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This Article is From Apr 14, 2022

"दूल्‍हे को नसबंदी के लिए मजबूर किया गया" : कांग्रेस से नाराज हैं गुजरात में पार्टी के दिग्गज नेता हार्दिक पटेल

समझा जाता है कि पाटीदार समाज के प्रभावी नेता हार्दिक, अपने समाज के एक अन्‍य नेता नरेश पटेल को शामिल करने के मामले में पार्टी के रवैये से नाराज हैं.

"दूल्‍हे को नसबंदी के लिए मजबूर किया गया" : कांग्रेस से नाराज हैं गुजरात में पार्टी के दिग्गज नेता हार्दिक पटेल
हार्दिक पटेल ने कहा है, कांग्रेस की गुजरात इकाई की बैठक में उन्‍हें बुलाया नहीं जाता

ऐसे समय जब गुजरात में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं, कांग्रेस में अंदरूनी मतभेद उभरकर सामने आए हैं.  गुजरात में कांग्रेस के कार्यकारी अध्‍यक्ष हार्दिक पटेल (Hardik Patel) ने सार्वजनिक रूप से पार्टी आलाकमान के खिलाफ नाराजगी का इजहार किया है. हार्दिक पटेल, जिन्‍हें वर्ष 2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले राहुल गांधी ने कांग्रेस में शामिल किया था,  ने पार्टी के चल रही आतंरिक खींचतान को उजागर करते हुए आरोप लगाया है कि शीर्ष नेतृत्‍व उनकी  अनदेखी कर रहा है. नाराजगी जताते हुए हार्दिक पटेल ने कहा कि राज्‍य कांग्रेस इकाई की किसी बैठक में उन्‍हें आमंत्रित नहीं किया जाता और किसी भी फैसल सले से पहले उनसे सलाह भी नहीं ली जाएगी. 

इंडियन एक्‍सप्रेस ने हार्दिक के हवाले से कहा, "पार्टी में मेरी स्थिति उस दूल्‍हे के जैसी है जिसे नसबंदी (vasectomy) से गुजरना पड़ा है." समझा जाता है कि पाटीदार समाज के प्रभावी नेता (हार्दिक),  अपने समाज के एक अन्‍य नेता नरेश पटेल को शामिल करने के मामले में पार्टी के रवैये से नाराज हैं.  उनके बयान कांग्रेस पार्टी के लिए परेशानी का कारण बन रहे हैं जिसका गुजरात के विधानसभा चुनाव में सत्‍तारूढ़ बीजेपी के साथ सीधा मुकाबला है. पीएम नरेंद्र मोदी के गृह राज्‍य गुजरात में विधानसभा चुनाव इसी वर्ष दिसंबर में होने हैं. हार्दिक ने कहा, "नरेश पटेल को कांग्रेस पार्टी में शामिल करने को लेकर चल रही चर्चा पूरे समाज के लिए अपमानजनक है. दो माह से अधिक समय हो चुका है लेकिन इस बारे में अब तक फैसला नहीं हुआ है. कांग्रेस हाईकमान या स्‍थानीय नेतृत्‍व को नरेश पटेल को शामिल करने के बारे में त्‍वरित निर्णय लेना चाहिए." पाटीदार आंदोलन के दौरान दर्ज हुए 2015 के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट की ओर से उनकी सजा पर रोक लगाए जाने के बाद चुनाव लड़ने का इरादा जताते हुए हार्दिक ने यह बात कही.  उन्‍होंने कहा कि  पाटीदार आरक्षण आंदोलन ने कांग्रेस को वर्ष 2015 के स्‍थानीय निकाय चुनाव और 2017 के विधानसभा चुनावों में बड़ी संख्‍या में सीट जीतने में मदद की थी. 2017 के विधानसभा चुनाव में 182 सदस्‍यीय विधानसभा में कांग्रेस ने 77 सीटों पर जीत हासिल की थी.  

उन्‍होंने कहा, "...लेकिन इसके बाद क्‍या हुआ? कांग्रेस में कई लोग महससू करते हैं कि 2017 के बाद कांग्रेस की ओर से हार्दिक की क्षमताओं का सही तरीके से इस्‍तेमाल नहीं किया गया. संभवत: ऐसा इसलिए हुआ क्‍योंकि पार्टी के कुछ लोगों का सोचना है कि यदि मुझे आज महत्‍व दिया गया गया तो मैं पांच या 10 साल बाद उनके राह में आऊंगा. " हार्दिक को वर्ष 2020 में गुजरात में कांग्रेस का कार्यकारी अध्‍यक्ष बनाया गया था. उन्‍होंने कहा कि 2017 के विधानसभा चुनाव में हमारे (पार्टीदार समाज) कारण कांग्रेस को फायदा हुआ. इस बीच, गुजरात कांग्रेस प्रमुख जगदीश ठाकोर ने कहा है कि वे जल्‍द ही हार्दिक पटेल से मिलकर उनकी 'चिंताओं' को जानेंगे. ठाकोर ने कहा, 'कांग्रेस नरेश पटेल का स्‍वागत करने के लिए तैयार है..लेकिन फाइनल निर्णय उन्‍हें ही करना है.

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