पूर्व कांग्रेस नेता चित्रा सरवारा ने इस विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार को रूप में ताल ठोका है. वह प‍िछली बार दूसरे स्‍थान पर थीं. 

अनिल विज के सामने इनकंबेंसी की भी बड़ी चुनौती है. दरअसल, कई चुनावी विश्लेषक मानते हैं कि अगर किसी दल की सरकार लगातार दो या उससे अधिक बार सत्ता में रहती है, तो वोटरों का रुझान उसकी तरफ थोड़ी कम होती है.

बीजेपी को पंजाबी और जट सिख वोटर्स पर भरोसा
अगर मतदाताओं के परिपेक्ष से बात करें, तो अंबाला कैंट में पंजाबी और जट सिख के करीब 80 हजार मतदाता है. दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा वैश्य समाज के वोटरों की संख्या है. भाजपा को यहां पर पंजाबी और जट सिख के वोटर्स पर भरोसा है. दूसरी तरफ ओबीसी समाज को भी लेकर भी पार्टी आश्वस्त है. विज को मुख्यमंत्री की दावेदारी पेश करने का भी एडवांटेज मिल सकता है. अगर विज इस बार चुनाव जीतते हैं, तो अंबाला कैंट से लगातार चार बार और कुल सात बार विधायक बनने का तमगा उनके सिर लगेगा.

बता दें कि 90 विधानसभा सीटों वाले हरियाणा में पांच अक्टूबर को मतदान होना है, वहीं इसके नतीजे आठ अक्तूबर को सामने आएंगे. जहां पहले भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर मानी जा रही थी, वहीं 'आप' की एंट्री ने चुनाव को त्रिकोणीय मोड़ दे दिया है.
 

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